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20 अक्टूबर 2025 का पंचांग: दिवाली के दिन का पंचांग देखें यहां |Aaj Ka Panchang 20 October 2025
आज का पंचांग 20 अक्टूबर 2025 (Aaj Ka Panchang) जानिए — कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी, सोमवार का दिन, नक्षत्र हस्त से चित्रा तक, वैधृति योग और दिवाली का व्रत। सूर्योदय-सूर्यास्त, राहुकाल, शुभ मुहूर्त, योग, करण, चंद्रमा की स्थिति और आज के शुभ-अशुभ समय की पूरी जानकारी पढ़ें।
20 October 2025 Ka Panchang Tithi in Hindi: 20 अक्टूबर २०२5 का पंचांग तिथि हिंदी, :हर दिन के शुभ और अशुभ समय के लिए पंचांग देखा जाता है, पंचांग का ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व है । पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। इसकी मदद से हम दिन के हर बेला के शुभ और अशुभ समय का पता लगाते हैं। उसके आधार पर अपने खास कर्मों को इंगित करते हैं। जानते है आज का पंचांग और शुभ अशुभ योग के बारे में
आज का पंचांग 20 अक्टूबर 2025
हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत- 1947 विश्वावसु
विक्रम संवत- 2082, कालयुक्त
आज 20 अक्टूबर सोमवार का दिन है। कार्तिक माह (Kartik Month) की कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि 03:45 PM तक उपरांत अमावस्या, नक्षत्र हस्त 08:16 PM तक उपरांत चित्रा , वैधृति योग 02:34 AM तक, उसके बाद विष्कुम्भ योग, करण शकुनि 03:45 PM तक, बाद चतुष्पद 04:48 AM तक, बाद नाग,देखिए आज का पंचांग...
आज की तिथि
तिथि-कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी,
आज का पक्ष-कृष्ण पक्ष
आज का वार-सोमवार
आज का तिथि
कृष्ण पक्ष चतुर्दशी - Oct 19 01:51 PM – Oct 20 03:45 PM
कृष्ण पक्ष अमावस्या - Oct 20 03:45 PM – Oct 21 05:54 PM
आज का नक्षत्र
हस्त - Oct 19 05:49 PM – Oct 20 08:16 PM
चित्रा - Oct 20 08:16 PM – Oct 21 10:58 PM
आज का करण
शकुनि - Oct 20 02:46 AM – Oct 20 03:45 PM
चतुष्पद - Oct 20 03:45 PM – Oct 21 04:48 AM
नाग - Oct 21 04:48 AM – Oct 21 05:55 PM
योग
वैधृति - Oct 20 02:04 AM – Oct 21 02:34 AMविष्कुम्भ - Oct 21 02:34 AM – Oct 22 03:16 AM
आज का वार
सोमवार
त्यौहार और व्रत
नरक चतुर्दशी, दिवाली
आज का सूर्य और चंद्रमा का समय
सूर्योदय - 6:29 AM
सूर्यास्त - 5:53 PM
चन्द्रोदय - Oct 20 5:15 AM 20 अक्टूबर
चन्द्रास्त - Oct 20 5:10 PM 20 अक्टूबर
आज का अशुभ काल
राहू - 7:55 AM – 9:20 AM
यम गण्ड - 10:46 AM – 12:11 PM
कुलिक - 1:37 PM – 3:02 PM
दुर्मुहूर्त - 12:34 PM – 01:19 PM, 02:51 PM – 03:36 PM
वर्ज्यम् - 05:10 AM – 06:57 AM
गण्डमूल नक्षत्र- नहीं
आज का शुभ काल
अभिजीत मुहूर्त - 11:48 AM – 12:34 PM
अमृत काल - 01:39 PM – 03:25 PM
ब्रह्म मुहूर्त - 04:53 AM – 05:41 AM
विजय मुहूर्त-02:10 AM से 03:03 AM
गोधूलि मुहूर्त 12:01:02 से 13:37:51 तक
निशिता काल-11:17 PM से 12:09 AM,21 अक्टूबर
प्रदोष काल-06:31 PM से 07:41 PM
आज का आनन्दादि योग
वज्र Upto - 08:16 PM
मुद्गर
आज का सूर्य राशि
