अफगानिस्तान की इस 'ताकत' से हिल गया Pak! कुछ घंटों में किया सरेंडर, जानें कैसे पलट गया पूरा खेल?

Afghanistan-Pakistan Tension 2025: अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बीच जन्मा भयंकर संघर्ष एक क्षेत्रीय अस्थिरता का बड़ा संकेत है, जहां Pak के पास आधुनिक सेना और परमाणु क्षमता मौजूद है, वहीं अफगानिस्तान इस मामले में बहुत पीछे है। यहाँ जानें दोनों देशों में कौन ताकतवर...

Priya Singh Bisen
Published on: 15 Oct 2025 1:34 PM IST (Updated on: 15 Oct 2025 1:47 PM IST)
Afghanistan-Pakistan Tension 2025
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Afghanistan-Pakistan Tension 2025

Afghanistan-Pakistan Tension 2025: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के संबंध काफी लम्बे वक़्त से तनावपूर्ण रहे हैं। हाल के दिनों में यह तनाव एक बार फिर हिंसक झड़पों में तब्दील हो गया है। पाकिस्तान ने बीते गुरुवार यानी 9 अक्टूबर 2025 को अफगान इलाके पर बम्पर मिसाइलें बरसाईं, जिसके पलटवार में अफगान सेना ने शनिवार यानी 11 अक्टूबर 2025 की रात में पाकिस्तान के बहरामपुर क्षेत्र में तगड़ा जवाब दिया। इस झड़प में पाकिस्तान के कई सैनिकों की जान चली गयी और अफगानबलों ने कुछ चौकियों पर अपना कब्जा जमा लिया। अफगान सेना ने कुछ पाकिस्तानी सैनिकों को भी बंदी बना लिया है। बता दे, यह पूरी घटना ड्यूरंड रेखा के नज़दीक हुई, जो दोनों देशों के बीच विवाद का सबसे बड़ा कारण है।

ड्यूरंड रेखा करीब 2,000 छह सौ चालीस किलोमीटर लंबी सीमा है, जो 1893 में ब्रिटिश शासन काल में विकसित की गई थी। पाकिस्तान इसे अंतरराष्ट्रीय सीमा मानता है, लेकिन अफगानिस्तान इसे आजतक स्वीकार नहीं किया। अफगान पक्ष का ऐसा मानना है कि यह सीमा पश्तून इलाकों को कृत्रिम रूप से विभाजन करने का काम करती है। यही बड़ा कारण है कि इस क्षेत्र में बार-बार संघर्ष और गोलीबारी जैसी तमाम बड़ी घटनाएं होती रहती हैं।

Pak की सैन्य स्थिति के हालात

ग्लोबल फायरपावर 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान विश्व की 12वीं सबसे ताकतवर सेना है। देश ने अपनी कुल अर्थव्यवस्था का करीब ढाई % भाग यानी 10 अरब डॉलर से ज़्यादा रक्षा खर्च में खर्च करता है। पाकिस्तान के पास 6,40,000+ प्रशिक्षित सैनिक मौजूद हैं, 2627 टैंक हैं, 328 लड़ाकू विमान हैं। पाकिस्तानी नौसेना अरब सागर तक फैली हुई है। इसकी सहायता उसे समुद्री सुरक्षा में बढ़ोतरी प्रदान करता है। पाकिस्तान की सेना तकनीकी रूप से एडवांस्ड है और चीन के साथ उसकी रणनीतिक साझेदारी उसकी शक्ति को और अधिक मजबूत बनाती है।

पाकिस्तान की परमाणु और मिसाइल की क्षमता

जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान अपने परमाणु कार्यक्रम पर लगभग हर साल अरबों डॉलर लगाता है। देश के पास कई तरह के दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिनको चीन की तकनीकी मदद से बनाया गया है। इस कारण पाकिस्तान के पास दूसरा हमला करने की क्षमता यानी सेकंड स्ट्राइक कैपेबिलिटी भी है, जिससे उसकी रक्षा नीति और मजबूत होती है।

अफगानिस्तान की सैन्य स्थिति के मौजूदा हालात

अफगानिस्तान की सैन्य क्षमता पाकिस्तान की तुलना में बेहद सीमित है। ग्लोबल फायरपावर की लिस्ट में उसे 118वां स्थान मिला है। साल 2021 में अमेरिकी समर्थित सरकार के टूटने के बाद देश पर तालिबान का नियंत्रण हो गया। तालिबान ने कुछ पुराने सैन्य संसाधनों को संभालकर रखा है, लेकिन उसके पास न तो आधुनिक वायुसेना मौजूद है और न ही नौसेना। ज़्यादातर सैन्य रणनीति गुरिल्ला युद्ध पर आधारित है, जो पहाड़ी इलाकों में बेहद लाभकारी साबित होती है।

अफगान बलों की ताकत

मौजूदा हालातों में अफगानिस्तान के पास तकरीबन 80,000 सक्रिय सैनिक और 30,000 अर्धसैनिक बल हैं। देश के पास सीमित संख्या में टैंक, बख्तरबंद वाहन और तोपखाने मौजूद हैं। कुछ पुराने लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर भी प्रयोग में लाये जाते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा मुश्किल है। मिसाइल तकनीक और आधुनिक हथियारों की कमी उसकी रक्षा क्षमता को कमजोर बनाती है।

Pak-अफगानिस्तान के बीच सैन्य शक्ति की तुलना

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सैन्य शक्ति की तुलना करने पर साफ़ अंतर नज़र आता है। पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार, आधुनिक वायुसेना और भारी संख्या में प्रशिक्षित सैनिक मौजूद हैं, जबकि अफगानिस्तान सीमित संसाधनों से ही काम चला रहा है। पाकिस्तान के पास चीन और तुर्की जैसे सहयोगी देश भी हैं, वहीं अफगानिस्तान के पास कोई औपचारिक सहयोगी नहीं है। अफगान पक्ष की सबसे बड़ी ताकत उसकी भौगोलिक स्थिति और पहाड़ी इलाकों में काफ़ी लंबे वक़्त से चली आ रही युद्धक रणनीति है। इसी के सहयोग से आज अफगान के आगे पकिस्तान को घुटने टेकने पड़ गए।

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