पाकिस्तानी कट्टर जनरल: ताकतवर और सबसे खतरनाक जिहादी आसिम मुनीर, जानिए कैसे सेना में तरक्की पाकर पंहुचा यहाँ तक

Pakistan Dangerous Army Chief: पाकिस्तान के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति, सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर (Pakistan Army Chief Asim Munir) एक कट्टर और जिहादी जनरल है आइये आपको बताते हैं हम ऐसा क्यों कह रहे हैं।

Neel Mani Lal
Published on: 3 May 2025 2:40 PM IST
Pakistan Dangerous Army Chief Asim Munir
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Pakistan Dangerous Army Chief Asim Munir (Photo - Social Media)

Pakistan Dangerous Army Chief Asim Munir: किसी न किसी तरह भारत से लड़ना, हमेशा से पाकिस्तान की सेना का एक शगल रहा है। यही वजह है कि जब भी पाकिस्तानी आतंकवादियों ने भारत में कोई हरकत की तब सभी की नजरें पाकिस्तान की सेना और उसके एजेंटों की ओर जाती हैं।

पाकिस्तान का कट्टर और जिहादी जनरल है असीम मुनीर

पहलगाम हमले से हफ्ता भर पहले ही पाकिस्तान के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति, सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने एक भड़काऊ और आतंकियों को बढ़ावा देने वाला भाषण दिया था। उस भाषण में मुनीर ने मोहम्मद अली जिन्ना की बात को दोहराते हुए कहा था कि कश्मीर पाकिस्तान की "गले की नस" है। मुनीर ने ये भी कहा था कि पाकिस्तान "अपने कश्मीरी भाइयों को अकेला नहीं छोड़ेगा।" इसके पहले फरवरी में आसिम मुनीर ने पाकिस्तान के मुजफ्फाराबाद में एक कार्यक्रम में कहा था - "शरीर से गले की नस काटने का मतलब जीवन का अंत है।"

मुल्ला जनरल

दरअसल 57 वर्षीय मुनीर सेना का जनरल और कट्टर मुल्ला, दोनों है। जब वह सऊदी अरब में एक सैन्य अटैची के रूप में पोस्ट था उस समय मुनीर एक 38 वर्षीय लेफ्टिनेंट कर्नल था। तभी उसने पवित्र कुरान को कंठस्थ किया था और इस उपलब्धि के चलते उसे हाफिज़-ए-कुरान का खिताब मिला था।


पाक सेना के प्रमुख के रूप में, मुनीर अपने भाषणों में कुरान की आयतों और इस्लामी धर्मशास्त्र का खुल कर इस्तेमाल करता है। वह धाराप्रवाह अंग्रेजी, उर्दू और क्लासिकल अरबी में भाषण देता है। एक भाषण में उसने कहा था - आज तक, सिर्फ दो देश हैं जो कलमा की नींव पर बनाए गए हैं। सबसे पहले रियासात-ए-ताययाबा (या रियासात-ए-मदीना, पैगंबर द्वारा स्थापित पहला इस्लामिक स्टेट) था और दूसरा है पाकिस्तान जिसे अल्लाह ने 1,300 साल बाद बनाया।

इमाम का बेटा

पाकिस्तान सेना के टॉप जनरल आम तौर पर सैनिक खानदान से आते रहे हैं लेकिन मुनीर उनसे अलग है। वह किसी सैनिक खानदान का नहीं है बल्कि उसके पिता सैयद सरवर मुनीर एक स्कूल के प्रिंसिपल और स्थानीय मस्जिद के इमाम थे और पार्टीशन के समय 1947 में जालंधर से रावलपिंडी पहुंचे थे।

मुनीर ने रावलपिंडी में एक इस्लामी मदरसे, मरकज़ी मदरसा दार-उल-तजवीद में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उसने 1986 में मंगला में ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल से स्नातक किया और फ्रंटियर फोर्स रेजिमेंट की 23 वीं बटालियन में कमीशन हासिल किया।


