Somwar Ka Jal Kab Chadhega:सोमवार का जल कब चढ़ेगा? जानिए पहले सोमवार से आखिरी सोमवार का जलाभिषेक का शुभ समय

Somwar Ka Jal Kab Chadhega सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सबसे शुभ समय कौन-सा होता है,जानते है...

Suman  Mishra
Published on: 14 July 2025 5:30 AM IST (Updated on: 14 July 2025 7:05 AM IST)
Somwar Ka Jal Kab Chadhega:सोमवार का जल कब चढ़ेगा? जानिए पहले सोमवार से आखिरी सोमवार का जलाभिषेक का शुभ समय
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Somwar Ka Jal Kab Chadhega सोमवार का जल कब चढ़ेगा? सावन मास खास है इस मास में शिव की भक्ति के लिए अतिउत्तम है। सावन मास में हर दिन व्रत और भक्ति का दिन है। सोमवार,त्रयोदशी, प्रदोष व्रत और पूर्णिमा तिथि के दिन अगर भगवान शिव को जल चढ़ाया जाए तो लिंगेश्वर भोले भंडारी शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा पूरे सावन में किसी भी दिन शिव को जलाभिषेक कर कृपा पात्र बन सकते हैं। इस बार सावन में 4 सोमवारी व्रत पड़ रहा है। जानते हैं 4 सोमवार को शिव भगवान को जल कब चढ़ेगा?

सोमवार का जल कब चढ़ेगा?

सावन में सोमवार के दिन जलाभिषेक कब करें

पहला सावन सोमवार- 14 जुलाई 2025

सुबह- 01:02 AM, जुलाई 14 से 11:59 PM, जुलाई 14,

शाम- 06:47 PM से 07:50 PM तक

निशिता काल-11:43 PM से 12:26 AM, तक जलाभिषेक करें।

अभिजीत मुहूर्त - 12:06 PM – 12:59 PM

अमृत काल - 11:20 PM – 12:54 AM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:17 AM – 05:05 AM

दूसरा सावन सोमवार- 21 जुलाई 2025

सुबह- 12:13 PM, जुलाई 20 से 09:39 AM,जुलाई 21

शाम- 06:43 PM से 07:47 PM तक

निशिता काल-11:43 PM से 12:26 AM तक जलाभिषेक करें।

शुभ योग

सवार्थसिद्ध योग- 10:44 PM से 05:26 AM,जुलाई 22

अभिजीत मुहूर्त - 12:06 PM – 12:59 PM

अमृत काल - 06:07 PM – 07:36 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:20 AM – 05:08 AM

सर्वार्थसिद्धि योग - Jul 21 05:56 AM - Jul 21 09:07 PM

अमृतसिद्धि योग - Jul 21 09:07 PM - Jul 22 05:57 AM

सर्वार्थसिद्धि योग - Jul 21 09:07 PM - Jul 22 05:57 AM

तीसरा सावन सोमवार- 28 जुलाई 2025

सुबह- 10:42 PM,जुलाई 27 से 05:29 AMजुलाई Jul 28 11:24 PM

शाम- 06:38 PM से 07:44 PM तक

निशिता काल-11:42 PM से 12:25 AM तक जलाभिषेक करें।

अभिजीत मुहूर्त - 12:07 PM – 12:59 PM

अमृत काल - 10:52 AM – 12:33 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:23 AM – 05:11 AM

चौथा सावन सोमवार- 4 अगस्त 2025

सुबह- 09:42 AM, अगस्त 3 से 11:42 AM अगस्त4

शाम- 06:32 PM से 07:38 PM

निशिताकाल- 11:40 PM से 12:24 AM तक जलाभिषेक करें।

सर्वार्थसिद्धि योग - Aug 04 06:02 AM - Aug 04 09:12 AM

पूरे सावन मास में जलाभिषेक

सामान्यत: पूरे मास इस समय शिव का जलाभिषेक किया जा सकता है।

सुबह: 05:40 से 08:25 तक

शाम 19:28 से 21:30 तक

शाम 21:30 से 23:33 तक (निशीथकाल समय)

रात्रि 23:33 से 24:10 तक (महानिशिथकाल समय)

इसके अलावा सोमवार और पूरे सावन जल चढ़ाने का समय

सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सबसे शुभ समय कौन-सा होता है और इसे कैसे चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे श्रेष्ठ माना गया है। अगर आप व्रत रखते हैं या नियमित पूजा करते हैं, तो ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर शिवलिंग पर गंगाजल या शुद्ध जल चढ़ाना सर्वोत्तम होता है।

सूर्योदय के समय-जो लोग ब्रह्म मुहूर्त में नहीं उठ पाते, वे सूर्योदय के आसपास स्नान करके शुद्ध जल अर्पित करें। यह समय भी अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।

अभिजीत मुहूर्त -अगर सुबह समय नहीं होता, वे इस मध्याह्न काल में भी जल चढ़ा सकते हैं। यह काल शुभ माना जाता है।

प्रदोष काल -यदि आप दिनभर व्यस्त रहते हैं, तो सूर्यास्त के बाद का समय भी उपयुक्त होता है। इस समय भोलेनाथ की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।जल चढ़ाते समय एकदम धीमी धारा में जल गिराना चाहिए और ॐ नमः शिवाय का जाप करते रहना चाहिए।

शिव को जल कैसे चढ़ाये

शुद्ध गंगाजल या तांबे के लोटे में रखा शुद्ध जल लें।जल में थोड़ा सा दूध, सफेद चावल, सफेद चंदन या श्वेत पुष्प डाल सकते हैं।शिवलिंग के ऊपर जल को एक पतली धारा में चढ़ाएं।चढ़ाते समय "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें।

जल चढ़ाने के बाद बेलपत्र, सफेद फूल, धतूरा या आक का फूल भी अर्पित करें।

अंत में दीपक और धूप जलाकर भगवान शिव की आरती क

नोट : ये जानकारियां धार्मिक आस्था और मान्यताओं पर आधारित हैं। Newstrack.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।इसे सामान्य रुचि को ध्यान में रखकर लिखा गया है

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Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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