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Afghanistan की बस एक चूक... और टूट जाएगा युद्धविराम! Pak के रक्षा मंत्री ख्वाजा ने दे डाली वार्निंग
Khawaja Asif warning to Afghanistan:अफगानिस्तान-पाक के सीज़फायर के बाद अब पाक के रक्षा मंत्री ने अपने बयान में सख्त चेतावनी दे डाली है कि यह युद्धविराम अफगानिस्तान की तरफ़ से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) पर नियंत्रण पर निर्भर है, हालांकि अफगानिस्तान ने TTP से कोई भी जुड़ाव होने से नकार दिया है।
Khawaja Asif warning to Afganistan
Khawaja Asif warning to Afghanistan: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इस वक़्त भयंकर तनाव चल रहा है। हाल ही में दोनों देशों के बीच तगड़ा संघर्ष छिड़ा, जिसमें दोनों ने एक दूसरे पर ताबड़तोड़ हमला बोला। इसी के कुछ दिन बाद युद्ध पर विराम लगा। अब इस युद्धविराम के बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने अफगानिस्तान को बड़ी चेतावनी दे डाली है। उन्होंने कहा, सीज़फायर काबुल के TTP पर नियंत्रण पर निर्भर है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने हाल ही के अपने बयान में कहा कि अफगानिस्तान के साथ हुआ युद्धविराम समझौता शर्तों पर आधारित है। उन्होंने साफ़ किया कि यह समझौता केवल इस बात पर निर्भर करता है कि अफगानिस्तान की इस्लामी अमीरात (तालिबान सरकार) पाक पर हमले करने वाले विरोधी समूहों, जिनमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) शामिल है, को अपने नियंत्रण में रख सकती है या नहीं।
कब तक चलेगा ये युद्धविराम?
पाक के रक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि युद्धविराम के लिए इलहाल कोई समय निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह युद्धविराम तब तक जारी रहेगा जब तक समझौते का उल्लंघन नहीं हो जाता। उन्होंने कहा, यह बहुत स्पष्ट तौर से बोला गया था कि किसी भी तरह से कोई भी घुसपैठ नहीं होगी और TTP को उनकी जमीन पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। हमने इसे कई बार दोहराया।
अफगानिस्तान ने TTP को लेकर क्या कहना है?
दूसरी तरफ़, कतर में तालिबान सरकार के कार्यवाहक राजदूत सुहैल शाहीन ने कहा कि तालिबान सरकार का तहरीक-ए-तालिबान पाक की सभी करतूतों से कोई संबंध नहीं है। शाहीन ने यह भी बताया कि, हम किसी को भी अफगान की जमीन का गलत तरह से प्रयोग कर पाकिस्तान पर हमला करने की अनुमति नहीं देते। हमने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है, हम किसी समूह को स्वीकार नहीं करते और न ही किसी को समर्थन देते हैं।
इसी बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक, साथ ही ब्रिटेन और मिस्र के विदेश मंत्रालयों ने काबुल और इस्लामाबाद के बीच हुए सीज़फ़ायर समझौते का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने इस समझौते को बरक़रार रखने और विवादों को राजनयिक बातचीत के ज़रिये से हल करने के महत्व पर बल दिया।
स्टीफन दुजारिक ने कहा, अफगानिस्तान-पाक को लेकर, हमें पूरी उम्मीद है कि यह युद्धविराम बरकरार रहेगा और सभी लंबित मुद्दों को कूटनीतिक तरीकों से समाधान किया जाएगा।
दोनों देशों के बीच छिड़ा भयंकर युद्ध
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच करीब 8 दिनों तक हुए युद्ध के बाद तत्काल युद्धविराम समझौते पर कतर और तुर्की की मध्यस्थता से दोहा में हस्ताक्षर किए गए। इसी के बाद निरंतर पाकिस्तान अब भी TTP को लेकर अफगानिस्तान पर तगड़ा हमला बोल रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान ने आतंकवादियों को पनाह दी हुई है। वहीं, दूसरी ओर अफगानिस्तान ने इस बात से साफ़ इनकार किया है।
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