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FY25 FinTech Milestone: 2024–25 में फिनटेक NBFCs ने दिए रिकॉर्ड 10.9 करोड़ पर्सनल लोन, कुल राशि ₹1.06 लाख करोड़ पार
FY25 FinTech Milestone: भारत के फिनटेक क्षेत्र में वित्त वर्ष 2024–25 के दौरान अविश्वसनीय उछाल हुआ है। उस समय, फिनटेक NBFCs ने डिजिटल लोन देने में नया कीर्तिमान बनाया।
FY25 FinTech Milestone 2024 To 2025
FY25 FinTech Milestone: भारत के फिनटेक क्षेत्र में वित्त वर्ष 2024–25 के दौरान अविश्वसनीय उछाल हुआ है। उस समय, फिनटेक NBFCs ने डिजिटल लोन देने में नया कीर्तिमान बनाया। 10.9 करोड़ से अधिक व्यक्तिगत लोन ₹1,06,548 करोड़ के साथ स्वीकृत किए गए। Fintech Association for Consumer Empowerment (FACE) ने ये आंकड़े प्रकाशित किए हैं। यह संस्था भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा अधिकृत एक स्व-नियामक निकाय (SRO-FT) है, जो फिनटेक कंपनियों के संचालन की निगरानी करती है।
क्या है FinTech NBFC?
FinTech NBFC वे वित्तीय संस्थाएं होती हैं जो तकनीक की मदद से आम लोगों को डिजिटल माध्यम से लोन देती हैं। ये पारंपरिक बैंकों की तुलना में कम समय और कम दस्तावेज़ों के साथ लोन देने में सक्षम होती हैं। मोबाइल ऐप्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए लोन की प्रक्रिया पूरी होती है, जिससे यह सुविधा तेज, आसान और अधिक सुलभ बनती है।
लोन की संख्या और रकम - एक ऐतिहासिक छलांग :
FACE की रिपोर्ट के अनुसार:
• लोन की संख्या: 10.9 करोड़
• कुल लोन राशि: ₹1,06,548 करोड़
• लोन की औसत राशि: लगभग ₹9,800 प्रति लोन
इस आंकड़े से यह साफ है कि छोटे लोन की मांग में भारी उछाल आया है। ये लोन आमतौर पर वेतनभोगियों, छोटे कारोबारियों और डिजिटल भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं द्वारा लिए जा रहे हैं।
क्यों बढ़ी है पर्सनल लोन की मांग?
1. डिजिटल पेमेंट और UPI का विस्तार: डिजिटल फाइनेंशियल सेवाओं की पहुंच गांवों तक हो गई है, जिससे लोन लेना आसान हुआ है।
2. तेजी से प्रोसेसिंग: पारंपरिक बैंक लोन की तुलना में फिनटेक NBFCs कुछ ही मिनटों में लोन स्वीकृत कर देती हैं।
3. कम दस्तावेज़ीकरण: आधार और पैन जैसे डिजिटल KYC दस्तावेज़ों से पूरी प्रक्रिया सरल हो गई है।
4. आपातकालीन जरूरतें: मेडिकल खर्च, शिक्षा शुल्क, घर की मरम्मत जैसी आवश्यकताओं के लिए लोग छोटे-छोटे लोन लेना पसंद कर रहे हैं।
FACE का क्या है रोल?
Fintech Association for Consumer Empowerment (FACE) एक स्व-नियामक संस्था (Self-Regulatory Organisation - SRO) है, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को वित्तीय सेवाएं सुरक्षित, पारदर्शी और जिम्मेदारीपूर्ण तरीके से उपलब्ध कराना है। FACE डिजिटल ऋण क्षेत्र में उपभोक्ता हितों की रक्षा और फिनटेक कंपनियों के संचालन में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कार्य करता है।
चुनौतियाँ भी हैं सामने :
हालांकि फिनटेक NBFCs का तेजी से विकास हो रहा है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं:
• उच्च ब्याज दरें: छोटे लोन पर ब्याज दरें पारंपरिक बैंकों की तुलना में अधिक होती हैं।
• डेट ट्रैप (कर्ज जाल): बार-बार छोटे लोन लेने से ग्राहक कर्ज के चक्रव्यूह में फंस सकते हैं।
• डेटा सुरक्षा: ग्राहकों की निजी जानकारी का सुरक्षित रहना जरूरी है, जिस पर अभी और सुधार की ज़रूरत है।
सरकार और RBI की भूमिका :
सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) अब इस क्षेत्र को लेकर ज्यादा सतर्क हैं। RBI फिनटेक NBFCs के लिए नए नियम ला रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि:
• ग्राहकों के साथ कोई धोखा न हो,
• ब्याज दरें पारदर्शी रहें,
• और लोन देने की प्रक्रिया निष्पक्ष हो।
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