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2 जिहादियों को बना दिया सलाहकार, एक का आतंकियों से लिंक-अप; आखिर किस दिशा में जा रहा अमेरिका?
ट्रंप प्रशासन में व्हाइट हाउस के 2 सलाहकार की नियुक्ती हुई, जो जिहादी हैं और उनका कनेक्शन आंतकियों के साथ है।
व्हाइट हाउस में दो जिहादियों की नियुक्ती
अमेरिका पिछले काफी दिनों से अपने बयान और फैसलों को लेकर चर्चा में रहा। इस बीच एक बार फिर अमेरिका की तरफ से ऐसा फैसला लिया गया, जिसने सबको चौंका दिया। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने प्रशासन में विवादस्पद नियुक्तियों को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। ट्रंप प्रशासन ने व्हाइट हाउस में 2 जिहादियों को सलाहकार बोर्ड के सदस्य के तौर पर नियुक्त किया है। इसमें इस्माइल रॉयर, जो आतंकवाद से संबंधित आरोपों में 13 साल की जेल की हवा खा चुका है और पूर्व जिहादी हमजा यूसुफ का नाम शामिल है।
इस्माइल रॉयर का बैकग्राउंड
ट्रंप प्रशासन में इस्माइल रॉयर को व्हाइट हाउस के धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के सलाहकार बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया है। सेंट लुईस में जन्मे रान्डेल टोड रॉयर ने 1992 में इस्लाम धर्म अपनाया था। जिसके बाद उसने अपना नाम इस्माइल रख लिया था। वह बोस्नियाई शरणार्थियों के साथ काम करता था। इसके बाद गृहयुद्ध लड़ने के लिए वह बोस्निया चला गया। इस्माइल साल 2000 में पाकिस्तान भी गया, जहां पर उसका संपर्क लश्कर-ए-तैयबा के साथ हुआ। इसके बाद से वह वर्जीनिया में लोगों को आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए कोशिश करने लगा।
इस्माइल पर आतंकवाद से संबंधित आरोप लग चुके हैं, जिसके लिए उसने 13 साल जेल में बिताए। इस्माइल पर अमेरिका के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने और अल-कायदा और लश्कर-ए-तैयबा को मदद करने का भी आरोप था। इतना ही नहीं, वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, इस्माइल ने साल 2004 में विस्फोटकों के इस्तेमाल में मदद करने के आरोप स्वीकार तक किए थे। इसी मामले में इस्माइल को 20 साल की सजा सुनाई गई थी और वह 13 साल जेल में रहा।
लश्कर के लोग पसंद करता था इस्माइल
इस्माइल ने एक बार इंटरव्यू में लश्कर-ए-तैयबा के साथ अपने रिश्ते पर बात करते हुए कहा था, "मुझे लश्कर-ए-तैयबा के लोग पसंद थे। मैं बिन लादेन के खिलाफ था और अल-कायदा को चरमपंथियों के ग्रुप के रूप में देखता था। मुझे लश्कर में जाने की सलाह दी गई और बताया गया कि वह चरमपंथी ग्रुप नहीं है। उनका झुकाव सऊदी अरब के इमाम की तरफ है। मैंने मुसलमानों को लश्कर में शामिल होने और कश्मीर में प्रशिक्षण लेने के लिए प्रोत्साहित किया। यह प्रशिक्षण नॉर्मल था, बिल्कुल पर्यटन की तरह। यहां लोगों को बंदूकें चालने को मिलेगा और पहाड़ों पर घूमने को मिलेगा फिर वापस घर भेज दिया जाता।"
शेख हमजा यूसुफ कौन है?
पूर्व जिहादी शेख हमजा यूसुफ को भी व्हाइट हाउस के सलाहकार बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया है। वह कैलिफोर्निया में जैतुना कॉलेज का सह-संस्थापक है। पत्रकार लॉरा लूमर के मुताबिक, शेख हमजा का कनेक्शन हमास और मुस्लिम ब्रदरहुड से है। उन्होंने आगे बताया कि 2001 में 9/11 हमले से दो दिन पहले युसूफ ने जमील अल अमीन केलिए एक पैसे जुटाने के लिए इवेंट आयोजित किया था। जमील अल अमीन पर एक पुलिस अधिकारी के मर्डर का केस दर्ज था। जानकारी के मुताबिक, शेख हमजा पर इस्लामिक जिहादियों और प्रतिबंधित आतंकी समूहों से संबंध होने का आरोप है।
अमेरिका ने दोनों की नियुक्तियों पर क्या कहा?
इस्माइल और शेख हमजा की नियुक्तियों पर व्हाइट हाउस ने कहा, "इस्माइल मौजूदा समय में धार्मिक स्वतंत्रता संस्थान में इस्लाम और धार्मिक स्वतंत्रता कार्रवाई टीम के निदेशक हैं। 1992 में इस्लाम धर्म अपनाने के बाद उन्होंने पारंपरिक इस्लामी विद्वानों के साथ धार्मिक विज्ञान का अध्ययन किया है। साथ ही धर्मों के बीच शांति को बढ़ावा देने के लिए एक दशक से ज्यादा समय तक गैर-लाभकारी इस्लामी संगठनों में काम किया है।"
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