EC ने SC के सामने किया सरेंडर! गायब हुए 65 लाख वोटर्स का नाम हुआ वेबसाइट पर अपलोड

Bihar Missing Voter List Updated: EC ने SC के आदेश के बाद बिहार की मतदाता सूची से गायब 65 लाख वोटर्स के नाम वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं। यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए उठाया गया है।

Harsh Srivastava
Published on: 17 Aug 2025 10:08 PM IST
EC ने SC के सामने किया सरेंडर! गायब हुए 65 लाख वोटर्स का नाम हुआ वेबसाइट पर अपलोड
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Bihar Missing Voter List Updated: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले 'वोट चोरी' का सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट के तीखे सवालों के बाद चुनाव आयोग ने आखिरकार हार मान ली है और बिहार की मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख लोगों के नाम को सार्वजनिक कर दिया है। यह फैसला उन आरोपों पर एक करारा जवाब है, जिसमें विपक्षी दल चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगा रहे थे।

56 घंटे में 'गायब' वोटर्स का डेटा हुआ अपलोड!

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने 56 घंटे के भीतर मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख लोगों के नाम को जिला मजिस्ट्रेटों की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उठाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया था।

BLO और ERO ही लेते हैं जिम्मेदारी!

ज्ञानेश कुमार ने जोर देकर कहा कि आयोग के दिशानिर्देशों के तहत निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO) और बूथ-स्तरीय अधिकारी (BLO) ही मतदाता सूची की शुद्धता की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची का मसौदा डिजिटल और भौतिक, दोनों ही स्वरूपों में राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाता है। इसके अलावा, इसे जनता की पहुंच के लिए चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाता है।

आपत्ति के लिए मिलता है 1 महीने का समय

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि मसौदा वोटर लिस्ट जारी होने के बाद मतदाताओं और राजनीतिक दलों के पास अंतिम सूची जारी होने से पहले आपत्ति और दावे दर्ज करने के लिए एक महीने का समय होता है। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए है कि किसी भी वैध मतदाता का नाम गलती से न हटे। चुनाव आयोग के इस कदम को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान माना जा रहा है, जिसने विपक्ष के आरोपों को एक तरह से बल दिया है और आयोग को सफाई देने के लिए मजबूर कर दिया है। अब देखना यह है कि इस लिस्ट के सार्वजनिक होने के बाद बिहार की राजनीति में और क्या भूचाल आता है।

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Harsh Srivastava

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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