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किसान अपराधी हैं! अपनी नाकामी दूसरे के सिर फोड़ने वाले ADG कौन हैं? सोशल मीडिया पर मचा कोहराम
ADG Kundan Krishnan News: अब हाल ही में किसानों को लेकर दिया गया उनका बयान सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक चर्चा का गंभीर विषय बना हुआ है।
ADG Kundan Krishnan News
ADG Kundan Krishnan News: बिहार पुलिस के तेज-तर्रार ADG (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। जहां कुछ दिन पहले उन्होंने पटना के कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड की गुत्थी सुलझाकर जमकर तारीफें बटोरी थीं, तो वहीं अब एक विवादित बयान ने उन्हें आलोचना के घेरे में ला कर खड़ा किया है। अब हाल ही में किसानों को लेकर दिया गया उनका बयान सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक चर्चा का गंभीर विषय बना हुआ है।
दरअसल, हाल ही में एक प्रेस वार्ता के दौरान ADG कुंदन कृष्णन ने कहा, "बिहार में ज्यादातर हत्याएं अप्रैल, मई और जून के महीने में होती हैं। यह सिलसिला तब तक चलता रहता है जब तक वर्षा नहीं होती, क्योंकि अधिकतर किसानों के पास करने के लिए काम नहीं होता और इसी दौरान अपराध भी बढ़ते लगते हैं।" अब इस बयान को किसानों के खिलाफ बताया जा रहा है और कहा जा रहा है कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी दूसरों के सिर दाल दी है।
खेमका मर्डर केस में बने थे हीरो
हाल ही में पटना के मशहूर व्यापारी गोपाल खेमका की हत्या ने पूरे राज्य को झकझोर दिया था। इस मामले की जांच में कुंदन कृष्णन ने STF और पटना पुलिस की टीम को के साथ मिलकर लीड करते हुए मात्र 72 घंटे के अंदर मुख्य आरोपी उमेश को गिरफ्त में ले लिया था। इस कार्यवाही के बाद उन्हें काफी प्रशंसा मिली और उनकी छवि एक कड़क अफसर के तौर पर उभरकर सामने आई।
अब एक और मर्डर हुआ...
इस मामले के बाद भी अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब हाल ही में पारस अस्पताल में इलाज करा रहे एक विचाराधीन कैदी को अपराधियों ने गोली मारकर ह्त्या कर दी। इस वारदात ने राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर फिर से कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। और इसी संदर्भ में एडीजी का विवादित बयान भी सामने आया है, जिससे लोगों में आक्रोश पैदा हो गया है।
कौन हैं ADG कुंदन कृष्णन ?
कुंदन कृष्णन 1994 बैच के IPS अधिकारी हैं और बिहार कैडर से हैं। ADG मूल रूप से नालंदा जिले के निवासी हैं। उनके शिक्षा की बात करें तो उन्होंने इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद उन्होंने UPSC परीक्षा पास की और पुलिस सेवा में तैनात हुए। वह अपराधियों से सख्ती से निपटने के लिए पहचाने जाते हैं।
छपरा जेल में अकेले भिड़े थे 1200 कैदियों से
साल 2002 में जब छपरा जेल में बड़ा दंगा भड़क गया था और करीब 1200 कैदियों ने कब्जा जमा लिया था, तब कुंदन कृष्णन अकेले AK-47 लेकर अंदर घुस गए थे। कार्रवाई में 5 कैदी मारे गए थे, और स्थिति पर काबू पाया गया। बता दे, साल 2006 में उन्होंने बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन को पटना के होटल से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इससे उनकी छवि एक दबंग अफसर की बन गई।
अब बयान पर मचा घमासान
कुंदन कृष्णन का यह कहना कि 'खाली बैठे किसान अपराध कर बैठते हैं' अब उनके लिए मुसीबत बन गया है। किसान संगठन, विपक्षी दल और सोशल मीडिया यूज़र्स इस बयान को गैरजिम्मेदाराना और किसानों का अपमान बता रहे हैं।
जहां एक तरफ ADG कुंदन कृष्णन अपने साहसिक और तेज़ पुलिसिंग के लिए पहचाने जाते हैं, वहीं इस बार उनका बयान उनकी साख को चोट पहुंचा रहा है। अब देखना यह होगा कि वे इस विवाद से कैसे निपटते हैं, और क्या वे अपने बयान पर सफाई देते हैं या नहीं।
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