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'बस डिप्टी CM बनना...' मुकेश सहनी ने आखिरी मिनट में लिया यू-टर्न, चुनाव लड़ने से किया इंकार, मचा बवाल
बिहार चुनाव में बड़ा उलटफेर! वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने आखिरी वक्त पर चुनाव लड़ने से किया इंकार। अब वे खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे बल्कि महागठबंधन की जीत के लिए प्रचार करेंगे। सहनी ने कहा—मेरा लक्ष्य विधायक बनना नहीं, बल्कि डिप्टी सीएम बनना है।
Mukesh Sahani refuse to contest in Election: बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच, विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी ने बड़ा यू-टर्न लिया है। दरभंगा जिले की गौड़ा बौराम सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा करने के बाद अब उन्होंने सीधे चुनावी मैदान में उतरने से साफ इनकार कर दिया है। शुक्रवार दोपहर बाद मीडिया के सामने आकर सहनी ने सभी संशयों को दूर कर दिया। सहनी ने स्पष्ट किया कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि अपनी पार्टी वीआईपी के प्रत्याशियों के लिए पूरे जोश के साथ प्रचार करेंगे। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि उनका लक्ष्य विधायक बनना नहीं, बल्कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद डिप्टी सीएम बनना है। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से मिले राज्यसभा सीट के ऑफर को भी ठुकरा दिया। सहनी का यह फैसला उनके समर्थकों और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
गौड़ा बौराम पर संशय और आरजेडी का दाँव
मुकेश सहनी के चुनाव लड़ने को लेकर संशय तब शुरू हुआ, जब गठबंधन में सीट बंटवारे पर फंसे पेच के बीच गुरुवार देर रात वीआईपी और सहयोगी दलों (आरजेडी और कांग्रेस) के बीच सीटों पर सहमति बनने की खबर आई। वीआईपी ने आधिकारिक बयान में कहा था कि मुकेश सहनी शुक्रवार को गौड़ा बौराम सीट से नामांकन करने वाले हैं। हालांकि, नामांकन के आखिरी दिन आरजेडी के कैंडिडेट अफजल अली ने गौड़ा बौराम से अपना पर्चा दाखिल कर दिया। इस घटनाक्रम ने सहनी के चुनाव लड़ने पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया था। नामांकन के आखिरी समय में आरजेडी उम्मीदवार का पर्चा दाखिल करना और फिर सहनी का पीछे हटना, यह बताता है कि महागठबंधन में यह सीट बंटवारा अंतिम समय तक विवादित रहा।
वीआईपी का दावा: 15 सीटें, MLC और राज्यसभा भी
मुकेश सहनी के इस फैसले से पहले, वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने गुरुवार देर रात एक बयान जारी किया था, जिसमें महागठबंधन में बड़ी डील होने का दावा किया गया था। प्रवक्ता ने कहा था कि वीआईपी की बात बन गई है और उन्हें कुल 15 सीटें मिली हैं। बयान में यह भी कहा गया था कि गौड़ा बौराम से मुकेश सहनी और प्रदेश अध्यक्ष बाल गोविंद बिंद भभुआ सीट से नामांकन करेंगे। प्रवक्ता ने दावा किया था कि कम सीटें मिलने की भरपाई के लिए आरजेडी ने उन्हें एक राज्यसभा और दो विधान परिषद (MLC) की सीटें देने का भरोसा दिया है। हालांकि, सहनी ने खुद राज्यसभा सीट के ऑफर को खारिज कर दिया है, जिससे पार्टी के भीतर के दावे पर सवाल उठ रहे हैं।
डिप्टी सीएम बनने की राह: एमएलसी का रास्ता
गौड़ा बौराम से नामांकन का ऐलान करने के बाद सहनी ने चुनाव लड़ने का फैसला क्यों वापस लिया, इसकी स्पष्ट वजह पार्टी की ओर से नहीं बताई गई है। लेकिन सहनी अपनी डिप्टी सीएम पद की मांग पर कायम हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है और सहनी को डिप्टी सीएम बनना है, तो उन्हें किसी भी सदन का सदस्य होना अनिवार्य होगा। विधानसभा चुनाव न लड़ने का मतलब है कि उन्हें अब विधान परिषद (MLC) के रास्ते ही सरकार में जाना होगा। वीआईपी के अनुसार, राजद ने उन्हें दो एमएलसी सीट देने का वादा किया है, जिससे सहनी के लिए विधान परिषद का रास्ता साफ हो सकता है। यह पूरा घटनाक्रम सहनी की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को दर्शाता है, जहाँ उन्होंने विधायक बनने के बजाय सीधे उप-मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी को प्राथमिकता दी है।
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