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Nag Panchami Ke Upay :इस दिन इन कामों को करने से महादेव होंगे प्रसन्न, मिलेगी पाप ग्रहों से मुक्ति, नहीं लगेगा सर्प दोष, जानें नागपंचमी के उपाय

Nag Panchami Ke Upay नागपंचमी नागों का दिन होता है। यह हिंदू धर्म में प्रमुखता से मनाया जाता है। इस दिन सुख-समृद्धि, खेतों में फसलों की रक्षा के लिए नागों को पूजा कर प्रसन्न किया जाता है। जानिए नाग पंचमी के उपाय

Suman  Mishra
Published on: 18 July 2025 6:41 AM IST
Nag Panchami Ke Upay :इस दिन इन कामों को करने से  महादेव होंगे प्रसन्न,  मिलेगी  पाप ग्रहों से मुक्ति, नहीं लगेगा सर्प दोष, जानें  नागपंचमी के उपाय
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Nag Panchami 2025: नाग पंचमी हिंदू धर्म का एक पवित्र पर्व है, जो सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव और नाग देवता को समर्पित है। इस दिन भक्त श्रद्धापूर्वक नाग देवता की पूजा करते हैं, उन्हें दूध अर्पित करते हैं और अपने जीवन से नकारात्मकता को दूर करने की कामना करते हैं। यह पर्व प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति सम्मान का भी प्रतीक है।

नाग पंचमी 2025 तिथि

सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि इस साल 28 जुलाई की रात 11:24 बजे शुरू होकर 30 जुलाई की रात 12:46 बजे तक चलेगी।

उदयातिथि के अनुसार, इस साल नाग पंचमी 29 जुलाई 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी।

इस दिन पूजा का सबसे उत्तम समय प्रातः 05:41 बजे से 08:23 बजे तक रहेगा।

इस नाग पंचमी अगर आप नाग देवता और भगवान शंकर के ये चार विशेष उपाय करते हैं, तो आपके बिगड़े काम भी बन सकते हैं और जीवन में सकारात्मकता ला सकते हैं।

नाग पंचमी पर उपाय

नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की पूजा के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और शिव मंदिर जाएं। शिवलिंग पर दूध, दही और बेलपत्र अर्पित करें। "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें। मान्यता है कि इससे कालसर्प दोष का प्रभाव दूर होता है।

नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा के लिए दूध चढ़ाना शुभ होता है। घर के पास किसी बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे मिट्टी से नाग की आकृति बनाएं। इससे 'ॐ नागदेवताय नमः' मंत्र का जाप करें।इससे जीवन की बाधा दूर होती है और नौकरी या व्यापार में सफलता दिलाता है।

नाग पंचमी पर चांदी का नाग-नागिन जोड़ा शिव मंदिर में दान करें या बहते जल में प्रवाहित करें। इस उपाय से ग्रह दोषों का प्रभाव कम होता है और रुके हुए कार्य पूरे होने लगते हैं।

नाग पंचमी के दिन सर्प सूक्त का पाठ करना फलदायी है। सुबह नहाने के बाद साफ कपड़े पहनें और पूजा स्थल पर बैठें। भगवान शिव और नाग देवता का ध्यान करते हुए सर्प सूक्त का पाठ करें। आपके जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत दिलाता है।

नाग पंचमी पूजा

नाग पंचमी के दिन सबसे पहले नाग देवता की पूजा करें, इस दिन पूजा की थाली में हल्दी, रोली, चावल, फूल आदि का इस्तेमाल करें। भिगोए चने, बताशे और कच्चा दूध प्रतीकात्मक रूप से अर्पित करें। इस दिन मंदिर ना जाने पर घर पर ही गाय के गोबर से नाग देवता की तस्वीर बना लें और इसकी पूजा करें। इस दिन इस तरह से पूजा करने से धन आने के नए-नए स्त्रोत बनते हैं।

एक तांबे का लोटा में थोड़ा सा गंगा जल और एक कटोरी में दूध लें उसके बाद 'ॐ कुरु कुल्ले फट स्वाहा' मंत्र का जाप करते हुए पूरे घर में दूध और गंगा जल का छिड़काव करें, ऐसा करने से परिवार वालों को नाग देवता का आशीर्वाद मिलता हैं। इसी के साथ भगवान शिव की कृपा भी प्राप्त होती हैं।

नाग पंचमी का महत्व

सनातन धर्म में नागों की विशेष महत्ता हैं। सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागों की विशेष पूजा और सर्प दर्शन का विधान है। नाग पंचमी का महत्व क्षेत्र विशेष पर आधारित है। कुछ जगह लोग इस दिन सिर्फ नागों की पूजा करते हैं तो कुछ जगह नाग पूजा के साथ फसलों की भी पूजा की जाती है।कहीं-कहीं इस दिन विवाहित लड़कियों माता-पिता ससुराल से घर लाकर आवभगत करते हैं। इस दिन घर को गाय के गोबर से लिपकर , उसी गोबर से नाग बनाकर पूजा की जाती है। साथ में फसलों की भी पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि यदि किसी पर भूत-प्रेत का साया है, या मानसिक स्थिति खराब है तो उस व्यक्ति को सर्प दर्शन इस करवा दिया जाये तो उससे मुक्ति मिलती है। कुंडली के पाप ग्रहों से प्रभावित होने पर कालसर्प दोष होने पर या राहु-केतू के प्रभाव में आये व्यक्ति अगर नाग पंचमी पर विधि-विधान से पूजा करते है और सांपों की रक्षा करते हैं तो हर दोष से मुक्त हो जाते हैं। एक तरह से नाग पंचमी का त्योहार जीवों के रक्षा प्रतीक भी है।नाग पंचमी के दिन 8 सांपों की पूजा की जाती हैं। इस श्लोक में उनका वर्णन मिलता है...

वासुकिः तक्षकश्चैव कालियो मणिभद्रकः।

ऐरावतो धृतराष्ट्रः कार्कोटकधनंजयौ ॥

एतेऽभयं प्रयच्छन्ति प्राणिनां प्राणजीविनाम् ॥

अर्थ: वासुकि, तक्षक, कालिया, मणिभद्रक, ऐरावत, धृतराष्ट्र, कार्कोटक और धनंजय: यह आठ सर्प प्राणियों को अभय प्रदान करते हैं।

नोट : ये जानकारियां धार्मिक आस्था और मान्यताओं पर आधारित हैं। Newstrack.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।इसे सामान्य रुचि को ध्यान में रखकर लिखा गया है

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Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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