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Unnao News: ‘लिबरल आर्ट्स एजुकेशन इन द एआई ऐज’ पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी का राष्ट्रीय कॉन्क्लेव
Unnao News: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश के स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड बिहेवियरल साइंस ने आज ‘लिबरल आर्ट्स एजुकेशन इन द एआई ऐज’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्क्लेव का आयोजन किया।
Unnao News: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश के स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड बिहेवियरल साइंस ने आज ‘लिबरल आर्ट्स एजुकेशन इन द एआई ऐज’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्क्लेव का आयोजन किया। कार्यक्रम में एआई के बढ़ते प्रभाव के बीच लिबरल आर्ट्स की भूमिका, मानवीय दृष्टिकोण और नैतिक मूल्यों को लेकर विशेषज्ञों ने व्यापक विचार-विमर्श किया। मुख्य वक्ता प्रो. प्रमोद के. नायर (यूनेस्को चेयरपर्सन, यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद) ने कहा कि लिबरल आर्ट्स छात्रों को एआई की तकनीकी समझ के साथ-साथ उसके सामाजिक, नैतिक और राजनीतिक पहलुओं से भी परिचित कराता है। उन्होंने कहा कि जलवायु संकट, मानसिक स्वास्थ्य और वर्क-लाइफ बैलेंस जैसे मुद्दों पर साहित्य और कला की मदद से सोच विकसित करना ज़रूरी है।
प्रो. ओंकारनाथ उपाध्याय (लखनऊ यूनिवर्सिटी) ने कहा कि लिबरल आर्ट्स शिक्षा विद्यार्थियों को बहुआयामी सोच, संवाद कौशल और समस्या समाधान की दक्षता से लैस करती है। उन्होंने भारत की पारंपरिक ‘16 कलाओं’ का उल्लेख करते हुए लिबरल आर्ट्स को एक समावेशी दृष्टिकोण बताया, जो शिक्षा, विज्ञान, तकनीक और मानविकी को जोड़ता है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी के प्रो वाइस चांसलर डॉ. थिपेन्द्र पी. सिंह ने कहा कि एल्गोरिद्म के युग में मानवीय मूल्यों वाली शिक्षा पहले से कहीं अधिक ज़रूरी हो गई है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का बी.ए. लिबरल आर्ट्स प्रोग्राम युवाओं को भविष्य की जटिल भूमिकाओं के लिए तैयार करने का प्रयास है, जहां एआई एक पूरक की भूमिका निभाता है, प्रतिस्पर्धी की नहीं। कॉन्क्लेव में यह निष्कर्ष निकला कि लिबरल आर्ट्स, नई शिक्षा नीति के अनुरूप एक समग्र और संवेदनशील शिक्षा मॉडल प्रस्तुत करता है, जो छात्रों को न केवल रोजगार के लिए बल्कि बेहतर नागरिक बनने के लिए भी तैयार करता है।
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