श्रावस्ती में शिक्षकों ने TET अनिवार्यता के खिलाफ डीएम को सौंपा ज्ञापन, विशेष अध्यादेश की मांग

Shravasti News: श्रावस्ती में हजारों शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा TET अनिवार्यता के निर्णय के खिलाफ विरोध जताते हुए प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा।

Radheshyam Mishra
Published on: 16 Sept 2025 8:21 PM IST
श्रावस्ती में शिक्षकों ने TET अनिवार्यता के खिलाफ डीएम को सौंपा ज्ञापन, विशेष अध्यादेश की मांग
X

Shravasti News

Shravasti News: उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ श्रावस्ती ने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को संबोधित डीएम अजय कुमार द्विवेदी को आज ज्ञापन सौंपा है। संघ ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर शिक्षकों की गंभीर चिंता जताई है एवं केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग किया है।जिला अध्यक्ष विनय पांडेय ने बताया कि आगामी 01 सितम्बर 2025 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार “सभी नियुक्त शिक्षकगण को दो वर्षों के भीतर अनिवार्य रूप से शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) उत्तीर्ण करना होगा, अन्यथा उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी”।

यह निर्णय न केवल हजारों शिक्षकों के जीवन और आजीविका पर सीधा प्रहार है, बल्कि यह शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 (Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009 - RTE Act) की मूल भावना के भी विपरीत है। उन्होंने कहा कि दो वर्षों में सभी शिक्षकों से TET उत्तीर्ण करवाना व्यावहारिक रूप से असंभव है। अनेक शिक्षक वर्षों से अपनी सेवा ईमानदारी से दे रहे हैं, जिनकी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा विधिसम्मत प्रक्रिया से हुई थी। यह निर्णय हजारों परिवारों को बेरोजगारी और असुरक्षा की खाई में धकेल देगा।

संघ का प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार से अनुरोध है कि विशेष अध्यादेश (Ordinance) लाकर इस निर्णय के प्रभाव को निरस्त करें।और RTE Act, 2009 की धारा 23 में संशोधन कर यह प्रावधान किया जाए कि पहले से कार्यरत शिक्षकों को सेवा से हटाया न जाए। कहा कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को नियुक्ति पूर्व योग्यता के रूप में लागू रखा जाए, न कि पहले से नियुक्त शिक्षकों के लिए नौकरी छिनने का कारण बनाया जाए। वही जिला मंत्री सत्य प्रकाश वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस निर्णय के गम्भीर प्रभाव को समझते हुए तुरंत हस्तक्षेप करें और लाखों शिक्षकों व उनके परिवारों की आजीविका की रक्षा सुनिश्चित करें।

जिला उपाध्यक्ष हरीश कुमार ने कहा इस निर्णय को भविष्यगामी (Prospective) रूप से लागू किया जाए, जिससे कार्यरत शिक्षकों की सेवा सुरक्षित रहे। सर्वोच्च न्यायालय सदैव “न्याय भविष्यगामी होगा, भूतगामी नहीं” (Judgment is prospective, not retrospective) के सिद्धांत पर आधारित रहता है। इसका आशय यह है कि कोई भी निर्णय आने वाले समय की नीतियों और व्यवस्थाओं पर लागू होना चाहिए, पहले से स्थापित व्यवस्थाओं और नियुक्तियों को असुरक्षित नहीं करना चाहिए। पूर्व में भी कई ऐतिहासिक निर्णयों (जैसे केशवानंद भारती केस, इंदिरा साहनी केस) में न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि व्यवस्था में सुधार आवश्यक है, परंतु पहले से स्थापित अधिकार और आजीविका छीनी नहीं जा सकती है।

वहीं ब्लॉक अध्यक्ष अनूप श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एक विशेष अध्यादेश (Ordinance) लाकर यह स्पष्ट किया जाए कि वर्तमान में कार्यरत शिक्षक किसी भी स्थिति में सेवा से बाहर न किए जाएँ। संयुक्त मंत्री अंकित श्रीवास्तव ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 21(A) 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार देता है। “शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009” की धारा 23 के अंतर्गत शिक्षक योग्यता का निर्धारण NCTE द्वारा किया जाता है।

