Bihar News: हद हो गई लापवाही की! बिहार में 'डॉग बाबू' को मिला सरकारी निवास प्रमाण पत्र, मां 'कुटिया देवी', पिता 'कुत्ता बाबू'

Bihar News: बिहार के पटना जिले में मसौढ़ी प्रखंड के RTPS काउंटर से एक कुत्ते के नाम पर सरकारी आवासीय प्रमाण पत्र जारी हो गया।

Harsh Srivastava
Published on: 28 July 2025 10:27 AM IST (Updated on: 28 July 2025 10:45 AM IST)
Bihar News: हद हो गई लापवाही की! बिहार में डॉग बाबू को मिला सरकारी निवास प्रमाण पत्र, मां कुटिया देवी, पिता कुत्ता बाबू
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Bihar News: बिहार में चुनावी तैयारियों के बीच एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने पूरे प्रशासनिक सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। RTPS काउंटर की एक गलती अब सोशल मीडिया पर मज़ाक बन गई है, लेकिन इसके पीछे की सच्चाई बेहद गंभीर है। बात किसी आम आदमी की नहीं, बल्कि एक कुत्ते की है जिसे बाकायदा सरकारी निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया, वो भी पूरी प्रक्रिया और डिजीटल हस्ताक्षर के साथ!

'डॉग बाबू' को मिला सरकारी ठप्पा

पटना जिले के मसौढ़ी प्रखंड में यह हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां RTPS काउंटर के ज़रिए एक ऐसा आवासीय प्रमाण पत्र जारी हुआ, जिसमें आवेदक का नाम डॉग बाबू, पिता का नाम कुत्ता बाबू और माता का नाम कुटिया देवी लिखा हुआ है। यही नहीं, तस्वीर में भी एक असली कुत्ते की फोटो चस्पा है। RTPS के सिस्टम में दर्ज इस सर्टिफिकेट की संख्या BRCCO 2025/15933581 है और उस पर मसौढ़ी के राजस्व पदाधिकारी मुरारी चौहान का डिजिटली साइन भी मौजूद है। जैसे ही यह सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों के होश उड़ गए। मज़ाक में लोग कहने लगे कि अब इंसानों को लाइन में खड़ा रहना पड़ेगा और "डॉग बाबू" को सरकारी योजनाओं का लाभ पहले मिलेगा!


सोशल मीडिया पर बवाल, अफसरों की खुली नींद

जैसे ही यह मामला इंटरनेट पर छाया, विभागीय अफसरों में हड़कंप मच गया। पहले तो किसी को यकीन नहीं हुआ कि RTPS जैसे संवेदनशील पोर्टल पर ऐसा मज़ाक किया गया है, लेकिन जब जांच हुई तो पुष्टि हो गई कि 24 जुलाई को यह प्रमाण पत्र वाकई जारी हुआ था। मसौढ़ी के अंचलाधिकारी प्रभात रंजन ने इस बात की पुष्टि की कि प्रमाण पत्र को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है और संबंधित डिजीटल सिग्नेचर भी पोर्टल से हटा दिया गया है। हालांकि, यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि इतनी बड़ी गलती सिस्टम में कैसे हुई?

पटना डीएम का एक्शन मोड, होगी सख्त कार्रवाई

मामले की गंभीरता को समझते हुए पटना के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने साफ कहा है कि इस गलती के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि सरकारी प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती, और यह एक "निंदनीय अपराध" की तरह है।

वोटर रिवीजन के बीच में सामने आई शर्मनाक चूक

चुनाव आयोग द्वारा बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान (SIR) चलाया जा रहा है। इस दौरान लोगों से उनके दस्तावेज़ों की जांच और पुनः सत्यापन किया जा रहा है। सीमांचल सहित कई जिलों में आवासीय प्रमाण पत्र के लिए लंबी लाइनें देखी गईं। सरकार की ओर से कहा गया कि भारी संख्या में आवेदन आ रहे हैं, जिससे सिस्टम पर बोझ बढ़ गया है। लेकिन इस तरह की गलती ये सवाल उठाती है कि क्या सिस्टम की गति और भीड़ के बीच प्रमाणिकता की जांच को बलि चढ़ा दिया गया है? क्या सिर्फ लक्ष्य पूरा करने के लिए आंख मूंदकर प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं?

प्रशासनिक लापरवाही या शरारती साज़िश?

हालांकि कुछ अधिकारी इसे किसी शरारती तत्व द्वारा जानबूझकर किया गया मज़ाक मान रहे हैं, लेकिन सवाल ये है कि इतना मज़ाक कैसे सफल हो गया? RTPS जैसे डिजिटल सिस्टम में जहाँ मोबाइल OTP, दस्तावेज़ और फोटो अपलोड करना जरूरी होता है, वहाँ "डॉग बाबू" का आवासीय सर्टिफिकेट आखिर कैसे बन गया? क्या सिस्टम में कोई चूक है, या फिर अधिकारियों ने बिना देखे दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर कर दिए? यह बात केवल मज़ाक नहीं, बल्कि सरकारी सिस्टम की भरोसेमंदी पर एक गहरा सवाल है।

अब पूरे राज्य की निगाहें इस पर

मसौढ़ी की यह घटना अब केवल एक गांव या शहर की नहीं रही, यह पूरे बिहार की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल बन गई है। चुनाव जैसे गंभीर विषय के बीच, जब दस्तावेजों की सत्यता सबसे अहम मानी जाती है, ऐसे समय में इस प्रकार की लापरवाही न केवल शर्मनाक है बल्कि लोकतंत्र के मूल स्तंभों को कमजोर करती है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस पूरे मामले में कितनी पारदर्शिता से जांच करता है और क्या वाकई दोषियों पर सख्त कार्रवाई होती है या मामला केवल "टिप्पणी और ट्वीट" तक सिमट कर रह जाएगा।

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Harsh Srivastava

Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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