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Big Deal: Torrent Pharma का मेगा प्लान - ₹19,500 करोड़ में JB Chemicals के अधिग्रहण की तैयारी, CCI की मंजूरी शेष
Big Deal: Torrent Pharma की योजना के अनुसार, कंपनी Tau Investment Holdings Pte Ltd (जो KKR से जुड़ी है) से 46.39% हिस्सेदारी करीब ₹11,917 करोड़ में खरीदेगी।
Big Deal (Image Credit-Social Media)
Big Deal: अहमदाबाद की जानी-मानी दवा कंपनी Torrent Pharmaceuticals ने JB Chemicals & Pharmaceuticals में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से औपचारिक मंजूरी मांगी है। लगभग ₹19,500 करोड़ के इस प्रस्तावित अधिग्रहण से देश के फार्मा क्षेत्र में बड़ा बदलाव आने की संभावना है। डील के पूरा होने पर JB Chemicals का संचालन अधिकार पूरी तरह से Torrent Pharma के पास आ जाएगा।
यह अधिग्रहण भारत की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री की सबसे बड़ी डील्स में से एक माना जा रहा है। इससे पहले 2015 में Sun Pharma द्वारा Ranbaxy Laboratories का अधिग्रहण लगभग ₹24,000 करोड़ में किया गया था। उस ऐतिहासिक सौदे के बाद यह डील दूसरे स्थान पर आती है, जो बाजार में Torrent की पकड़ और प्रतिस्पर्धा को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकती है।
सौदे की शर्तें और निवेश का खाका :
Torrent Pharma की योजना के अनुसार, कंपनी Tau Investment Holdings Pte Ltd (जो KKR से जुड़ी है) से 46.39% हिस्सेदारी करीब ₹11,917 करोड़ में खरीदेगी। इसके अलावा, कंपनी JB Chemicals के कुछ कर्मचारियों से 2.80% अतिरिक्त हिस्सेदारी ₹1,600 प्रति शेयर की दर से खरीदने जा रही है, जिसकी कुल लागत लगभग ₹719 करोड़ होगी।
इसके बाद, ओपन मार्केट से 26% शेयर और खरीदे जाएंगे, जिनकी कीमत होगी ₹1,639.18 प्रति शेयर - जिससे Torrent को और ₹6,842.8 करोड़ का निवेश करना होगा। इस तरह, कंपनी JB Chemicals में लगभग पूरी हिस्सेदारी हासिल करने की दिशा में बढ़ रही है।
दोनों कंपनियों की बाजार स्थिति और व्यवसायिक समानताएं :
Torrent Pharma और JB Chemicals दोनों ही कंपनियां Finished Dosage Formulations (FDFs) का निर्माण करती हैं, जिनका भारतीय दवा बाजार में बड़ा योगदान है। इस कारण इन दोनों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक समानता यानी "horizontal overlap" पाई गई है, जिसकी जानकारी CCI को दी गई है।
Torrent Pharmaceuticals, Torrent Group की प्रमुख इकाई है, जिसकी सालाना कमाई ₹11,500 करोड़ से अधिक है और पूरे समूह की आय लगभग ₹45,000 करोड़ तक जाती है। दूसरी ओर, 1976 में स्थापित JB Chemicals, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी, डर्मेटोलॉजी और डायबिटीज जैसे क्षेत्रों के लिए दवाओं का निर्माण करती है। कंपनी APIs (Active Pharmaceutical Ingredients) और CDMO (Contract Development and Manufacturing Organisation) सेवाएं भी देती है।
फार्मा सेक्टर में अधिग्रहण की होड़ :
इस डील को लेकर तुलना Sun Pharma द्वारा Ranbaxy के 2015 में अधिग्रहण से की जा रही है, जिसकी कुल वैल्यू लगभग ₹24,000 करोड़ थी। उस डील में USD 800 मिलियन का कर्ज भी शामिल था।
2020 में JB Chemicals में KKR ने किया था बड़ा निवेश, लेकिन 2025 की शुरुआत में उसने 5.8% हिस्सेदारी लगभग ₹1,460 करोड़ में बेच दी। इस आंशिक निकासी से साफ है कि कंपनी पर अब Torrent Pharma का प्रभुत्व बढ़ रहा है।
इसी तरह, Mankind Pharma ने भी फार्मा बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करते हुए ₹13,768 करोड़ में Bharat Serums and Vaccines का अधिग्रहण किया।
निष्कर्ष: भविष्य की दिशा तय करता सौदा :
Torrent Pharma द्वारा JB Chemicals का अधिग्रहण न केवल कंपनी की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि भारत की फार्मा इंडस्ट्री के बदलते परिदृश्य को भी दर्शाता है। जब CCI से मंजूरी मिल जाएगी, तब यह सौदा भारतीय बाजार में कंपनी की पकड़ को और अधिक मजबूत बना देगा।
यह सौदा संकेत देता है कि भारतीय फार्मा कंपनियां अब ग्लोबल स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपने संसाधनों का विस्तार और पुनर्गठन कर रही हैं। बड़े पैमाने पर हो रहे ये विलय और अधिग्रहण भविष्य में भारत को फार्मास्युटिकल उत्पादन और नवाचार में वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में ले जा सकते हैं।
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