इसमें यह भी व्यवस्था है कि राज्यों को संक्रमणकाल (Transitional Period) प्रदान करने का अधिकार है ताकि नियुक्त शिक्षकों पर अन्याय न हो। जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष वीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आज समय की आवश्यकता है कि प्रधानमंत्री हस्तक्षेप कर इस न्यायालयीय निर्णय को भविष्यगामी स्वरूप दें। इससे न केवल लाखों शिक्षकों की नौकरी और उनके परिवार सुरक्षित होंगे, बल्कि बच्चों को भी अनुभवी शिक्षक मिलते रहेंगे और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 अपनी वास्तविकता में कायम रहेगा। जिला कोषाध्यक्ष सुनील दत्त शुक्ल ने कहा न्याय का सिद्धांत सदा भविष्यगामी होता है, भूतगामी नहीं। जो शिक्षक पहले से विधिसम्मत नियुक्ति पाकर वर्षों से शिक्षा सेवा में योगदान दे रहे हैं, उनकी नौकरी पर खतरा लटकाना न तो न्याय है और न ही नीति। केंद्र सरकार इस समस्या का समाधान करे।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 23 में संशोधन करके यह स्पष्ट करे कि नियुक्ति से पूर्व TET का अस्तित्व ही नहीं था यह नियम कार्यरत शिक्षकों पर लागू नही होगा। इस अवसर रामकरण चौहान धर्मेंद्र चौधरी आनंद त्रिपाठी देवेंदु त्रिपाठी राकेश चौधरी राकेश श्रीवास्तव दिवाकर सिंह मीनल श्रीवास्तव अलका श्रीवास्तव नंदिता जायसवाल विनोद अभिमन्यु सिंह अमर सिंह अनुराग गुप्ता चंद्र प्रकाश वर्माकृष्ण कुमार तिवारी दिवाकर प्रताप सिंह गंगाराम यादव राधेश्याम सिंह कुशवाहा जनार्दन यादव अरविंद वर्मा संतोष पाठक अल्पना पांडे श्रवण सिंह विजय चौधरी नंद कुमार पाठक, उदय सिंह ,घनश्याम पाठक, संजीव गौतम ,अनूप वर्मा ,अम्बरीष सिंह, मोहन यादव, देशराज, मिथिलेश मिश्रा, सुनीता यादव ,निधि वर्मा ,अर्चना तिवारी, सुधा सिंह, अनुपम शर्मा।

प्रतिमा पाठक, अमित टंडन ,शैली चौधरी ,रेणुकटियार, निवेदिता मिश्रा, सुरेंद्र मिश्रा ,धर्मेंद्र मिश्रा बबीता ,देवी शांतनु, श्रवण श्रीवास्तव राजेश कुमार ,आशुतोष श्रीवास्तव, प्रभाकर श्रीवास्तव ,करुणेश प्रताप सिंह ,अभिमन्यु सिंह ,प्रदीप पटेल ,प्रदीप जायसवाल, ब्रिजेश पासवान ,आसिया खातून ,अर्चना देवी, प्रियंका सिंह ,शैलजा राठौर ,मेहरुन्निसा, आतिया प्रवीण, अवधेश यादव, परमेश सिंह ,महेश चंद्र मेहरा, बृजेश कुमार ,नदीम अहमद मोहम्मद, शब्बीर खान, फिरोज अहमद, बालमुकुंद मौर्य, इकबाल अहमद ,इमरान हुसैन ,महबुल्ला खान ,किशोरी लाल ,राधे लाल मोहम्मद ,अरशद खान ,किरण प्रताप सिंह, प्रमोद यादव, राम सकल चौहान, घनश्याम पाठक ,शमशाद खान, इरशाद अहमद ,राममिलन यादव ,संतोष मिश्रा उत्तम चौधरी ,विपिन त्रिपाठी ,राकेश चौधरी, दिवाकर मिश्रा ,कमलेश कुमार, मनीष ,पाठक सहित पर हजारों की संख्या में शिक्षक साथी उपस्थित रहे।

1 / 4
Your Score0/ 4
Shalini singh

Shalini singh

Mail ID - [email protected]

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!