तुला राशि
आज का चंद्र राशिचन्द्रमा कन्या राशि पर संचार करेगा
आज का चौघड़िया 9 अक्टूबर 2025 (Today Choghadiya)
दिन का चौघड़िया
अमृत 06:29 AM 07:55 AM
काल (काल वेला) 07:55 AM 09:20 AM
शुभ 09:20 AM 10:46 AM
रोग 10:46 AM 12:11 PM
उद्बेग 12:11 PM 13:37 PM
चर 13:37 PM 15:02 PM
लाभ (वार वेला) 15:02 PM 16:27 PM
अमृत 16:27 PM 17:53 PM
रात का चौघड़िया
चर 17:53 PM 19:27 PM
रोग 19:27 PM 21:02 PM
काल 21:02 PM 22:37 PM
लाभ (काल रात्रि) 22:37 PM 00:11 AM
उद्बेग 00:11 AM 01:46 AM
शुभ 01:46 AM 03:21 AM
अमृत 03:21 AM 04:55 AM
चर 04:55 AM 06:30 AM
आज का शुभ योग (Aaj Ka Shubh Yoga)
सर्वार्थ सिद्धी योग Oct 19 05:49 PM - Oct 20 06:29 AM
रवि पुष्य योग-नहीं है
अमृतसिद्धि योग Oct 19 05:49 PM - Oct 20 06:29 AM
त्रिपुष्कर योग-नहीं
द्विपुष्कर योग-नहीं है
अभिजीत मुहूर्त-11:48 AM – 12:34 PM
गुरु पुष्य योग नहीं
पंचांग क्या होता है?
पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। हर दिन की तिथि का निर्धारण सूर्य और चंद्मा में भेद के आधार पर होता है और पंचांग के आधार पर हर दिन के शुभ-अशुभ समय का निर्धारण करते हैं। इसके आधार पर अपने काम को आसान बनाते हैँ। आज का पंचांग में तिथि, पक्ष, माह, नक्षत्र भी देखना जरुरी होता है। क्योंकि हर एक शुभ कार्य के लिए अलग अलग नक्षत्र होता है। सूर्योदय से दूसरे दिन सूर्योंदय के कुछ पहर पहले तक ही एक तिथि मानी जाती। चंद्रमा का स्थान जिस दिन चंद्रमा जिस स्थान पर होता है। उस दिन वही नक्षत्र और राशि मानी जाती है। चंद्रमा एक राशि में ढ़ाई दिन तक रहते हैं।
तिथि वारं च नक्षत्रं योगं करणमेव च।
पंचांगस्य फलं श्रुत्वा गंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
आदिकाल में ही इस श्लोक के माध्यम से पंचांग को परिभाषित किया है।
तिथि- पंचांग का पहला अंग तिथि है। जो 16 है। इनमें पूर्णिमा और अमावस्या दो प्रमुख तिथियां है। जो दो पक्षों का निर्धारण करते हैं। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। पूर्णिमा और अमावस्या दोनों तिथि माह में एक बार आती है।
नक्षत्र- नक्षत्र 27 होते हैं। लेकिन एक मुहूर्त अभिजीत नक्षत्र है जो शादी विवाह के समय देखा जाता है। इसे मिला कर 28 नक्षत्र भी कहे जाते है।
योग- 27 होते है। मनुष्य के जीवन में योग का बहुत महत्व है।
करण- 11 होते हैं। 4 स्थिर व 7 परिवर्तनशील है।
वार- सप्ताह में 7 दिन होते हैं। जो रविवार से शुरू, सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार, और शनिवार पर खत्म होते हैं।।
20 अक्टूबर 2025कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,सोमवारआज के दिन कोई भी शुभ काम करना हो तो कर सकते हैं। आज का दिन हर दृष्टि से शुभ फलदायी है। अगर किसी शुभ काम को शुरू करना हो, गाड़ी, मकान वस्त्र -आभूषण कुछ भी खरीदना हो तो यहां जान लीजिए शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त,सोमवार के दिन कुछ लोगों के लिए भाग्यशाली रहने वाला है।
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