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बड़ा झटका! फिर आ सकता है खून,आग और मौत! क्या यही 2025 का सच है?, जानें ज्योतिषीय चेतावनी

2025 Shaap ya Vinash 2025 ज्योतिष भविष्यवाणी : 2025 की शुरुआत में लोगों को उम्मीद थी कि सब अच्छा होगा, लेकिन भूकंप, विमान हादसे, आतंकी हमले और ग्रहों की खतरनाक चाल ने दुनिया को हिला दिया। जानिए अब आगे क्या हो सकता है, जानें ज्योतिषियों की चेतावनी

Suman  Mishra
Published on: 25 Jun 2025 10:29 AM IST (Updated on: 25 Jun 2025 3:46 PM IST)
2025 grah gochar, social media image
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2025 Grah Gochar : साल 2025 की जब से शुरूआत हुआ है, तबाही और बर्बादी भी शुरू हो गई है।हर तरफ हत्या, युद्ध, बाढ प्रकृति आपदा ने जीना दूभर कर दिया है। शास्त्रों के अनुसार इस बार जब नव संवत्सर शुरू हुआ तो उसके राजा सूर्य और मंत्री भी सूर्य र।विक्रम संवत 2082 के राजा और मंत्री दोनों ही सूर्य देव हैं। यह समय ऋतु परिवर्तन और प्रकृति में बदलाव का सूचक होता है।

2025 की शुरुआत इसी उम्मीद के साथ हुई थी कि अब सब अच्छा होगा, लोगों को लगा था अब दुनिया में सब अच्छा होगा, बुरी खबरें पीछे छूट जाएंगी, और जिंदगी दोबारा मुस्कुराएगी। लेकिन जैसे-जैसे महीने बीतते गए, यह उम्मीद डर में बदलने लगी। कोरोना ने दोबारा दस्तक देना शुरू कर दिया तो कही पहलगाम, कहीं बाढ़ ने जीवन तबाह कर दिया।

साल के शुरु से देखा जाये तो जनवरी से ही बड़े भूकंप, जंगलों में आग, आतंकी हमले, विमान हादसे, भीड़ में भगदड़ और नदियों में बहते लोग। 2025 ने अब तक जितना दर्द दिया है, शायद ही किसी ने इसकी कल्पना की हो।

क्या है 2025 के ग्रहों की चाल

मंगल केतु का यह साल ज्योतिषियों के अनुसार आकाश में ग्रहों की चाल कुछ ऐसा संकेत दे रही है जो हमें सतर्क रहने की सलाह देती है। ज्योतिष में मंगल और केतु, दो ऐसे ग्रह जो आग, दुर्घटनाएं और हिंसा से जुड़े माने जाते हैं, 28 जुलाई तक सिंह राशि में साथ-साथ रहेंगे। इसका मतलब है – आगजनी, विस्फोट, सैन्य तनाव, और हिंसक घटनाएं और बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, अक्टूबर-नवंबर में सूर्य की स्थिति कमजोर जिससे प्राकृतिक आपदाएं, राजनीतिक तनाव और बड़े नुकसान की संभावना और बढ़ जाएगी।

विक्रम संवत 2082 की चेतावनी

हिंदू पंचांग के अनुसार, 30 मार्च 2025 से विक्रम संवत 2082 शुरू हुआ साल राजा और मंत्री सूर्य का है – यानी शक्तिशाली, मगर जिद्दी नेतृत्व का संकेत। वहीं जनता का ग्रह शनि बना है, जो आम लोगों के संघर्ष को दर्शाता है। इस मेल से साफ है – नेता हुक्म चलाएंगे, लेकिन जनता को भुगतना पड़ेगा। फैसले कड़े हो सकते हैं और लोगों में असंतोष बढ़ सकता है।

2025 की अब तक घटित दर्दनाक हादसा

13 जनवरी को जापान में आया 7.7 तीव्रता का भूकंप, जिसमें 230 लोग मारे गए और हजारों घायल हुए। सुनामी की चेतावनी ने समुद्री इलाकों में दहशत फैला दी।

