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Ganesh Chaturthi Bhog: गणेश चतुर्थी पर राशि के अनुसार लगाएं भोग, करें मंत्र जाप, बप्पा करेंगे हर मनोकामना पूर्ण
Ganesh Chaturthi Bhog गणेश चतुर्थी आने में कुछ दिन शेष रह गए है। इसकी तैयारी जोरो पर है। गणेश जी को कैसे प्रसन्न किया जाये सब यही सोच रहे है तो क्यों न इस पर गणेश उत्सव के दौरान विघ्नहर्ता का भोग राशि के अनुसार लगाएं, ताकि वो जल्दी कृपा बरसाये,,, जानते है कैसे?
Ganesh Chaturthi Bhog इस बार 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी का त्योहार हैं और इसकी तैयारी में लोग लगे है।भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी से अनन्त चतुर्दशी तक रहता है। इस दौरान कई तरह के भोग बप्पा को चढ़ाए जाते हैं। इससे गणपति प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता हैं। इस बार अगर गणेश जी को प्रसन्न करना है तो राशि के अनुसार भगवान को भोग लगाएं। विघ्नहर्त हर दुख हर लेंगे।
गणेश चतुर्थी पर राशि के अनुसार भोग
मेष इस राशि के जातकों को गणेश चतुर्थी के दिन छुहारे और लड्डूका भोग लगाना चाहिए।
वृष इस राशि के लोगों को नारियल या मिश्री से बने लड्डू का भोग भगवान को लगाना चाहिए।
मिथुन इस राशि के जातकों को मूंग के लड्ड का भोग लगाना चाहिए।
कर्क इस राशि के जातकों को मक्खन, खीर या लड्डू से भगवान गणेश को प्रसन्न करना चाहिए।
सिंह इस राशि के जातकों को गुड़ के मोदक और छुहारे का भोग गणेशजी को लगाना चाहिए।
कन्या इस राशि के जातकों को हरे फल या किशमिश का भोग लगाना चाहिए।
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तुला इस राशि के जातक को लड्डू और केला गणेश जी को अर्पित करना चाहिए।
वृश्चिक इस राशि के जातक छुहारा-गुड़ के लड्डू प्रसाद भगवान को चढ़ाएं।
धनु इस राशि के जातक को गणेशजी को मोदक व केले का भोग लगाना चाहिए।
मकर इस राशि के जातक को भगवान गणेश को तिल के लड्डू का भोग लगाना चाहिए।
कुंभ इस राशि के जातक को भगवान गणेश को गुड़ के लड्डू अर्पित करना चाहिए।
मीन इस राशि के जातक को गणेश चतुर्थी पर बेसन के लड्डू, केला और बादाम का भोग लगाना चाहिए।
गणेशोत्सव में करें इस मंत्र का जाप
धर्मग्रंथों में भगवान गणेश की उपासना कल्याणकारी है। भगवान गणेश की अराधना का दिन सप्ताह में बुधवार को होता है। इसके साथ गणेश चतुर्थी पर इनकी पूजा विशेष फलदायी होती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा गया है जो हर विघ्न का नाश करते है। उनसे जुड़े मंत्र काफी प्रभावशाली होते हैं जो हर दुख का नाश करते हैं। भगवान गणेश से जुड़े ये मंत्र खास कल्यणाकारी हैं और इनका पाठ करने से ऐसी मान्यता है कि सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्। इस मंत्र के जाप से गणेश जी बुद्धि प्रदान करते हैं।
ऊँ गं गणपतये नमः ।इस मंत्र को महामंत्र माना गया है जिससे गणपति प्रसन्न होते हैं और हर मनोरथ पूर्ण होते हैं।
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित्।
विघ्नों के नाश के लिए गणेश जी के इस मंत्र का जाप किया जाता है।भारतीय धर्म संस्कृति में भगवान गणेशजी सबसे पहले पूजनीय और प्रार्थनीय हैं। उनकी पूजा के बगैर कोई भी मंगल कार्य शुरू नहीं होता है। भगवान गणेश भगवान शंकर और गौरी पुत्र है।
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi ka Shubh Muhurat)
भाद्र मास की चतुर्थी तिथि चतुर्थी तिथि 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01. 54 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 27 अगस्त को दोपहर 03. 44 मिनट पर चतुर्थी तिथि का समापन होगा। उदया तिथि में 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी को मनाई जाएगी।
पूजन मुहूर्त सुबह 11 . 03 मिनट से दोपहर1 .34 मिनट तक रहेगा। पूजन की कुल अवधि 02.31 मिनट की है।
सुबह मुहूर्त- 06.03 AM से 08.33 AM तक
गणेश चतुर्थी के दिन दोपहर गणेश पूजा – 11.04 AM से 13.32 PM
सूर्योदय - सुबह 06 .28 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06. 14 मिनट पर
चन्द्रोदय- सुबह 08 . 52 मिनट पर
चंद्रास्त- शाम 08 . 28 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 03 . 58 मिनट से 04 .43 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 01 .58 मिनट से 02 .49 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 . 14 मिनट से 06 . 36 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात 11 .28 मिनट से 12 . 13 मिनट तक
साल 2025 मेंगणेश चतुर्थी का आखिरी दिन अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर 2025, को मनाई जाएगी। अनंत चतुर्दशी के दिन लोग बप्पा को विदा करते हैं।
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