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बिहार को मिलेगी 2,274 मेगावाट बिजली: अडानी पावर बनाएगा 3 बिलियन डॉलर का थर्मल प्लांट
Adani Thermal Power in Bihar: बिहार के भागलपुर में 2400 मेगावाट पावर प्लांट से बिजली उत्पादन और निवेश को मिलेगा बड़ा बढ़ावा।
Adani Thermal Power in Bihar
बिहार की बिजली ज़रूरतें लगातार बढ़ रही हैं और ऐसे समय में एक बड़ी परियोजना का रास्ता साफ हुआ है। अडानी पावर लिमिटेड को राज्य सरकार से 2,274 मेगावाट बिजली की आपूर्ति का महत्वपूर्ण अनुबंध मिला है। इस अनुबंध के तहत कंपनी भागलपुर ज़िले में करीब 3 अरब डॉलर के निवेश से 2,400 मेगावाट क्षमता वाला थर्मल पावर प्लांट स्थापित करेगी। इस परियोजना से जहां एक ओर राज्य की ऊर्जा आपूर्ति व्यवस्था को मजबूती मिलेगी, वहीं दूसरी ओर हज़ारों लोगों को रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे। यह ठेका प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के ज़रिए अडानी पावर को प्राप्त हुआ है, जिसमें कंपनी ने सबसे कम दर की पेशकश की थी।
न्यूनतम दर की पेशकश से अडानी पावर को मिला अनुबंध
बोली प्रक्रिया बिहार स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (BSPGCL) की ओर से कराई गई थी। इस प्रक्रिया में अडानी पावर ने प्रति यूनिट ₹6.075 की सबसे कम दर पर बिजली देने का प्रस्ताव रखा, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद कंपनी को Letter of Intent (LoI) जारी किया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत उत्पन्न बिजली उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार की वितरण कंपनियों - NBPDCL और SBPDCL - को दी जाएगी। अडानी पावर की यह जीत उस तकनीकी अनुभव और प्रतिस्पर्धी दरों की वजह से संभव हुई, जो कंपनी ने प्रस्ताव में दर्शाया था।
Ultra-supercritical तकनीक से होगा निर्माण
इस पावर प्लांट की कुल उत्पादन क्षमता 2,400 मेगावाट होगी, जिसे तीन यूनिटों में विभाजित किया जाएगा - हर यूनिट 800 मेगावाट की होगी। यह संयंत्र Ultra-supercritical तकनीक पर आधारित होगा, जो पारंपरिक संयंत्रों की तुलना में अधिक ऊर्जा दक्षता प्रदान करता है और उत्सर्जन भी कम करता है। यह संयंत्र Design, Build, Finance, Own और Operate (DBFOO) मॉडल के तहत बनाया जाएगा। पहली यूनिट को चालू करने का लक्ष्य 48 महीनों के भीतर रखा गया है, जबकि अंतिम यूनिट 60 महीनों में चालू होगी।
SHAKTI नीति के तहत सुनिश्चित होगी ईंधन आपूर्ति
इस पावर प्रोजेक्ट को संचालित करने के लिए कोयले की आपूर्ति भारत सरकार की SHAKTI (Scheme for Harnessing and Allocating Koyala Transparently in India) नीति के अंतर्गत की जाएगी। इस नीति के तहत कोयले का आवंटन एक पारदर्शी प्रक्रिया से होता है, जिससे परियोजनाओं को ईंधन की सतत और भरोसेमंद आपूर्ति मिलती है। यह सुनिश्चित करेगा कि बिजली उत्पादन में कोई बाधा न आए और परियोजना समय पर पूरी हो सके।
रोज़गार के नए अवसर और औद्योगिक विकास की संभावनाएं
इस परियोजना का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी काफी महत्वपूर्ण होगा। निर्माण चरण में अनुमानतः 10,000 से 12,000 लोगों को अस्थायी रोज़गार मिलेगा, जबकि संचालन शुरू होने के बाद लगभग 3,000 लोगों को स्थायी नौकरियाँ मिलेंगी। यह प्लांट स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देगा और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा। इससे बिहार के पूर्वी हिस्से में अधोसंरचना विकास को भी बल मिलेगा, जो लंबे समय से अपेक्षित रहा है।
जल्द होंगे अंतिम समझौते, संचालन की तैयारी शुरू
अडानी पावर को जल्द ही Letter of Award (LoA) मिलने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। इसके बाद कंपनी राज्य की दोनों वितरण एजेंसियों के साथ Power Supply Agreement (PSA) पर हस्ताक्षर करेगी। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.बी. ख्यालिया ने इस अवसर पर कहा कि यह प्रोजेक्ट बिहार को सस्ती, भरोसेमंद और टिकाऊ बिजली देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संयंत्र में पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों का उपयोग किया जाएगा ताकि बिजली उत्पादन के साथ-साथ सतत विकास को भी प्राथमिकता दी जा सके।
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