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UP News: सिर्फ व्यापार ही नहीं, कला-संस्कृति का भी संगम बनने जा रहा है यूपीआईटीएस
UP News: सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को मिलेगा वैश्विक मंच|
पहला दिन: भोजपुरी और कथक का संगम
दूसरा दिन: सूफी और रसिया की जुगलबंदी
तीसरा दिन: अवधी लोकगायन और थारू नृत्य का आकर्षण
चौथा दिन: बुंदेली और राई-सैरा की झलक
28 सितंबर को मंच पर आएंगे बुंदेलखंड और उसकी सांस्कृतिक धरोहर। बस्ती के ब्रजेश साण्डिल्य भजन गायन से भक्तिभाव का माहौल बनाएंगे। अंबेडकर नगर की मानसी सिंह रघुवंशी लोकगायन करेंगी। ललितपुर के जितेन्द्र कुमार बुंदेली गायन से मन मोह लेंगे और मोहिनी राई-सैरा लोकनृत्य प्रस्तुत करेंगी।
पांचवा दिन: सुगम संगीत और कबीर गायन का समापन
29 सितंबर की अंतिम शाम को आधुनिक और आध्यात्मिक संगीत का संगम देखने को मिलेगा। लखनऊ की लोकप्रिय जोड़ी सचेत-परम्परा सुगम संगीत से समां बांधेंगे। सोनभद्र के संतोष मादल सिंहा नृत्य से लोकजीवन की ऊर्जा दिखाएंगे। प्रयागराज के जलज श्रीवास्तव कबीर गायन से संत परंपरा को जीवंत करेंगे और नोएडा की अनुराधा शर्मा कथक नृत्य से कार्यक्रम का भव्य समापन करेंगी।
सांस्कृतिक महाकुंभ का संदेश
योगी सरकार ने इंटरनेशनल ट्रेड शो को सिर्फ व्यापारिक आदान-प्रदान का मंच ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की समृद्ध लोककलाओं और सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करने का भी अवसर बनाया है। यह आयोजन उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता को दुनिया के सामने पेश करेगा। पांच दिनों का यह कार्यक्रम राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि का जीवंत दस्तावेज होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि व्यापार और संस्कृति एक-दूसरे के पूरक हैं। योगी सरकार ने इस बार इंटरनेशनल ट्रेड शो को एक ऐसा मंच बनाने का प्रयास किया है, जहां उद्यमिता और निवेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की समृद्ध कला और संस्कृति का भी प्रचार-प्रसार हो। थारू, बुंदेली, अवधी और भोजपुरी लोकधरोहरों की झलक दुनिया के सामने पेश होगी, जिससे न सिर्फ कलाकारों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान भी मजबूत होगी।
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