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भारत-जर्मनी की बड़ी डील से बढ़ीं डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें! द्विपक्षीय ट्रेड को लेकर की बड़ी घोषणा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके जर्मन समकक्ष जोहान वेडफु ने संयुक्त प्रेस वार्ता में आतंकवाद के खिला
India-Germany Foreign Ministers Talk (PHOTO: SOCIAL MEDIA)
India-Germany Foreign Ministers Talk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर भारी टैरिफ लागू किये जाने के बीच भारत और जर्मनी ने द्विपक्षीय रिश्तों और व्यापार को मजबूती देने के मार्ग में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
जयशंकर ने जर्मनी की सराहना की
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जर्मनी के सहयोग की प्रशंसा करता है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच उद्योग, साइबर सुरक्षा, डिजिटल संवाद और सेमीकंडक्टर सेक्टर पर ख़ास चर्चा हुई। जयशंकर ने बताते हुए कहा कि भारत जर्मन कंपनियों की चिंताओं पर खासतौर से ध्यान देगा और उन्हें भारत में कारोबार करने के लिए हर संभव सहयोग मिलेगा।
भारत के युवा इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभा सकते हैं - जयशंकर
सेमीकंडक्टर को आने वाले समय का महत्वपूर्ण क्षेत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत के युवा इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसके अलावा दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष सहयोग को भी आगे वृद्धि करने पर सहमति बनी। जर्मन विदेश मंत्री ने ISRO का दौरा किया और ग्रीन हाइड्रोजन व ग्रीन एनर्जी फाइनेंस जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी वार्ता हुई।
शिक्षा के क्षेत्र में भी दोनों देशों ने बड़े फैसले लिए। जयशंकर ने बताया कि जर्मनी में सबसे ज़्यादा संख्या भारतीय छात्रों की है और अल्पकालिक कॉलेज विजिट के लिए फ्री वीजा पर मंजूरी बनी है। वहीं, उन्होंने अरिहा शाह मामले को भी उठाया और कहा कि इसे बहुत जल्द सुलझाया जाना चाहिए। संयुक्त प्रेस वार्ता में जर्मन विदेश मंत्री ने भारत-यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का समर्थन किया और संभावना व्यक्त की कि साल के अंत तक यह समझौता हो जाएगा।
बता दे, भारत-जर्मनी की इस साझेदारी को अमेरिका के टैरिफ वार के बीच भारत के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।
भारत-जर्मनी रिश्तों में AI, एयरोस्पेस सहयोग पर जोर
जर्मन विदेश मंत्री जोहान वाडेफुल की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूती देने पर जोर दिया है। वाडेफुल ने कहा कि वह भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) का समर्थन करते हैं और उम्मीद जताई कि इस साल के आखिरी तक यह समझौता हो पूर्णतः हो जाएगा। उन्होंने भारत की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और एयरोस्पेस क्षेत्र में तेज़ी से बढ़ती क्षमताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि भविष्य में भारत इन क्षेत्रों में अग्रणी देशों में से एक होगा।
जर्मन विदेश मंत्री ने बताया कि दोनों देशों ने AI, अंतरिक्ष और एयरोस्पेस में मजबूती के साथ सहयोग दे सकता है। उन्होंने यूरोपीय संघ के AI एक्ट को वैश्विक मानकों के मार्ग में एक महत्वपूर्ण पहल बताया और कहा कि भारत-जर्मनी का सहयोग जिम्मेदार और नैतिक AI विकास को बढ़ावा देगा।
वाडेफुल ने यूक्रेन युद्ध पर भारत की सराहना की
इसके साथ ही वाडेफुल ने यूक्रेन युद्ध पर भी भारत की भागीदारी को अहम बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से शांति समझौते पर बल दिया था। उन्होंने अपील की कि भारत रूस के साथ अपने रिश्तों का इस्तेमाल यूरोप में शांति लाने के लिए करे।
चीन को लेकर चिंता
चीन को लेकर वाडेफुल ने गंभीर चिंता जताई और कहा कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उसका आक्रामक रवैया चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की ज़रूरत पर जोर देते हुए संयुक्त सैन्य अभ्यास और जर्मन फ्रिगेट की भारत यात्रा के लिए तेज प्रक्रियाओं का उल्लेख किया। वाडेफुल ने कहा कि इंडो-पैसिफिक की सुरक्षा सीधे तौर पर यूरोप की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।
बता दें, भारत-जर्मनी के बीच यह नई साझेदारी न सिर्फ्र तकनीकी विकास के साथ-साथ वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
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