Shravasti News: किसानों के लिए जरूरी जानकारी: बीमारियों से फसलों को बचाएं, अच्छी पैदावार पाएं

Shravasti News: फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए बीज और खेत (भूमि) का शोधन (ट्रीटमेंट) करना बहुत जरूरी है। अगर आप बिना शोधन के बुवाई करते हैं, तो फसलें रोगों का शिकार होकर बर्बाद हो सकती हैं।

Radheshyam Mishra
Published on: 26 May 2025 8:47 PM IST
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Shravasti News: आज कल चल रहे बिगड़े हुए मौसम में अगर आप अपनी फसलों को खरपतवार, कीटों और चूहों से बचाना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए है! जिला कृषि रक्षा अधिकारी अनिल प्रसाद मिश्र ने बताया है कि फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए बीज और खेत (भूमि) का शोधन (ट्रीटमेंट) करना बहुत जरूरी है। अगर आप बिना शोधन के बुवाई करते हैं, तो फसलें रोगों का शिकार होकर बर्बाद हो सकती हैं।

क्यों है बीज और भूमि शोधन जरूरी?

हर साल खरपतवार, रोगों, कीटों और चूहों से उत्तर प्रदेश में फसलों को करीब 15 से 20 प्रतिशत तक नुकसान होता है। खरपतवारों के बाद सबसे ज्यादा नुकसान बीमारियों से होता है, जो कभी-कभी महामारी का रूप ले लेती हैं और पूरी फसल को नष्ट कर देती हैं। फसलों में रोग बीज, मिट्टी, हवा और कीटों से फैलते हैं। खरीफ 2025 में बोई जाने वाली फसलों में बीज जनित या भूमि जनित रोगों से बचाव के लिए बीज शोधन बेहद महत्वपूर्ण है।

शोधन से क्या फायदा?

"बीज शोधन" करके आप कम लागत में अपनी फसल को रोगों से बचा सकते हैं और अधिक पैदावार ले सकते हैं। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। बीज शोधन के बिना, कई फफूंदजनित और जीवाणुजनित रोगों का प्रकोप फसलों में देखा जाता है। ये रोग फैलाने वाले फफूंद और जीवाणु बीज से चिपके रहते हैं या मिट्टी में पड़े रहते हैं। जब बीज बोया जाता है और उसे नमी मिलती है, तो ये पनपने लगते हैं और फसल को बीमार कर देते हैं।

कैसे करें बीज और भूमि शोधन?

धान की फसल के लिए:

• धान में जीवाणु झुलसा और जीवाणुधारी रोग से बचाव के लिए, स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट 90% और टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड 10% के 4 ग्राम को 25 किलोग्राम बीज के लिए 10 लीटर पानी में मिलाकर रात भर भिगोकर रखें।

• अगले दिन छाया में सुखाकर, उस धान के बीज को कार्बेन्डाजिम 50% डब्ल्यूपी (WP) 2 ग्राम प्रति किलोग्राम के हिसाब से शोधित करके बुवाई करें। दलहनी फसलों के लिए:

• किसान भाई दलहनी फसलों में ट्राइकोडर्मा का उपयोग 4 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से शोधित करके करें। भूमि शोधन के लिए:

• ट्राइकोडर्मा जैविक कीटनाशक का उपयोग बीज शोधन के साथ-साथ भूमि शोधन में भी करें।

• 2.5 से 3.0 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा को 50 से 60 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर एक सप्ताह तक छाया में रखें।

• इसके बाद अंतिम जुताई के समय इसका प्रयोग करें। इससे मिट्टी से होने वाले रोगों से छुटकारा मिलेगा।

महत्वपूर्ण जानकारी: सभी रसायन विकासखंड स्तर पर स्थित राजकीय कृषि रक्षा इकाइयों पर 75% अनुदान पर उपलब्ध हैं।

समस्या होने पर कहां संपर्क करें?

जिला कृषि अधिकारी ने बताया है कि कीट/रोग और खरपतवार की समस्या के समाधान के लिए किसान भाई कृषि विभाग में अपना पंजीकरण नंबर या अपना नाम, गांव का नाम, विकास खंड और जिले का नाम लिखते हुए (कीट/रोग की फोटो के साथ) मोबाइल नंबर 9452247111 और 9452257111 पर एसएमएस/व्हाट्सएप भेजें। आपकी समस्या का समाधान 48 घंटे के भीतर आपके मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से भेजा जाएगा। इसके अलावा, किसान भाई अपनी नजदीकी कृषि रक्षा इकाई से भी संपर्क करके अपनी फसलों को लगने वाले कीटों और रोगों की समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

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