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भारत में छिपी है 'खूनी प्रधानमंत्री'? शेख हसीना पर नरसंहार का केस, 24 जून को होगा ऐतिहासिक फैसला

Sheikh Hasina genocide case: इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब किसी देश की पूर्व प्रधानमंत्री पर ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ और ‘नरसंहार’ जैसे आरोपों में मुकदमा चलाया जा रहा है। और यह कोई छोटी-मोटी कार्रवाई नहीं है, बल्कि बांग्लादेश इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने सीधे शेख हसीना को तलब कर लिया है।

Harsh Srivastava
Published on: 20 Jun 2025 5:34 PM IST
भारत में छिपी है खूनी प्रधानमंत्री? शेख हसीना पर नरसंहार का केस, 24 जून को होगा ऐतिहासिक फैसला
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Sheikh Hasina genocide case: पूरा बांग्लादेश इस वक्त उबल रहा है। इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब किसी देश की पूर्व प्रधानमंत्री पर ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ और ‘नरसंहार’ जैसे आरोपों में मुकदमा चलाया जा रहा है। और यह कोई छोटी-मोटी कार्रवाई नहीं है, बल्कि बांग्लादेश इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने सीधे शेख हसीना को तलब कर लिया है। देश की पूर्व सबसे ताकतवर महिला, जिसने दशकों तक बांग्लादेश की सत्ता पर राज किया, अब खुद अपने ही देश की अदालत में अपराधी के कटघरे में खड़ी होगी। 24 जून, ये तारीख बांग्लादेश के इतिहास में दर्ज होने जा रही है। ट्रिब्यूनल ने साफ कर दिया है—या तो शेख हसीना अदालत में पेश हों या फिर कानून उन्हें भगोड़ा घोषित कर देगा। जिन लोगों को लगता था कि शेख हसीना बांग्लादेश की राजनीति में अजेय हैं, उनके लिए ये सबसे बड़ा झटका है। सवाल सिर्फ यह नहीं है कि हसीना पर मुकदमा क्यों चल रहा है, सवाल यह है कि क्या वह वाकई भारत में छिपी बैठी हैं?

नरसंहार की साजिश और खून में डूबा बांग्लादेश

मामला जुलाई 2024 के उस भयानक विद्रोह से जुड़ा है जिसने बांग्लादेश को हिला कर रख दिया था। छात्र संगठन और आम जनता लगातार शेख हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। आरोप था कि सरकार लोकतंत्र को कुचल रही है, विपक्षी नेताओं को जेल में डाल रही है और मीडिया पर नकेल कस रही है। लेकिन तब जो हुआ, उसने दुनिया को हिलाकर रख दिया। अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक, शेख हसीना ने अपने तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमां खान और पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून के साथ मिलकर ढाका और आसपास के इलाकों में विरोध कर रहे छात्रों पर गोली चलाने का आदेश दिया था। उसी गोलीकांड में सैकड़ों छात्र मारे गए और ढाका की सड़कों पर खून बहता रह गया। अब इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल में यही सबसे बड़ा आरोप बनकर उभरा है। इस हत्याकांड को ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ और ‘जनसंहार’ करार दिया गया है। इस मामले में पुलिस प्रमुख अब्दुल्ला अल-मामून को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन हसीना और असदुज्जमां खान अभी भी फरार हैं। और अदालत ने चेतावनी दे दी है कि अगर 24 जून तक वे पेश नहीं हुए, तो सुनवाई बिना उनकी मौजूदगी के ही आगे बढ़ेगी। यानी भागने का विकल्प अब बंद हो चुका है।

क्या भारत बन रहा है शरणस्थली? बांग्लादेश में मचा बवाल

अभियोजन पक्ष ने जो खुलासा किया है, उसने पूरे बांग्लादेश में आग लगा दी है। ट्रिब्यूनल को बताया गया कि शेख हसीना कथित तौर पर भारत में शरण ले चुकी हैं। कहा जा रहा है कि वे पश्चिम बंगाल या दिल्ली में कहीं छिपी हैं। बांग्लादेश पुलिस ने उनके ढाका स्थित आवास को खंगाल मारा है, देशभर में तलाशी अभियान चल रहा है, लेकिन हसीना का कोई सुराग नहीं मिला। उधर, असदुज्जमां खान के बारे में भी कहा जा रहा है कि वे किसी अज्ञात स्थान पर छिपे हुए हैं। इन दोनों नेताओं की तलाश में बांग्लादेश के कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सांसें फूल रही हैं, लेकिन सफलता अभी दूर है। ट्रिब्यूनल ने साफ कर दिया है कि अगर शेख हसीना अदालत में पेश नहीं होती हैं तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।

अवामी लीग की बर्बादी और मोहम्मद यूनुस की नई सत्ता

शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग कभी बांग्लादेश की सबसे ताकतवर पार्टी हुआ करती थी। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद मोहम्मद यूनुस की अगुआई में बनी नई सरकार ने अवामी लीग पर पूरी ताकत से वार कर दिया है। पार्टी पर आधिकारिक प्रतिबंध लगाया जा चुका है, सैकड़ों कार्यकर्ता जेल में हैं और जिन नेताओं की जान बची, वे भागकर विदेशों में शरण ले रहे हैं। रिपोर्ट्स हैं कि बड़ी संख्या में अवामी लीग समर्थक भारत के पश्चिम बंगाल में छिपे हुए हैं। नया बांग्लादेश अब पूरी तरह शेख हसीना और उनके कुनबे से पीछा छुड़ाने पर आमादा है। मोहम्मद यूनुस सरकार ने भारत पर खुलेआम दबाव बनाना शुरू कर दिया है कि अगर हसीना भारत में हैं तो उन्हें तुरंत बांग्लादेश के हवाले किया जाए। लेकिन भारत सरकार ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

24 जून: इतिहास का सबसे खतरनाक मोड़

अब बांग्लादेश की नजरें 24 जून पर टिकी हैं। इस दिन फैसला होना है कि शेख हसीना बांग्लादेश की सबसे ताकतवर महिला नेता से भगोड़ी अपराधी बनेंगी या नहीं। अदालत ने एक ‘न्याय मित्र’ भी नियुक्त कर दिया है ताकि केस की निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित की जा सके। इस पूरे घटनाक्रम ने दक्षिण एशिया की राजनीति में भूकंप ला दिया है। बांग्लादेश में जहां यूनुस सरकार अपनी पकड़ मजबूत कर रही है, वहीं भारत के लिए यह सबसे बड़ा कूटनीतिक संकट बनता जा रहा है। अगर शेख हसीना भारत में हैं और भारत ने उन्हें शरण दी है, तो दक्षिण एशिया की राजनीतिक तस्वीर पूरी तरह बदल सकती है।

अभी तक शेख हसीना की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है। लेकिन अगर वे 24 जून को अदालत में पेश नहीं होतीं तो यह साफ हो जाएगा कि बांग्लादेश की राजनीति में उनकी भूमिका हमेशा के लिए खत्म हो चुकी है।पूरे बांग्लादेश में एक ही सवाल गूंज रहा है—क्या शेख हसीना इतिहास के सबसे बड़े अपराधी के तौर पर याद की जाएंगी या ये सब सियासी साजिश का हिस्सा है? सच क्या है, इसका फैसला अब सिर्फ अदालत करेगी... और पूरी दुनिया देख रही है।

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News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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