बंद कमरे में TMC सांसदों की बैठक, फिर पकड़ा दिया इस्तीफा! कल्याण बनर्जी ने ऐसा क्यों किया?

Kalyan Banerjee Resign: टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने लोकसभा में मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया।

Gausiya Bano
Published on: 5 Aug 2025 9:17 AM IST
Kalyan Banerjee resigns as TMC Lok Sabha chief whip
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Kalyan Banerjee resigns as TMC Lok Sabha chief whip

Kalyan Banerjee Resign: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी ने पार्टी के मुख्य सचेतक (Chief Whip) पद से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा उन्होंने उस वर्चुअल बैठक के कुछ ही घंटे बाद दिया, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की थी। यह बैठक पार्टी के सांसदों के साथ समन्वय को लेकर आयोजित की गई थी, लेकिन उसमें जो बात निकली, उसने पार्टी के अंदर की परेशानियों को और उजागर कर दिया।

बैठक में ममता बनर्जी ने जताया था असंतोष

बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने साफ तौर पर कहा कि पार्टी की संसदीय टीम में आपसी तालमेल की कमी है। उन्होंने इस मुद्दे पर नाराजगी जताई और जिम्मेदारी तय करने की बात कही। इसी का असर रहा कि कुछ ही घंटे बाद कल्याण बनर्जी ने अपने पद से स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया।

इस्तीफे के बाद कल्याण बनर्जी का बयान

कल्याण बनर्जी ने अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कहा, “दीदी (सीएम ममता बनर्जी) ने कहा कि सांसदों में समन्वय की कमी है, और मुख्य सचेतक होने के नाते इसका दोष मुझ पर आया। इसके बाद मुझे लगा कि अब इस पद पर बने रहना सही नहीं है।”

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपमानित महसूस हो रहा है, क्योंकि जिन सांसदों की उपस्थिति बेहद कम है, उन्हें कुछ नहीं कहा गया और सारा दोष उन्हीं पर डाल दिया गया।

गैर-हाजिर सांसदों पर भी उठाया सवाल

कल्याण बनर्जी ने खुलकर कहा कि कई सांसद जिन्हें खुद ममता बनर्जी ने चुना है, संसद की कार्यवाही में भाग ही नहीं लेते। उन्होंने कुछ नाम लिए- दक्षिण कोलकाता, बैरकपुर, बांकुड़ा और उत्तर कोलकाता जैसे क्षेत्रों से TMC के सांसद नियमित रूप से संसद नहीं आते। उन्होंने कहा, “जब सांसद ही न आएं तो मैं क्या कर सकता हूं? फिर मुझे दोष क्यों?”

सांसद महुआ मोइत्रा पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी

कल्याण बनर्जी ने आगे बिना नाम लिए अपनी बात रखते हुए कहा कि एक सहकर्मी सांसद द्वारा उनके अपमान पर पार्टी ने कोई प्रतिक्रिया तक नहीं दी, जो उन्हें बेहद आहत कर गई। बनर्जी ने यहां भले ही किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह इशारा साफ तौर पर महुआ मोइत्रा की ओर था। दरअसल, कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा से गैंगरेप मामले के दौरान बनर्जी ने कहा था कि अगर दोस्त ही दोस्त का रेप करे, तो सरकार क्या कर सकती है? उनके इसी बयान का पलटवार करते हुए मोइत्रा ने कल्याण की सोच को महिला विरोधी बता दिया था, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था।

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Gausiya Bano

Gausiya Bano

Content Writer

मैं गौसिया बानो आज से न्यूजट्रैक में कार्यरत हूं। माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट हूं। पत्रकारिता में 2.5 साल का अनुभव है। इससे पहले दैनिक भास्कर, न्यूजबाइट्स और राजस्थान पत्रिका में काम कर चुकी हूँ।

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