सच्चाई ये है कि मुनिर उन कट्टर धार्मिक बदलावों की उपज है, जो ज़िया-उल-हक पाक सेना में लागू किये थे। जनरल जिया के समय में पाकिस्तान का इस्लामीकरण अगले ही लेवल का किया गया। सेना में लंबी दाढ़ी वाले अफसर बढ़ गए। कुरान और पैगंबर को उद्धृत करने वाले साइनबोर्ड कैंटोनमेंट के आसपास खड़े किए गए और सेना के अफसरों के मूल्यांकन में धार्मिक चीजें भी शामिल कर दी गईं। कई पाकिस्तानी जनरलों के विपरीत, मुनीर ने कभी भी पश्चिम के किसी देश में न काम किया है और न ब्रिटिश या अमेरिकी सैन्य संस्थानों में ट्रेनिंग ली है।

सेना में तरक्की का सफर

मुनीर जब भारतीय सीमा पर नार्थ सेक्टर कमांड में ब्रिगेडियर था तब वह तत्कालीन एक्स कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल क़मर जावेद बाजवा की नजर में आया। इसी ताल्लुक के चलते अंततः मुनीर सेना प्रमुख की कुर्सी तक पहुंच गया। 2017 की शुरुआत में, मुनीर को मिलिट्री इंटेलिजेंस के महानिदेशक के रूप में तैनात किया गया था। मार्च 2018 में, तत्कालीन मेजर जनरल मुनीर को पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े राष्ट्रीय सम्मान हिलाल-ए-इम्तियाज़ से सम्मानित किया गया। उसी साल सितंबर में उसे सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया और अक्टूबर में इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस का प्रमुख बना दिया गया।


जब फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकवादी हमला हुआ उस समय मुनीर ही आईएसआई प्रमुख था। आईएसआई प्रमुख के रूप में मुनीर का कार्यकाल सिर्फ आठ महीने तक चला। जून 2019 में, जनरल बाजवा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के आग्रह पर मुनीर को गुजरांवाला ट्रांसफर कर दिया। इसकी वजह ये थी कि मुनीर इमरान की पत्नी बुशरा बिबी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करना चाहता था। मुनीर अक्टूबर 2021 तक एक्सएक्सएक्स कोर का कमांडर तैनात रहा और उसके बाद उसे पाक सेना के क्वार्टरमास्टर जनरल के रूप में नियुक्त किया गया। नवंबर 2022 में रिटायरमेंट के सिर्फ तीन दिन पहले मुनीर को बाजवा की जगह सेना प्रमुख बनाया गया।

इमरान की खिलाफत

इमरान खान ने मुनीर के चयन का विरोध किया था लेकिन प्रधानमंत्री शहबाज और उनके गुरु नवाज शरीफ ने मुनीर का समर्थन किया। राष्ट्रपति आसिफ अल्वी, जो इमरान के प्रति वफ़ादार थे, को मुनीर की सेना प्रमुख के रूप में नियुक्ति का समर्थन करने के लिए मजबूर होना पड़ा। आज, इमरान जेल में है। इमरान ने बार -बार मुनीर पर उसके खिलाफ एक व्यक्तिगत शिकायत करने और यहां तक ​​कि हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है।


मुनीर को सेना प्रमुख के पद पर तीन साल पूरे करने के बाद नवंबर 2025 में रिटायर होना था। लेकिन नवंबर 2024 में उसने पाकिस्तान की संसद से एक विधेयक पारित करवा लिया, जिसके तहत सभी सेवा प्रमुखों का कार्यकाल 3 साल से बढ़ाकर 5 साल कर दिया गया और फोर स्टार जनरलों के लिए उम्र सीमा भी खत्म कर दी गई। मुनीर का मौजूदा कार्यकाल अब 2027 में समाप्त होगा, लेकिन उसके बाद भी वह फिर से नियुक्ति के लिए पात्र है।

निजी जीवन

मुनीर के परिवार को स्थानीय तौर पर हाफ़िज़ परिवार के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इसके कई सदस्यों को पूरी क़ुरान याद है।मुनीर अपनी फिटनेस पर बहुत ध्यान देता है और स्पोर्ट्स में काफी रुचि लेता है। उसकी पत्नी का नाम सईदा इरम मुनीर है और उनके तीन बच्चे हैं।

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