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अमित शाह का एक फ़ोन और बदल गए कुशवाहा के सुर, महुआ सीट पर BJP का मास्टरस्ट्रोक, क्या हुई डील?
बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अमित शाह के हस्तक्षेप से उपेंद्र कुशवाहा की नाराज़गी को दूर कर महुआ सीट पर मास्टरस्ट्रोक खेला। NDA में सीट बंटवारे का सियासी संतुलन अब कायम।
Amit Shah-Upendra Kushwaha meeting: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) का बिगुल बजने के बाद से ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर जारी खींचतान ने गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा रखी थीं। एक तरफ़ जहाँ चिराग पासवान (Chirag Paswan) और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के बीच खुली जंग छिड़ी थी, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की नाराज़गी भी बीजेपी (BJP) के लिए सिरदर्द बनी हुई थी। लेकिन अब बीजेपी ने एक निर्णायक हस्तक्षेप कर इस संकट को टाल दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने ख़ुद मोर्चा संभाला और एक ही झटके में उपेंद्र कुशवाहा को मना लिया।
गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात, कुशवाहा हुए राज़ी
दरअसल, कुशवाहा की नाराज़गी का मुख्य कारण वैशाली ज़िले की महुआ विधानसभा सीट थी। एनडीए में सीट बंटवारे के बाद बीजेपी ने यह सीट चिराग पासवान की लोजपा-आर (LJP-R) को दे दी थी, जबकि कुशवाहा महुआ से अपना उम्मीदवार उतारने पर अड़े हुए थे। बीते दो दिनों से सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए उन्होंने अपनी नाराज़गी भी खुलकर ज़ाहिर की थी और यहाँ तक कह दिया था कि वह नामांकन से दूर रहेंगे। इस गंभीर स्थिति को भांपते हुए, बीजेपी ने तुरंत डैमेज कंट्रोल शुरू किया। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) बुधवार सुबह ही उपेंद्र कुशवाहा को विशेष रूप से दिल्ली लेकर गए। दिल्ली में उनकी मुलाक़ात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कराई गई।
सूत्रों के मुताबिक़, अमित शाह से मुलाक़ात के बाद कुशवाहा ने महुआ सीट पर अपना दावा छोड़ने का फ़ैसला कर लिया है। बताया जा रहा है कि बीजेपी ने इसके बदले में रालोमो को कोई दूसरी विधानसभा सीट देने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही, कुशवाहा की पार्टी को एक विधान परिषद (MLC) सीट भी देने का वादा किया गया है। नित्यानंद राय और कुशवाहा शाम तक दिल्ली से पटना वापस लौटेंगे, जिसके बाद इस समझौते की आधिकारिक घोषणा होने की उम्मीद है।
कुशवाहा का बयान: 'उम्मीद है अब कठिनाई नहीं होगी'
हालांकि, नई दिल्ली में अमित शाह से मुलाक़ात के बाद रालोमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने तत्काल इस मुद्दे पर कुछ स्पष्ट नहीं बताया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में सिर्फ़ इतना कहा, "पटना में सुबह ही कहा था, गठबंधन में कुछ इश्यू हैं, जिस पर विमर्श की ज़रूरत है। इसी के लिए नित्यानंद जी के साथ अमित शाह जी से मिलने आए, इस पर चर्चा हुई।" कुशवाहा ने आगे कहा, "अब उम्मीद करते हैं कि आगे कोई कठिनाई नहीं होगी, एनडीए की सरकार निश्चित रूप से बनेगी और हर घटक दल इसके लिए तैयार है।" कुशवाहा का यह बयान भले ही राजनयिक शब्दों में हो, लेकिन यह साफ़ संकेत देता है कि उनकी नाराज़गी ख़त्म हो गई है और वह अमित शाह के आश्वासन से संतुष्ट हैं।
महुआ सीट का सियासी पेच और बीजेपी का संतुलन
महुआ सीट को लेकर उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान के बीच सीधा टकराव था। इस सीट पर कुशवाहा की दावेदारी मज़बूत मानी जाती थी, लेकिन बीजेपी ने इसे चिराग को देकर कुशवाहा को नाराज़ कर दिया था। कुशवाहा की नाराज़गी को दूर करना बीजेपी के लिए बेहद ज़रूरी था, क्योंकि बिहार के कई इलाक़ों में उनका अपना एक जनाधार है। अब महुआ सीट पर उम्मीदवार किस पार्टी का होगा, यह कुछ समय बाद ही स्पष्ट होगा। लेकिन बीजेपी ने कुशवाहा को दूसरी सीट और एक एमएलसी पद देकर एनडीए के भीतर चल रही खींचतान में एक बड़ा संतुलन साधने की कोशिश की है। यह बीजेपी का एक 'मास्टरस्ट्रोक' माना जा रहा है, जिसने चुनाव से ठीक पहले एक और सहयोगी दल को गठबंधन के साथ मज़बूती से खड़ा कर दिया है। अब देखना होगा कि चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच के टकराव को बीजेपी कैसे शांत करती है।
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