Pak तो गया! तालिबान-बलूच विद्रोहियों के बाद अब भारत ने भी भरी हुंकार, पाक की हिल गई नीव

पाकिस्तान 2025 में तीन मोर्चों पर संकट में फँस गया है! अफगान तालिबान, बलूच विद्रोही और भारत की 'जीरो टॉलरेंस' नीति ने पाक की सुरक्षा और रणनीति को हिला दिया है। सीमा पर संघर्ष और आतंकी हमलों के बीच पाकिस्तान की नींव डगमगा गई है।

Harsh Srivastava
Published on: 13 Oct 2025 2:28 PM IST
Pak तो गया! तालिबान-बलूच विद्रोहियों के बाद अब भारत ने भी भरी हुंकार, पाक की हिल गई नीव
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Taliban-Pakistan War Update: वर्ष 2025 में पाकिस्तान अपनी ही गलत नीतियों और प्रोपेगंडा वॉर के चलते तीनों मोर्चों पर महासंकट में फँस चुका है! पूरब में भारत का कठोर रुख, पश्चिम में अफगान तालिबान से भीषण संघर्ष और दक्षिण-पश्चिम में बलूच विद्रोहियों की बढ़ती बगावत ने पाकिस्तानी सेना और सुरक्षा नीति को बुरी तरह से हिला दिया है। पाकिस्तान की 'इस्लामिक उम्माह' की दुहाई देने वाली रणनीति धरी की धरी रह गई, और अब वह तीनतरफा युद्ध जैसी गंभीर स्थिति पैदा कर चुका है।

युद्ध त्रिकोण: तालिबान, बलूच और भारत से मार

पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (PICSS) के अनुसार, जनवरी से सितंबर 2025 तक हिंसा की घटनाएँ 2024 के पूरे साल के बराबर हो चुकी हैं। इस दौरान 500 से अधिक हमले हुए और सैकड़ों मौतें दर्ज हुईं, जिससे ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स 2025 में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर पहुँच गया है। अफगान तालिबान ने पाकिस्तान के दर्जनों सैनिक मार डाले हैं और कई सैन्य पोस्ट पर कब्जा भी कर लिया है। 9 अक्टूबर से शुरू हुए संघर्ष में कथित तौर पर पाकिस्तानी वायुसेना ने काबुल पर हवाई हमले किए, जिसके जवाब में तालिबान ने 58 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराने का दावा किया है।बलूचिस्तान के विद्रोही संगठन बीएलए (BLA) की बगावत पाकिस्तानी सेना को थका रही है। चीनी इंजीनियरों को निशाना बनाया जा रहा है, और बलूच रेयर अर्थ मैटेरियल को अमेरिका को बेचने की डील से उनका गुस्सा चरम पर है। भारत ने आतंकवाद के प्रति 'ज़ीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाकर शिमला समझौता रद्द कर दिया है और सिंधु जल संधि को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी भी आतंकी कार्रवाई को 'एक्ट ऑफ वॉर' माना जाएगा।

तालिबान के साथ 'दोस्ती' बनी सबसे बड़ी भूल

अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद पाकिस्तान ने सोचा था कि यह उसकी "रणनीतिक गहराई" (Strategic Depth) के सिद्धांत को मजबूत करेगा। लेकिन स्थिति बिल्कुल उलट हो गई। तालिबान पाकिस्तान-अफगानिस्तान की सीमा निर्धारित करने वाले डूरंड लाइन को ही नहीं मानता है। अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने 2021 में ही चेताया था कि तालिबान की सत्ता में वापसी को बढ़ावा देना एक भूल थी और पाकिस्तान को बाद में इसका पछतावा होगा। यह बात अब सच हो गई है, जब तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने पाकिस्तान की नाक में दम कर दिया है। सुरक्षा विशेषज्ञ माइकल कुग्लमैन कहते हैं कि तालिबान अब टीटीपी जैसे अपने सहयोगी लड़ाकों के खिलाफ नहीं जाता है, क्योंकि उसे अब पाकिस्तान के समर्थन की आवश्यकता नहीं है। इसी बीच तालिबानी नेता आमिर खान मुत्ताकी का भारत दौरा हुआ, जिसने पाकिस्तान की बेचैनी और बढ़ा दी।

बलूच विद्रोह: चीनी हितों पर सीधा हमला

दक्षिण-पश्चिम में पाकिस्तान की एक और बड़ी चुनौती बलोचों का विद्रोह है, जो बलूचिस्तान की कीमती खनिज संपदा की बंदरबाँट से नाराज हैं। फरवरी 2025 में ग्वादर पोर्ट के पास सुसाइड बॉम्बिंग में 4 चीनी इंजीनियर मारे गए, जो CPEC (चीन-पाक आर्थिक गलियारा) पर सीधा हमला था। मार्च 2025 में बीएलए ने जफर एक्सप्रेस ट्रेन हाइजैक की थी। सितंबर 2025 तक बलोचों के दर्जनों हमले ग्वादर, तुरबत और क्वेटा में दर्ज किए गए। पाकिस्तान बेबुनियाद आरोप लगाता है कि बीएलए को भारत से समर्थन मिलता है, लेकिन वह बलूच लैंड के असंतोष को नजरअंदाज करता है।

भारत की 'जीरो टॉलरेंस' नीति

भारत ने 2024 के बाद से पाकिस्तान के प्रति अपनी रणनीति को और कठोर बनाते हुए आतंकवाद के प्रति 'ज़ीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाई है। अप्रैल 2024 में पहलगाम हमले के बाद, भारत ने मई में ऑपरेशन सिंदूर से आतंकी हमलों का जवाब देते हुए पाकिस्तान की हेकड़ी निकाल दी। भारत ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के 9 ठिकानों पर मिसाइल हमले किए और चार दिनों तक हवाई, ड्रोन, साइबर युद्ध में पाकिस्तान के 10 से ज्यादा हवाई अड्डों को तहस-नहस कर दिया। भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट कहा है कि अगर इस बार गलती की तो ऐसी कार्रवाई होगी कि पाकिस्तान को सोचना पड़ेगा कि उसे इतिहास और भूगोल में रहना है या नहीं। भारत की तकनीकी निगरानी ने सीमा पार से ड्रोन और नशे की तस्करी की पुरानी "लो-इंटेंसिटी वॉर" रणनीति को निष्क्रिय कर दिया है, जिससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान आज अपने ही जाल में फँस चुका है, जहाँ उसके लिए हर दिशा से खतरा मंडरा रहा है।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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