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Unnao News: ईरान-इजराइल युद्ध पर बोले मौलाना रज़ा अब्बास – इजराइल की सीज़फायर मांग दर्शाती है उसकी हार
Unnao News: युद्ध में इजराइल को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। अगर ईरान हार रहा होता, तो सीज़फायर की अपील उसी की ओर से आती।
ईरान-इजराइल युद्ध पर बोले मौलाना रज़ा अब्बास (photo: social media )
Unnao News: शिया जामा मस्जिद चौधराना के इमामे जुमा मौलाना रज़ा अब्बास ने ईरान और इजराइल के बीच हालिया युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इजराइल की जीत के दावे पर सवाल खड़े होते हैं, जब खुद इजराइल की ओर से सीज़फायर की मांग उठाई गई। अगर वास्तव में इजराइल विजयी हुआ होता, तो फिर युद्धविराम की पहल ईरान से होती, न कि इजराइल या उसके सहयोगी अमेरिका से।
मौलाना रज़ा अब्बास ने कहा कि यह स्पष्ट है कि युद्ध में इजराइल को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। अगर ईरान हार रहा होता, तो सीज़फायर की अपील उसी की ओर से आती। लेकिन जब इजराइल की ओर से युद्ध रोकने की बात उठाई गई, तो इससे साफ होता है कि वह दबाव में है और अब आगे युद्ध नहीं चाहता।
अमेरिका के इशारे पर ही इजराइल ने यह युद्ध शुरू किया
उन्होंने यह भी कहा कि इजराइल अकेले इतनी ताकत नहीं रखता कि वह ईरान जैसे ताकतवर देश से युद्ध कर सके। अमेरिका के इशारे पर ही इजराइल ने यह युद्ध शुरू किया और जब ईरान ने मुंहतोड़ जवाब दिया, तब जाकर अमेरिका को भी खुलकर सामने आना पड़ा। उन्होंने बताया कि अमेरिका ने ईरान के कुछ इलाकों पर हमला किया, लेकिन ईरान ने भी पलटवार करते हुए स्पष्ट कर दिया कि वह दबाव में झुकने वाला नहीं है।
केवल आधुनिक हथियारों से युद्ध नहीं जीते जाते
मौलाना ने ईरान सरकार और वहां की जनता की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने पूरे संयम और ताकत के साथ जवाब दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया अब यह समझने लगी है कि केवल आधुनिक हथियारों से युद्ध नहीं जीते जाते, बल्कि हौसले और हक की लड़ाई में जीत उसी की होती है, जो मजलूम के साथ खड़ा हो।
अंत में उन्होंने यह भी कहा कि यह लड़ाई केवल दो देशों के बीच की नहीं, बल्कि ज़ुल्म और हक़ के बीच की लड़ाई है। ईरान ने इस लड़ाई में अपने पक्ष को मजबूती से रखा और पूरी दुनिया को यह दिखाया कि वह सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि रणनीति और नेतृत्व में भी सक्षम है।
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