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Highest Sales Petrol Cars: वित्त वर्ष 2025 में पेट्रोल कारों की सबसे ज्यादा बिक्री, EV और हाइब्रिड में बढ़ी टक्कर, जाने आंकड़े
Highest Sales Petrol Cars: वित्त वर्ष 2025 में भारत के टॉप 14 कार ब्रांड्स ने मिलकर कुल 43.20 लाख से अधिक गाड़ियों की बिक्री की।
Highest Sales Petrol Cars
Highest Sales Petrol Cars: मौजूदा समय में भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर एक दिलचस्प मोड़ पर खड़ा है। एक ओर पेट्रोल, डीजल और सीएनजी गाड़ियों का पारंपरिक दबदबा है, तो दूसरी ओर इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियां धीरे-धीरे ग्राहकों का ध्यान खींच रही हैं। लेकिन सवाल यह है कि आखिर किस तरह की गाड़ियां भारतीयों को सबसे ज्यादा पसंद आईं? आंकड़े बताते हैं कि अब भी ICE यानी इंटरनल कंबशन इंजन से चलने वाली गाड़ियां, जिनमें पेट्रोल, डीजल और CNG शामिल हैं, सबसे ज्यादा बिक रही हैं।
वित्त वर्ष 2025 में भारत के टॉप 14 कार ब्रांड्स ने मिलकर कुल 43.20 लाख से अधिक गाड़ियों की बिक्री की। यह संख्या अपने आप में इस बात का प्रमाण है कि भारतीय बाजार में निजी वाहनों की मांग लगातार बनी हुई है। इन आंकड़ों में सबसे खास बात यह रही कि कुल बिक्री में से 94.89% गाड़ियां अभी भी पेट्रोल, डीजल या CNG से चलने वाली रही हैं। इसका सीधा मतलब है कि इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड सेगमेंट की बढ़ती चर्चा के बावजूद लोग अभी पारंपरिक ईंधनों पर ही ज्यादा भरोसा कर रहे हैं।
आइए जानते है इस विषय पर विस्तृत रिपोर्ट के बारे में -
पेट्रोल कारों का दबदबा कायम
अगर केवल पेट्रोल कारों की बात करें तो यह साल उनके लिए सबसे सफल रहा है। वित्त वर्ष 2025 में 24.84 लाख पेट्रोल गाड़ियां बिकीं, जो कुल बिक्री का 57.5% हिस्सा है। यानी हर दो में से एक गाड़ी पेट्रोल से चलने वाली थी। शहरों में छोटे और मझोले परिवारों के लिए यह गाड़ियां किफायती और सुविधाजनक मानी जाती हैं।
इन पेट्रोल गाड़ियों की बिक्री में सबसे बड़ी हिस्सेदारी मारुति सुजुकी की रही। कंपनी ने इस साल 11.48 लाख पेट्रोल गाड़ियों की बिक्री की, जो इसे इस सेगमेंट का लीडर बनाता है। मारुति की Alto, Swift, Baleno, Brezza और Fronx जैसी कारें पेट्रोल वेरिएंट में बेहद लोकप्रिय रहीं।
CNG गाड़ियों की लोकप्रियता में भी इज़ाफा
बढ़ती पेट्रोल और डीजल कीमतों के चलते एक बड़ा वर्ग अब CNG गाड़ियों की तरफ रुख कर रहा है। वित्त वर्ष 2025 में 8.38 लाख CNG गाड़ियां बिकीं, जो कुल बाजार का लगभग 19.4% हिस्सा है।
CNG गाड़ियों की कम रनिंग कॉस्ट और पर्यावरण के प्रति अपेक्षाकृत कम हानिकारक प्रभाव ने इन्हें खासकर मेट्रो शहरों और टैक्सी बाजार में काफी लोकप्रिय बना दिया है। इस क्षेत्र में भी मारुति सुजुकी ने बाजी मारी और 5.91 लाख CNG गाड़ियों की बिक्री के साथ इस सेगमेंट में सबसे ऊपर रही।
डीजल गाड़ियों की घटती लेकिन मजबूत पकड़
हालांकि देश में BS-VI नॉर्म्स के लागू होने और कई कंपनियों द्वारा अपने डीजल पोर्टफोलियो को बंद करने के कारण डीजल गाड़ियों की बिक्री में गिरावट आई है, लेकिन SUV सेगमेंट में डीजल अब भी एक मजबूत विकल्प बना हुआ है।
वित्त वर्ष 2025 में 7.73 लाख डीजल गाड़ियों की बिक्री हुई। इसमें Mahindr मोटर्स का योगदान सबसे अहम रहा। कंपनी ने अकेले 4.25 लाख डीजल SUV बेचीं, जिनमें Scorpio-N, XUV700 और Thar जैसे पॉपुलर मॉडल शामिल रहे।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री में धीरे-धीरे बढ़त
अब बात करते हैं EV यानी इलेक्ट्रिक वाहनों की। भले ही इनकी संख्या फिलहाल पारंपरिक गाड़ियों से काफी कम है, लेकिन साल दर साल इनकी हिस्सेदारी बढ़ रही है।
