TRENDING TAGS :
खौफ में जी रहे हैं अलवारा झील को गुलजार करने वाले साइबेरियन पक्षी
कौशांबी: कौशांबी की अलवारा झील में विदेशी पक्षियों का मेला सा लग गया है। झील में देसी पक्षियों के साथ-साथ विदेशी परिदों की चहचहाट पर्यटकों का ध्यान खींच रही है। वहीं, इनके झुंड शिकारियों के निशाने पर भी हैं। यहां रोजाना हजारों पक्षियों का शिकार किया जा रहा है, जिसकी वजह से वो खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं।
क्यों आते है अलवारा झील में पक्षी?
* अलवारा झील 2250 बीघे में बनी है। कमल के फूल इसकी सुन्दरता में चार-चांद लगाते हैं।
* ये पक्षी हजारों मील की दूरी तय कर साइबेरिया से यहां आते है।
* पक्षी समूह में उड़ते है। इनमें प्रेम और अनुराग इंसानों की तरह देखने को मिलता है।
* इन पक्षियों की खासियत ये है कि ये जोड़ों में रहते हैं और कभी अलग नहीं होते हैं।
* मादा की मौत के बाद नर भी अपनी जान दे देता है।
* ये नवंबर में यहां आते हैं और फरवरी के अंत में अपने वतन लौट जाते हैं।
कैसे हो रहा है इन पक्षियों का शिकार?
* इलाके में लोग बड़े पैमाने पर पक्षियों के मांस की तस्करी के लिए शिकार कर रहे है।
* इन पक्षियों के मांस की मांग बाजार में काफी ज्यादा होने की वजह से शिकारी इनका रोज शिकार कर रहे हैं।
* पहले बदूंक से शिकार किया जाता है, लेकिन शोर से पक्षी उड़ जाते थे।
* अब एयर राइफल का इस्तेमाल किया जाता है।
* पानी में कीटनाशक का इस्तेमाल कर इन्हें मारा दिया जाता है।
* देसी बाजार में पक्षियों के मांस की कीमत 100-200 रुपए महज है।
वन विभाग की जवाबदेही
* इन परिंदों की सुरक्षा की जिम्मेदारी वन विभाग की होती है।
* इसके बावजूद वन विभाग के कर्मचारी झील की ओर रुख नहीं करते हैं।
* अधिकारी रामदेव पांडेय के मुताबिक, परिंदों की सुरक्षा का ख्याल रखा जाता है।
* एक फॉरेस्टर और दो फॉरेस्ट गार्ड की ड्यूटी लगाई गई है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!