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Big Pharma Deal: AbbVie और Glenmark में हुआ 700 मिलियन डॉलर का करार
Big Pharma Deal: डील 700 मिलियन डॉलर (लगभग ₹5,800 करोड़) की है, जिसका उद्देश्य एक इनोवेटिव कैंसर(Cancer) दवा ISB 2001 के विकास और वैश्विक स्तर पर मार्केटिंग को आगे बढ़ाना है।
Big Pharma Deal (Image Credit-Social Media)
Big Pharma Dea : नई ट्राइस्पेसिफिक टी-सेल कैंसर दवा को लेकर ऐतिहासिक समझौता : दुनिया की दिग्गज बायोफार्मा कंपनी AbbVie और भारत की फार्मा सेक्टर से जुड़ी Ichnos Glenmark Innovation SA (IGI) की सब्सिडियरी IGI Therapeutics SA के बीच एक बड़ा समझौता हुआ है। यह डील 700 मिलियन डॉलर (लगभग ₹5,800 करोड़) की है, जिसका उद्देश्य एक इनोवेटिव कैंसर(Cancer) दवा ISB 2001 के विकास और वैश्विक स्तर पर मार्केटिंग को आगे बढ़ाना है। यह सौदा भारतीय फार्मा क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर है, क्योंकि यह भारत की रिसर्च क्षमताओं और बायोटेक्नोलॉजी इनोवेशन को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाता है। ISB 2001 नामक यह दवा मल्टीपल मायलोमा (एक प्रकार का रक्त कैंसर) के इलाज के लिए विकसित की जा रही है, जो Glenmark की उन्नत इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी तकनीक पर आधारित है। आइए विस्तार से समझते हैं यह समझौता कितना अहम है।
नई दवा की तकनीक: ट्राइस्पेसिफिक टी-सेल एंगेजर की ताकत :
इस समझौते का केंद्र Glenmark की सब्सिडियरी IGI Therapeutics SA द्वारा विकसित की जा रही ISB 2001 नामक दवा है। यह दवा एक ट्राइस्पेसिफिक टी-सेल एंगेजर है, जो Glenmark की BEAT®️ नामक इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी प्लेटफॉर्म पर आधारित है। इसकी खास बात यह है कि यह शरीर की तीन प्रकार की कोशिकाओं को एकसाथ टारगेट करती है - T-cells को सक्रिय करती है, कैंसर(Cancer) कोशिकाओं की पहचान करती है और उन्हें खत्म करती है।
ISB 2001 को खासतौर पर मल्टीपल मायलोमा जैसी बीमारियों के लिए तैयार किया जा रहा है, जो हड्डियों और रक्त को प्रभावित करता है। इसे अमेरिकी FDA द्वारा Orphan Drug और Fast Track का दर्जा भी दिया गया है, जिससे इसका विकास और मंजूरी प्रक्रिया तेज़ हो सकती है।
यह तकनीक कैंसर के इलाज में नई क्रांति ला सकती है, क्योंकि इसमें पारंपरिक कीमोथेरेपी की तुलना में कम साइड इफेक्ट्स होते हैं और यह अधिक सटीकता से काम करती है।
समझौते की शर्तें: Glenmark को मिलेगा बड़ा लाभ :
AbbVie इस डील के तहत शुरू में Glenmark को $70 मिलियन की अग्रिम रकम देगी। इसके बाद, अगर ISB 2001 के क्लिनिकल ट्रायल, रेगुलेटरी अप्रूवल और वैश्विक बिक्री लक्ष्य पूरे होते हैं, तो Glenmark को कुल $700 मिलियन तक की राशि प्राप्त हो सकती है।
इस करार से Glenmark को दो बड़े फायदे होंगे:
1. मजबूत आर्थिक समर्थन
2. वैश्विक फार्मा उद्योग में प्रतिष्ठा और पहचान
साथ ही, यह सौदा Glenmark को अपनी रिसर्च और डेवेलपमेंट गतिविधियों को और मजबूत करने में मदद करेगा, जिससे भविष्य में और भी नई दवाएं विकसित की जा सकेंगी।
भारत की फार्मा इंडस्ट्री के लिए एक नई दिशा :
इस सौदे से यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय कंपनियां केवल जेनेरिक दवाओं के उत्पादन में ही नहीं, बल्कि नवाचार और रिसर्च के क्षेत्र में भी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के बराबर खड़ी हैं। Glenmark की यह उपलब्धि भारत की वैज्ञानिक शक्ति और शोध आधारित दृष्टिकोण को दर्शाती है।
इस तरह के वैश्विक समझौते भारत की दवा इंडस्ट्री को ग्लोबल इनोवेशन मैप पर एक मजबूत स्थान दिलाने में मदद करते हैं।
निष्कर्ष :
AbbVie और Glenmark के बीच हुआ यह 700 मिलियन डॉलर का समझौता केवल एक व्यावसायिक सौदा नहीं, बल्कि कैंसर के इलाज में एक नई दिशा की शुरुआत है। यह करार यह भी साबित करता है कि भारतीय वैज्ञानिक और फार्मा कंपनियां अब इनोवेशन के मामले में किसी से पीछे नहीं हैं। यदि ISB 2001 अपने क्लिनिकल परीक्षणों में सफल रहती है, तो यह सौदा भारत और पूरी दुनिया के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।
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