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BJP Ka Bhavishya: ग्रहों का राशि परिवर्तन, देश में केंद्र राज्य संबंधों पर प्रभाव

BJP Ki Kundali: भारत एवं भाजपा दोनों ही की कुंडली में गुरु का अष्टम पर सीधा प्रभाव आंतरिक बदलाव वाला होगा।

Devendra Bhatt (Guru ji)
Published on: 9 Jun 2025 11:27 AM IST
BJP Kundali Horoscope Grah Rahi Narendra Modi Ka Ane Wala Sal Kaisa Rahega
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BJP Kundali Horoscope Grah Rahi Narendra Modi Ka Ane Wala Sal Kaisa Rahega 

BJP Ka Bhavishya Kya Hai: ज्योतिष एक पूर्ण विज्ञान है, जिसके ज्ञान हासिल के लिए अध्ययन के साथ साथ सच्चरित्र, मानवीय संवेदना युक्त, धन पद के लोभ से विरत होना अति आवश्यक है। ज्योतिष एक पराशक्ति का विज्ञान है, अतः केवल पुस्तकों का ज्ञान ही सटीक फलादेश हेतु पर्याप्त नहीं है।

भविष्यवक्ता की साधना भी महत्वपूर्ण है।

वैसे तो व्यक्ति विशेष का जन्म समयादि ज्ञात हो तो फलादेश मुश्किल कार्य नहीं। परन्तु जब देश काल एवं राजनीति की बात की जाए तो यह इस बात से कठिन हो जाता है कि फलादेश का आधार क्या हो? मेरे द्वारा इस लेख में आने वाले कुछ महीने में भारत की राजनीति के घटनाक्रम का फलादेश दिया गया है जिसका आधार भारत वर्ष की स्वतंत्रता, उसकी गणतंत्रता, वर्तमान सत्तारूढ़ दल की स्थापना, श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा प्रथम बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने का दिनांक और समय तिथि नक्षत्र है। इसके अतिरिक्त राज्यो के अस्तित्व में आने का दिनांक तिथि आदि भी संज्ञान में रखा गया है।

भारत देश की स्वतंत्रता 15/अगस्त 1947, बीजेपी की स्थापना 6 अप्रैल 1980, मोदी जी का प्रथम शपथ ग्रहण 26 मई 2014 सायं 6 बजे यह सर्वविदित है। सर्वप्रथम हम फलादेश हेतु पिछले तीन माह में होने वाले ग्रहों के राशि परिवर्तन पर दृष्टि डालेंगे। वर्ष 2025 में दिनांक 29 मार्च को शनि ग्रह, कुंभ राशि में अपना 30 माह का कार्यकाल पूर्ण करके , वर्तमान में मीन राशि में प्रवेश कर गया। शनि का मीन में ये प्रवास आगामी 30,माह का होगा। दूसरा परिवर्तन होने वाला ग्रह गुरु है। गुरु अपना 12 माह की समयावधि वृष राशि में व्यतीत करके 14 मई 2025 को मिथुन राशि में प्रवेश किया है। मिथुन में गुरु का प्रवास आगामी 12 माह रहेगा। इनके अतिरिक्त राहु —केतु जिनका प्रवास एक राशि में 18 माह का होता है , वह 18 मई को क्रमशः राहु—कुंभ राशि में एवं केतु—सिंह राशि में प्रवेश कर गया। उल्लेखनीय है कि इन चारों प्रमुख ग्रहों का एक राशि में प्रवास की अवधि लंबी होती है जिस कारण 30,अंश को पूरा करने के दरम्यान, फलादेश देने में ,प्रारंभ का करीब दो माह का समय लग जाता है।

भारत वर्ष की कुंडली मीन राशि और वृष लग्न की है। जिसके लग्न गोचर से गुरु द्वितीय भाव , शनि एकादश में, राहु एवं केतु क्रमशः दशम और चतुर्थ भाव में स्थित है। राशि चक्र से शनि, गुरु, राहु एवं केतु क्रमशः प्रथम, चतुर्थ, एकादश व छठे भाव में हैं। सत्तासीन भाजपा की बात करे तो स्थापना से ये वृश्चिक राशि है। गोचर में राहु—चतुर्थ ,केतु— दशम, शनि —पंचम, गुरु—अष्टम में स्थित है। भारत एवं भाजपा दोनों ही की कुंडली में गुरु का अष्टम पर सीधा प्रभाव आंतरिक बदलाव वाला होगा। कुछ नए चेहरों पर पार्टी भरोसा करेगी । तो कुछ जाने पहचाने चेहरों के हाथ से नेतृत्व फिसल जाएगा। इस स्थूल फलादेश के सूक्ष्म अध्ययन हेतु , श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रथम शपथ ग्रहण के समय की कुंडली पर ध्यान देना समीचीन है। तात्कालिक समय पर मेष राशि थी, जिसको ध्यान में रखने पर, वर्तमान गोचरीय स्थित यह है कि गुरु— तृतीय, शनि—द्वादश, राहुकेतु क्रमशः एकादश और पंचम में है। गुरु की पूर्ण दृष्टि और शनि की आंशिक दृष्टि नवम स्थान भाग्य भाव में है। 14 जून से एक माह सूर्य भी मिथुन राशि में होंगे जिसके समग्र प्रभाव वश नरेंद्र मोदी जी प्रभावशाली ढंग से अपनी इच्छानुसरा संगठन व राज्यों में परिवर्तन कर सकेंगे।

देखा जाय तो वर्तमान में बीजेपी/NDA या उनके समर्थित सरकार कुल 21-राज्यो में है— उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, बिहार, उड़ीसा, राजस्थान, महाराष्ट्र , गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, दिल्ली,असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, सिक्किम, नागालैंड, पांडिचेरी।

इनमें जिन प्रदेशों का प्रथम नामाक्षर राशि वृष, तुला एवं कुंभ राशि का होगा, ऐसे कम से कम चार एवं अधिक से अधिक पांच राज्यों में नेतृत्व परिवर्तन की स्थिति दिख रही है। ग्रहों के अक्षांशो देशान्तर को ध्यान में रखा जाय तो यह कहा जा सकता है कि इनमें पूर्वोत्तर के राज्यो और दक्षिण पूरब के राज्य में परिवर्तन के आसार नहीं है। नेतृत्व परिवर्तन की स्थित सुदूर पश्चिम, दक्षिण–पश्चिम, उत्तर भारत के राज्य हो सकते हैं। इनमें भी वे राज्य होंगे जिनकी सीमाएं अंतरराष्ट्रीय सीमा प्रांत का हिस्सा होंगी अथवा सीमाएं समुद्रीय तट का हिस्सा होंगी।

उपरोक्त विश्लेषण ग्रहों के गोचरीय परिवर्तन के आलोक में किया गया हैं। जिनका राजनीतिक पक्षपात से कोई सरोकार नहीं है। राजनीति तो हमेशा से शह और मात का खेल रहा है। सबसे बड़ा है देश। सभी पार्टियां एवं नेतृत्व कर्ता तथा आमजन देश की एकता अखंडता के लिए कृत संकल्प है। वन्देमातरम,

सादर,

(लेखक प्रख्यात वस्तु व ज्योतिर्विद हैं।)

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