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योगी का बड़ा फैसला: UP फायर सर्विस का होगा 'मेगा' पुनर्गठन, आग बुझाने तक सीमित नहीं; आपदा प्रबंधन के लिए बनेंगे 1000 से ज़्यादा नए पद!
UP Fire Service: यूपी फायर सर्विस का मेगा पुनर्गठन: 1000+ नए पद, हर जिले में त्वरित आपात सेवाएं, अत्याधुनिक उपकरण और विशेष प्रशिक्षित यूनिट।
UP Fire Service: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में बढ़ती जनसंख्या, तेजी से बढ़ता औद्योगिक क्षेत्र और शहरीकरण को ध्यान में रखते हुए अग्निशमन विभाग की संरचना को और सशक्त, आधुनिक तथा जनसुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील बनाना अब समय की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फायर सर्विस को केवल आग बुझाने तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए, बल्कि इसे आपदा प्रबंधन, रेस्क्यू ऑपरेशन और आपात सेवाओं के समेकित स्वरूप में विकसित किया जाना चाहिए।
हर रीजन में विशेष प्रशिक्षित यूनिट और आधुनिक उपकरणों से लैस फायर सर्विस
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश अग्निशमन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दिए। बैठक में उन्होंने विभागीय कैडर की समीक्षा और जरूरतों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हर रीजन में विशेष रूप से प्रशिक्षित यूनिट बनाई जाए, जो केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल हादसों और सुपर हाईराइज बिल्डिंग जैसी परिस्थितियों से निपटने में सक्षम हों। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने फायर सर्विस को अत्याधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित जनशक्ति से लैस करने के निर्देश दिए, ताकि विभाग हर आपात स्थिति में तत्पर और प्रभावी प्रतिक्रिया दे सके।
नए पद सृजन से फायर सर्विस की क्षमता और प्रशासनिक मजबूती बढ़ेगी
बैठक में विभाग में नए पद सृजन पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग की प्रशासनिक क्षमता और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए हर जनपद में अकाउंट कैडर स्थापित किया जाए। साथ ही, राज्य अग्निशमन प्रशिक्षण महाविद्यालय में अतिरिक्त पद बनाए जाएं, ताकि प्रशिक्षण और अनुसंधान की गुणवत्ता को और बेहतर किया जा सके। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद विभाग में राजपत्रित संवर्ग के 98 और अराजपत्रित संवर्ग के लगभग 922 नए पद सृजित होने का रास्ता खुल गया है। इससे जनपद, रीजनल और मुख्यालय स्तर पर फायर सर्विस की कार्यक्षमता और जनसेवा क्षमता को नई मजबूती मिलेगी।
हर जिले में त्वरित फायर और आपात सेवाओं की सुनिश्चितता और नई ऑपरेशनल यूनिट्स
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रत्येक जिले में फायर और आपात सेवाओं की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने एक्सप्रेस-वे पर बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए निर्देश दिए कि प्रत्येक 100 किलोमीटर की दूरी पर फायर टेंडर सहित छोटी फायर चौकी स्थापित की जाए। इससे दुर्घटना की स्थिति में गोल्डन ऑवर के भीतर राहत और बचाव कार्य शुरू किया जा सके। बैठक में बताया गया कि नई ऑपरेशनल इकाइयों के रूप में कुशीनगर, आजमगढ़, श्रावस्ती, कानपुर नगर, अयोध्या, अलीगढ़, मुरादाबाद, चित्रकूट और सोनभद्र एयरपोर्ट पर फायर सर्विस की समुचित जनशक्ति पहले ही तैनात की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फायर सर्विस जनता के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा से सीधे जुड़ा हुआ विभाग है। इसकी संरचना ऐसी होनी चाहिए, जो हर परिस्थिति में त्वरित, कुशल और उत्तरदायी प्रतिक्रिया देने में सक्षम हो। उन्होंने कहा कि विभाग का पुनर्गठन समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए, ताकि इसका लाभ शीघ्र जनता तक पहुंच सके।
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