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चीन-पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ रची बहुत बड़ी साजिश! कई देश मिलकर 'हिंदुस्तान' को बना सकते हैं निशाना

China and Pakistan : अगर चीन और पाकिस्तान मिलकर SAARC की तर्ज़ पर नया क्षेत्रीय संगठन बनाने में सफल हो जाते हैं, तो यह...

Snigdha Singh
Published on: 30 Jun 2025 2:50 PM IST (Updated on: 30 Jun 2025 2:51 PM IST)
चीन-पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ रची बहुत बड़ी साजिश! कई देश मिलकर हिंदुस्तान को बना सकते हैं निशाना
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China Pakistan: भारत के साथ तनावपूर्ण रिश्तों के बीच पाकिस्तान और चीन दक्षिण एशिया में एक नए क्षेत्रीय संगठन की रूपरेखा तैयार करने में जुटे हैं। इस पहल का उद्देश्य दक्षिण एशिया में SAARC (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ) की जगह एक नया प्रभावशाली मंच स्थापित करना बताया जा रहा है। हालांकि, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन राजनयिक सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि भारत को इस मंच से अलग रखकर बाकी पड़ोसी देशों को शामिल करने की योजना बन रही है।

कुनमिंग बैठक में हुई चर्चा, बांग्लादेश की भी मौजूदगी

इंडिया टुडे ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून के हवाले से जानकारी दी है कि इस क्षेत्रीय समूह को लेकर चीन और पाकिस्तान के बीच गहन बातचीत चल रही है। 19 जून को चीन के कुनमिंग शहर में आयोजित एक बैठक में बांग्लादेश की भी भागीदारी रही। इस दौरान SAARC में शामिल रहे अन्य दक्षिण एशियाई देशों को एक नए गठजोड़ में लाने की संभावनाओं पर चर्चा की गई।

पाकिस्तानी अखबार के अनुसार, कुनमिंग बैठक का मुख्य उद्देश्य ऐसे देशों को आमंत्रित करना था जो पहले SAARC का हिस्सा रहे हैं, ताकि उन्हें एक नए मंच के तहत एकजुट किया जा सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रीलंका, मालदीव और अफगानिस्तान जैसे देश भी इस नए समूह का हिस्सा बन सकते हैं।

भारत को निमंत्रण? संभावना बेहद कम

राजनयिक सूत्रों के अनुसार, चीन और पाकिस्तान की यह नई रणनीति भारत को बाहर रखते हुए बनाई जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत को औपचारिक निमंत्रण भेजने की संभावना भी कम ही है, क्योंकि दोनों पक्षों के "विभिन्न रणनीतिक हित" टकरा सकते हैं। ऐसे में भारत की इस पहल में भागीदारी की संभावना बेहद क्षीण मानी जा रही है।

SAARC की प्रासंगिकता पर सवाल

SAARC की स्थापना 8 दिसंबर 1985 को हुई थी और इसमें शुरू में 7 देश शामिल थे। 2007 में अफगानिस्तान भी इसका सदस्य बना। हालांकि 2016 के बाद से यह संगठन लगभग निष्क्रिय है। आखिरी बार 2014 में काठमांडू में SAARC शिखर सम्मेलन हुआ था, जिसके बाद नेताओं की कोई बैठक नहीं हुई।

2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 महामारी के दौरान एक वर्चुअल बैठक के ज़रिए SAARC देशों को एकजुट करने का प्रयास किया था और SAARC कोविड फंड का प्रस्ताव भी रखा था। हालांकि, इसी वर्ष पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में प्रस्तावित 19वें शिखर सम्मेलन का भारत ने बहिष्कार करने का फैसला किया था, जिससे संगठन की सक्रियता और घट गई।

नया गुट और क्षेत्रीय संतुलन

अगर चीन और पाकिस्तान मिलकर SAARC की तर्ज़ पर नया क्षेत्रीय संगठन बनाने में सफल हो जाते हैं, तो यह न केवल भारत के लिए कूटनीतिक चुनौती होगा, बल्कि दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय प्रभाव को लेकर शक्ति संतुलन भी बदल सकता है। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि अन्य पड़ोसी देश इस पहल पर क्या रुख अपनाते हैं और भारत इसका किस तरह से जवाब देता है।

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Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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