7 जनवरी को कैलिफोर्निया के जंगलों में भयानक आग लगी, जिसने लाखों एकड़ इलाके को राख में बदल दिया। 30 हजार से ज़्यादा जानवर मारे गए, 135 अरब डॉलर से ज़्यादा का नुकसान हुआ।

29 जनवरी को प्रयागराज में कुंभ मेले के दौरान भगदड़ मच गई। 30 से ज़्यादा श्रद्धालुओं की जान चली गई, सैकड़ों घायल हो गए। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला था, जहां सब कुछ अचानक बदल गया।

28 मार्च को 7.7 तीव्रता का झटका, जिसमें 500 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घायल। गांव के गांव उजड़ गए।

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला हुआ। 26 लोगों की मौत, 20 से ज़्यादा घायल। यह 2025 का अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला था।

12 जून को अहमदाबाद में एक यात्री विमान क्रैश हो गया। विमान में मौजूद 241 लोगों की मौत हुई, और आसपास के इलाके में भी 28 लोग मारे गए। यह भारत के इतिहास का सबसे बड़ा हवाई हादसा बन गया।

15 जून: केदारनाथ में हेलिकॉप्टर क्रैश, यात्रियों की मौके पर ही मौत।

16 जून: महाराष्ट्र में इंद्रायणी नदी पर बना पुल टूट गया, कई लोग नदी में बह गए।

जून की शुरुआत में: इजरायल और ईरान के बीच युद्ध छिड़ गया, सैकड़ों मरे, हजारों घायल।

अभी और क्या होगा ग्रहों का खेल

अभी जून और जुलाई में जिस तरह ग्रहों की स्थिति बनी हुई है, ज्योतिष के अनुसार यह समय अभी और भी भारी पड़ेगा। प्राकृतिक आपदाएं, तकनीकी फेल्योर, सैन्य टकराव, या राजनीतिक बवाल – सब कुछ संभव है। अक्टूबर-नवंबर में सूर्य की स्थिति कमजोर होने के कारण सरकारी फैसले उलझन भरे हो सकते हैं। कुछ देशों में शासन परिवर्तन या गृहयुद्ध जैसी स्थिति भी बन सकती है।ग्रहों की चाल पर नजर डालें तो इसी साल अक्टूबर-नवंबर के बीच भी कईं प्राकृतिक आपदाएं हो सकती हैं जिसमें जान-माल दोनों का नुकसान होगा क्योंकि इस समय सूर्य अपने नीच स्थान पर रहेगा। ग्रहों की कुछ ऐसा ही खतरनाक योग 2026 में जनवरी से मार्च के बीच भी बनेगा। इस समय सभी को सावधान रहने की जरूरत है।

ज्योतिष में 2025 सिर्फ घटनाओं का साल नहीं है, यह एक चेतावनी है कि हम कितने असुरक्षित हो सकते हैं जब हम तैयार नहीं होते। ग्रहों की चाल, कुदरत की भाषा और इंसानी गतिविधियों का तालमेल बिगड़ जाए, तो बड़े झटके आ सकते हैं।

इन घटनाओं से बचने के लिए हर रविवार सूर्य को जल अर्पण करें और "ॐ घृणि सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें।

मंगलवार को हनुमान चालीसा पढ़ें, खासकर अग्नि या युद्ध से संबंधित ग्रहों की शांति के लिए।

श्री विष्णुसहस्त्रनाम व श्री सूक्त का पाठ कीजिये। प्रत्येक शनिवार को हनुमान जी को प्रसाद अर्पित कीजिये। प्रत्येक बुधवार व शनिवार गाय को पालक या हरा चारा खिलाएं। मूंग व तिल का दान कीजिए। गरीबों में वस्त्र का वितरण कीजिये। बुध व शुक्र के बीज मंत्र के साथ साथ शनि के बीज मंत्र का जप कीजिये। जो लोग बीमार रहते हैं या किसी रोग से पीड़ित हैं वो कुशोदक से शुभ मुहूर्त में रुद्राभिषेक कराएं। पीपल को जल देते रहें।

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Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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