टॉस से मिली जीत, 21 साल की लड़की बनी प्रधान, BJP की हालत पतली, उत्तराखंड पंचायत चुनाव ने उड़ाए होश

Uttarakhand Panchayat Chunav Result 2025: उत्तराखंड पंचायत चुनाव में 21 साल की लड़की बनी सबसे कम उम्र की प्रधान, टॉस से तय हुई जीत, और BJP को लगा तगड़ा झटका।

Harsh Srivastava
Published on: 31 July 2025 3:36 PM IST
टॉस से मिली जीत, 21 साल की लड़की बनी प्रधान, BJP की हालत पतली, उत्तराखंड पंचायत चुनाव ने उड़ाए होश
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Uttarakhand Panchayat Chunav Result 2025: क्या आप सोच सकते हैं कि एक चुनाव में जीत हार का फैसला 'टॉस' से हो सकता है? क्या आपने कभी सुना है कि सिर्फ 21 साल की लड़की ग्राम प्रधान बन जाए? और क्या बीजेपी जैसी बड़ी पार्टी का खाता तक न खुले? अगर नहीं, तो उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 के नतीजे आपके होश उड़ा देंगे। सुबह से चल रही वोटों की गिनती ने बड़े-बड़े सूरमाओं को अर्श से फर्श पर ला दिया है, वहीं नए चेहरों और निर्दलीयों ने ऐसा कमाल कर दिखाया है कि राजनीतिक पंडित भी हैरान हैं। कहां बीजेपी को लगे तगड़े झटके और कहां कांग्रेस ने गाड़े जीत के झंडे, जानिए हर ब्लॉक से आ रही सबसे चौंकाने वाली खबरें।

टॉस से मिली जीत, कहीं 21 साल की उम्र में मिली 'प्रधानगी'

उत्तराखंड पंचायत चुनाव के नतीजे सुबह 8 बजे से लगातार आ रहे हैं और 89 ब्लॉक केंद्रों पर मतगणना जारी है। इन नतीजों ने कई मायनों में सबको चौंका दिया है। सबसे दिलचस्प मामला तो तब सामने आया जब प्रधान पद के एक उम्मीदवार की जीत का फैसला 'टॉस' के जरिए हुआ। जी हाँ, आपने सही पढ़ा, दोनों उम्मीदवारों को बिल्कुल बराबर वोट मिले, जिसके बाद सिक्का उछाला गया और भाग्य ने विजेता का चुनाव किया। यह दिखाता है कि इस बार मुकाबला कितना कांटे का रहा है।

वहीं, चमोली जिले से एक और हैरान कर देने वाली खबर आई है। यहां प्रियंका नेगी महज 21 साल की उम्र में सबसे कम उम्र की ग्राम प्रधान बन गई हैं। गैरसैंण विकासखंड के आदर्श ग्राम सारकोट की रहने वाली प्रियंका अब अपने गांव की जिम्मेदारी संभालेंगी। यह गांव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोद लिया हुआ है। प्रियंका की जीत यह भी दर्शाती है कि युवा पीढ़ी अब राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है और जनता भी उन पर भरोसा जता रही है।

बीजेपी को बड़े झटके, कांग्रेस और निर्दलीयों का जलवा

मतगणना के शुरुआती रुझानों और दोपहर 2 बजे तक के परिणामों से कई राजनीतिक समीकरण बदलते दिख रहे हैं। सत्ताधारी बीजेपी को कई जगहों पर तगड़ा झटका लगा है। उदाहरण के तौर पर, रुद्रप्रयाग जिला पंचायत सीट पर चार राउंड की मतगणना खत्म होने के बावजूद बीजेपी अभी तक अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। यहां कांग्रेस ने दो सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि निर्दलीयों ने चार सीटों पर परचम लहराया है। यह बीजेपी के लिए चिंता का विषय हो सकता है, खासकर तब जब वे राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

दूसरी ओर, कांग्रेस ने कई सीटों पर बड़ी जीत हासिल की है, जिससे उसके खेमे में खुशी का माहौल है। देहरादून जिला पंचायत सदस्य के 37 सीटों के परिणामों में से 11 पर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। वहीं, टिहरी में कांग्रेस समर्थित सीता देवी ने भूत्सी जिला पंचायत सीट पर 112 वोटों से शानदार जीत हासिल की है। खास बात यह है कि सीता देवी का नामांकन पहले रद्द हो गया था, लेकिन हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिली, और अब उन्होंने जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया है। बागेश्वर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। कपकोट ब्लॉक से पूर्व ब्लॉक प्रमुख गोविंद दानू बीडीसी चुनाव में सिर्फ 7 वोटों से हार गए। यह दिखाता है कि इस बार जनता ने बड़े नामों की बजाय शायद नए चेहरों और स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता दी है।

देहरादून और रामनगर का चुनावी गणित

देहरादून जिला पंचायत सदस्य के परिणामों में मिलीजुली तस्वीर सामने आई है। घोषित 37 सीटों में से 26 पर बीजेपी समर्थित और बीजेपी के बागी उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है, जबकि 11 सीटों पर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार विजयी रहे हैं। यह बताता है कि देहरादून में बीजेपी का पलड़ा भारी रहा है, लेकिन कांग्रेस ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

रामनगर में ग्राम प्रधान और बीडीसी सदस्यों के नतीजे भी सामने आए हैं, जहां विभिन्न दलों के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। ग्राम प्रधान के तौर पर क्यारी से नवीन सती, टेडा से राशि रावत, भलोन से धर्मेंद्र कुमार, पाटकोट से रमेश चंद्र, चुकुम से सौरभ कुमार, नाथूपुर से इंदु लटवाल, गजपुर छोई से सुरेश बिष्ट, पूछड़ी से नरगिस, मंगलार से हेमंत बिष्ट, ढिकुली से खष्टी देवी, कठियापुल से जसकरण सिंह और चिलकिया से तनुप्रिया ने जीत दर्ज की है।

बीडीसी सदस्यों में भी मिलीजुली जीत हुई है। किशनपुर छोई से भूपेंद्र कुमार (बीजेपी), नाथूपुर छोई से मोरध्वज लटवाल (बीजेपी), पूछड़ी से भावना रावत (बीजेपी ), जस्सागांजा से रामसिंह जलाल (बीजेपी ), दयारामपुर टांडा से हंसी जलाल (बीजेपी ), ढिकुली से सुमन रावत (बीजेपी ), पाटकोट से अजय (कांग्रेस ), टेढ़ा से संजय नेगी (निर्दलीय), और शंकरपुर भूल से श्वेता बिष्ट (बीजेपी) ने जीत दर्ज की है।

कुल मिलाकर उत्तराखंड पंचायत चुनाव के नतीजे यह दिखाते हैं कि स्थानीय स्तर पर जनता ने किसी एक पार्टी को पूरी तरह से समर्थन नहीं दिया है, बल्कि मुद्दों और व्यक्तिगत उम्मीदवारों पर ज्यादा भरोसा जताया है। निर्दलीय उम्मीदवारों की बड़ी संख्या में जीत यह भी संदेश देती है कि लोग अब पारंपरिक पार्टी राजनीति से हटकर नए विकल्पों की तलाश में हैं। यह चुनाव आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी एक बड़ा संकेत हो सकता है।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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