क्या फिर से शुरू होगी जंग? Pak में कुछ घंटों में खत्म होगा सीज़फायर, शहबाज़ को सताने लगा डर

Pakistan ceasefire ending: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 48 घंटे का अस्थायी सीज़फायर खत्म होने के करीब है। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सुहैल अफरीदी की बैठक बहिष्कार और टीटीपी हमलों के बीच देश में राजनीतिक और सुरक्षा संकट गहराया है।

Harsh Srivastava
Published on: 17 Oct 2025 5:01 PM IST
क्या फिर से शुरू होगी जंग? Pak में कुछ घंटों में खत्म होगा सीज़फायर, शहबाज़ को सताने लगा डर
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Pakistan ceasefire ending: एक तरफ अफगानिस्तान सीमा पर तनाव चरम पर है और दूसरी तरफ देश के भीतर राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच घोषित 48 घंटे के अस्थाई सीजफायर की मियाद अब खत्म होने जा रही है, जिससे पाकिस्तान अफगानिस्तान के अगले कदम को लेकर सकपकाया हुआ है। ऐसे गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा संकट के बीच, प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ देश में यूनिटी (एकजुटता) नहीं होने का रोना रो रहे हैं। उनकी चिंता तब और बढ़ गई जब खैबर पख्तूनख्वा (KP) प्रांत के नए मुख्यमंत्री सुहैल अफरीदी ने प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की अध्यक्षता में होने वाली उच्च-स्तरीय बैठकों का बहिष्कार कर दिया। खैबर पख्तूनख्वा, जो अफगानिस्तान सीमा पर स्थित होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण प्रांत है, उसके मुख्यमंत्री ने जानबूझकर खुद को प्रधानमंत्री की बैठक से दूर कर लिया।

सीएम का बहिष्कार: ज़रूरी प्रतिबद्धताओं का हवाला

खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सचिवालय से जारी किए गए एक आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि 'ज़रूरी प्रतिबद्धताओं' की वजह से मुख्यमंत्री सोहैल अफरीदी 17 अक्टूबर को प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की अध्यक्षता में होने जा रही बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। इस चिट्ठी में पीएम शहबाज़ के सैन्य सचिव से अनुरोध किया गया कि खैबर पख्तूनख्वा सरकार की ओर से प्रतिनिधित्व करने के लिए पूर्व वित्त सलाहकार मुज्जमिल असलम को पीएम की बैठकों में शामिल होने की मंजूरी दी जाए। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री सुहैल अफरीदी इस्लामाबाद में मौजूद होने के बावजूद इस महत्वपूर्ण अंतर-प्रांतीय बैठक में शामिल नहीं हुए। यह राजनीतिक बहिष्कार ऐसे समय में हुआ है जब देश को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर सबसे ज़्यादा एकजुटता की ज़रूरत है।

48 घंटे का सीजफायर खत्म होने की कगार पर

पाकिस्तान पर दबाव इसलिए भी ज़्यादा है क्योंकि अफगानिस्तान के साथ घोषित 48 घंटे का अस्थाई सीजफायर आज शाम 6:00 बजे के आसपास खत्म होने वाला है। यह सीजफायर 15 अक्टूबर 2025 को शाम 6 बजे शुरू हुआ था, जिसे चमन और स्पिन बोल्डक सीमा पर हुई घातक झड़पों के बाद तनाव कम करने के लिए लागू किया गया था। बता दें कि पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों पर निशाना साधते हुए एयर स्ट्राइक किए थे। 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान में सत्ता में आने के बाद से यह दोनों मुल्कों के बीच इस तरह की सबसे भयावह झड़प थी। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ, जब तालिबान के विदेश मंत्री भारत के दौरे पर थे, जिसने पाकिस्तान के आरोपों को और भी बढ़ा दिया था।

टीटीपी का बढ़ता खतरा और राजनीतिक फूट

एक तरफ पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर तनाव फिर से बढ़ने वाला है, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान के भीतर टीटीपी के हमले बढ़ रहे हैं और अब खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री ने राजनीतिक विरोध दिखाते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा की बैठक से दूरी बना ली है। टीटीपी के लगातार आत्मघाती हमलों और सीमा पर हार के कारण पाकिस्तानी सेना पर दबाव है, वहीं शहबाज़ शरीफ़ सरकार घरेलू राजनीति में बिखरती दिख रही है। मुख्यमंत्री सुहैल अफरीदी का यह कदम संघीय सरकार और प्रांत के बीच बढ़ते राजनीतिक मतभेद को दर्शाता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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