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भारत का 'दोस्त' और मदद कर रहा पाकिस्तान की, अब ये देश रुपए देकर बना रहा मजबूत
Loan For Pakistan: पाकिस्तान अब आर्थिक स्थिरता की ओर अग्रसर है। उन्होंने दावा किया कि IMF के सभी मानदंडों को पूरा कर लिया गया है।
Pakistan to UAE: गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की किस्मत में शायद अब सुधार के संकेत नजर आने लगे हैं। भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में झटका खाने के बाद भी, पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर अकेला नहीं छोड़ा गया है। अब एक और अहम कदम में, भारत के करीबी देश संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के तीन बैंकों से पाकिस्तान एक अरब डॉलर के कर्ज की व्यवस्था करने की कोशिश में है। यह कर्ज अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की उन प्रमुख शर्तों में से एक को पूरा करने के लिए लिया जा रहा है, जो पाकिस्तान को आर्थिक सहायता देने के लिए जरूरी है।
वर्चुअल मीटिंग में मांगा समर्थन
ARY न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने हाल ही में शारजाह इस्लामिक बैंक, अबू धाबी इस्लामिक बैंक और अजमान बैंक के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। इन बातचीतों में पाकिस्तान के आर्थिक उद्देश्यों और विकास योजनाओं को साझा करते हुए बैंकों से समर्थन का अनुरोध किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अब आर्थिक स्थिरता की ओर अग्रसर है। उन्होंने दावा किया कि IMF के सभी मानदंडों को पूरा कर लिया गया है, जिसमें कृषि क्षेत्र पर आयकर लागू करने जैसे अहम सुधार शामिल हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार में सुधार
औरंगजेब ने बैंकों को बताया कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार अब लगभग 14 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो तीन महीने के आयात खर्च को कवर करने के लिए पर्याप्त है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि महंगाई दर घटकर 0.3% तक आ गई है, जो एक सकारात्मक आर्थिक संकेत है। उन्होंने एशियाई विकास बैंक (ADB) के सहयोग को भी सराहा, जो इस संभावित ऋण के लिए गारंटी की भूमिका निभा रहा है।
IMF लक्ष्य को पूरा करने की होड़
IMF ने पाकिस्तान से जून 2025 तक विदेशी मुद्रा भंडार को 13.9 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसी क्रम में सरकार यूएई के बैंकों से 30 जून से पहले एक अरब डॉलर का कर्ज लेने की योजना बना रही है। हालांकि इस वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान का कुल विदेशी कर्ज का लक्ष्य 3.8 अरब डॉलर का है, लेकिन अब तक उसे केवल 504 मिलियन डॉलर ही प्राप्त हो सके हैं।
चीन और सऊदी अरब से भी सहायता की कोशिश
पाकिस्तान की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बांड से 1 अरब डॉलर जुटाने और चीन व सऊदी अरब से 9 अरब डॉलर की सहायता प्राप्त करने की योजना बनाई है। इसमें सऊदी अरब से 5 अरब डॉलर का टाइम डिपॉजिट और चीन से 4 अरब डॉलर का SAFE डिपॉजिट शामिल हैं। यह सहायता IMF कार्यक्रम के तहत बाहरी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक है। वित्त मंत्री ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और दुबई इस्लामिक बैंक को भी उनकी अहम भूमिका के लिए धन्यवाद दिया।
आर्थिक सुधारों की दिशा में बढ़ता पाकिस्तान
वित्त मंत्री औरंगजेब ने बैंकों को बताया कि पाकिस्तान अब बीते आर्थिक संकटों से उबर रहा है और सरकार ने कई अहम सुधार किए हैं। इनमें सरकारी कंपनियों का पुनर्गठन, निजीकरण को बढ़ावा देना और सरकारी ढांचे को छोटा करना शामिल है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब उत्पादकता और निर्यात-आधारित विकास की ओर बढ़ रहा है। आईटी क्षेत्र में मार्च में निर्यात 3.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया और रेकौ डिक प्रोजेक्ट से खनन उद्योग को नई ऊर्जा मिली है।
भविष्य में सहयोग के संकेत
बैठक में शामिल यूएई बैंकों के अधिकारियों ने पाकिस्तान की प्रगति की सराहना की और आगे भी सहयोग जारी रखने की इच्छा जताई। औरंगजेब ने कहा कि पाकिस्तान ऐसी साझेदारियों के लिए खुला है, जो आर्थिक विकास और विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा सकें।
पाकिस्तान की ये कोशिशें IMF के 7 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज का हिस्सा हैं, जिसका अगला मूल्यांकन फरवरी 2026 में होना है। अगर यह ऋण समय पर मिल जाता है, तो पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति में स्थिरता आने की संभावना है।
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