वित्त वर्ष 2025 में 1.15 लाख इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री हुई। यह संख्या पहली बार हाइब्रिड गाड़ियों की बिक्री को पार कर गई, जिससे यह साबित होता है कि भारत में ग्राहक अब EV को एक भरोसेमंद विकल्प मानने लगे हैं। EV सेगमेंट में टाटा मोटर्स सबसे आगे रही, जिसने 61,443 इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री की। कंपनी की Nexon EV, Tiago EV और Punch EV जैसे मॉडल खासे लोकप्रिय रहे।
हाइब्रिड गाड़ियों ने भी दिखाई मजबूती
इलेक्ट्रिक वाहनों के बाद अगर सबसे अधिक चर्चा किसी टेक्नोलॉजी की हो रही है, तो वह है हाइब्रिड गाड़ियां। ये गाड़ियां पारंपरिक इंजन और बैटरी मोटर दोनों के साथ आती हैं, जिससे ये फ्यूल एफिशिएंसी और लो-एमिशन का संतुलन बनाती हैं। इस साल भारत में 1.04 लाख हाइब्रिड गाड़ियों की बिक्री दर्ज की गई। यह दर्शाता है कि कुछ वर्ग ऐसे हैं जो EV को अभी पूरी तरह अपनाने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन कम खर्च और बेहतर माइलेज की चाह में हाइब्रिड गाड़ियों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
हाइब्रिड सेगमेंट में हुंडई ने सबसे अधिक 82,848 यूनिट्स की बिक्री कर इस वर्ग में अपनी पकड़ मजबूत की है। कंपनी की Tucson और Verna जैसी हाइब्रिड मॉडल्स को ग्राहकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला।
ग्राहक पसंद को प्रभावित करने वाले कारण
भारतीय ग्राहक अब भी ऐसे विकल्पों की तलाश में हैं जो टिकाऊ हों, मेंटेनेंस में आसान हों और लंबी दूरी के सफर में भरोसेमंद साबित हों। पेट्रोल गाड़ियां इन्हीं विशेषताओं के साथ उनकी पहली पसंद बनी हुई हैं। दूसरी ओर, CNG को एक सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प माना जा रहा है। जबकि SUV प्रेमियों के लिए डीजल अभी भी सबसे उपयुक्त विकल्प है।EV और हाइब्रिड गाड़ियां उन्हें आकर्षित कर रही हैं जो तकनीक के साथ-साथ पर्यावरण को भी प्राथमिकता देना चाहते हैं। हालांकि, EV को अपनाने में अभी भी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और उच्च शुरुआती लागत जैसी चुनौतियां सामने हैं।
EV और हाइब्रिड की राह में चुनौतियां
EV गाड़ियों की लागत अभी तक पेट्रोल या डीजल कारों की तुलना में अधिक है। साथ ही, देश के छोटे शहरों और गांवों में चार्जिंग स्टेशन की उपलब्धता बहुत सीमित है। यही कारण है कि अभी भी बड़ी संख्या में ग्राहक इलेक्ट्रिक गाड़ियों से दूरी बनाए हुए हैं।
हाइब्रिड गाड़ियों की कीमत भी EV जितनी ही या उससे कुछ कम होती है, लेकिन इन पर सरकार की तरफ से कोई विशेष सब्सिडी नहीं दी जाती। जिससे ये विकल्प आम लोगों के लिए थोड़ा महंगा साबित होता है।
सरकार द्वारा चलाई जा रही FAME जैसी योजनाएं, चार्जिंग स्टेशन की बढ़ती संख्या और बैटरियों की लागत में गिरावट से उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में EV गाड़ियों की बिक्री में तेज़ी से बढ़ोतरी होगी।
कई कंपनियां पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि वे 2030 तक पूरी तरह इलेक्ट्रिक पोर्टफोलियो पर शिफ्ट हो जाएंगी। ऑटो एक्सपर्ट्स कर मुताबिक उपभोक्ताओं में भी अब जागरूकता बढ़ रही है और पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदारी निभाने का भाव उन्हें EV और हाइब्रिड की तरफ आकर्षित कर रहा है।
वित्त वर्ष 2025 में भले ही इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियों की बिक्री में सुधार हुआ हो, लेकिन ICE गाड़ियों का दबदबा अभी बरकरार है। पेट्रोल, डीजल और CNG से चलने वाली गाड़ियां कुल बिक्री का लगभग 95% हिस्सा रखती हैं। इनमें भी पेट्रोल कारें पहले स्थान पर हैं।
EV और हाइब्रिड गाड़ियां धीरे-धीरे ग्राहकों का भरोसा जीत रही हैं और निकट भविष्य में ये बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल कर सकती हैं। फिलहाल भारतीय ग्राहक कम कीमत, भरोसेमंद इंजन और आसान मेंटेनेंस को प्राथमिकता दे रहे हैं, इसलिए ICE गाड़ियों की मांग बनी रहेगी।
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