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Nifty Weekly Report: सपोर्ट, रेजिस्टेंस, ग्लोबल मार्केट्स और आने वाले सप्ताह की रणनीति

Nifty Weekly Report 2025: पिछले मई के अंतिम सप्ताह और जून के पहले सप्ताह में बाजार 24,300 – 24,800 के दायरे में कंसोलिडेट कर रहा था।

Sonal Girhepunje
Published on: 28 Jun 2025 8:00 PM IST
Nifty Weekly Report Update July 2025
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Nifty Weekly Report Update July 2025 (Image Credit-Social Media)

Nifty Weekly Report 2025: बीते सप्ताह निफ्टी ने जबरदस्त तेजी दिखाई। 24,700 के स्तर से उठकर इंडेक्स ने 25,632.45 तक का सफर तय किया। लगातार Higher Low और Higher High बनाते हुए इंडेक्स ने यह स्पष्ट किया कि बाजार में बुलिश मोमेंटम मजबूत है।

पिछले मई के अंतिम सप्ताह और जून के पहले सप्ताह में बाजार 24,300 – 24,800 के दायरे में कंसोलिडेट कर रहा था। 10 जून के आस-पास एक शानदार अपमूव आया, लेकिन 12-13 जून को कुछ गिरावट नजर आई। इसके बाद 20 जून से बाजार में जबरदस्त तेजी का सिलसिला शुरू हुआ, जिसने इंडेक्स को 25,600 के ऊपर पहुंचा दिया।

तकनीकी विश्लेषण: कहां लिया सपोर्ट और क्या है रेजिस्टेंस?

महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल(Support Levels):

24,700 – 24,800 ज़ोन: यह लेवल बाजार के लिए अहम बेस साबित हुआ। यहीं से इंडेक्स में रिकवरी शुरू हुई। यह ज़ोन अब अगला “डिमांड ज़ोन” है। यदि किसी कारणवश बाजार में गिरावट आती है, तो सबसे पहले यहीं सपोर्ट तलाशा जाएगा।

24,300 – 24,350 लेवल: यह स्तर पिछले कंसोलिडेशन के निचले सिरे का हिस्सा था। यह एक मजबूत सपोर्ट है, जहां बड़ी मात्रा में खरीदारी देखी गई थी।

संभावित रेजिस्टेंस लेवल (Resistance Level) :

25,700 – 25,750 ज़ोन: यह एक इमीडिएट रेजिस्टेंस है। फिलहाल निफ्टी इस स्तर के करीब ट्रेड कर रहा है। यहाँ से मुनाफावसूली आ सकती है।

25,950 – 26,100 लेवल: अगर बाजार ऊपर के लेवल्स को क्लियर करता है, तो यह अगला बड़ा रेजिस्टेंस होगा। यह स्तर मनोवैज्ञानिक तौर पर भी अहम है क्योंकि 26,000 एक राउंड नंबर है।

बाजार से मिलने वाले संकेत :

1. Higher High-Higher Low Pattern: पिछले एक हफ्ते में हर गिरावट पर खरीदारी आई। यह तेजी का स्पष्ट संकेत है।

2. बड़ी कैंडल्स का उभरना: 25 जून के बाद से लगातार बड़ी बुलिश कैंडल्स बन रही हैं। वॉल्यूम भी अच्छा रहा, जो तेजी के ट्रेंड की पुष्टि करता है।

3. मंदी के संकेत फिलहाल कमजोर: गिरावट के दौरान वॉल्यूम कम रहा, जिससे साफ है कि अभी बिकवाली दबाव में नहीं है।

निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए रणनीति

शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स

• 25,700-25,750 पर आंशिक प्रॉफिट बुकिंग करें।

• गिरावट में 25,350 – 25,400 पर नए लॉन्ग पोजीशन बना सकते हैं।

• 24,800 से नीचे स्लिप होता है तो थोड़ा सतर्क रहें, वहां से तेजी कमजोर हो सकती है।

लॉन्ग-टर्म निवेशक :

• फिलहाल लॉन्ग-टर्म दृष्टिकोण पॉजिटिव है।

• अगर बाजार 25,700 के ऊपर बंद होता है, तो अगला लक्ष्य 26,100 – 26,300 हो सकता है।

• नए निवेशकों को सलाह है कि भारी निवेश से बचें, बल्कि SIP या चरणबद्ध निवेश से ही आगे बढ़ें।

ग्लोबल मार्केट्स की स्थिति :

अमेरिकी बाजार :

• NASDAQ और S&P 500 ने इस सप्ताह ऑल-टाइम हाई के करीब क्लोज किया। AI सेक्टर, टेक्नोलॉजी और स्मॉल-कैप शेयरों में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है।

• फेडरल रिज़र्व की कमेंट्री से संकेत मिला कि ब्याज दरों में निकट भविष्य में कटौती संभव है, लेकिन सितंबर तक ही उम्मीदें हैं।

यूरोप

• यूरोप में बाजार स्थिर रहे। फ्रांस में चुनावी अनिश्चितता के चलते थोड़ी वोलाटिलिटी देखने को मिली।

• ECB ने संकेत दिए कि वे दरों में कटौती की राह पर बने रहेंगे, लेकिन बहुत आक्रामक रुख नहीं अपनाएंगे।

चीन और एशिया :

• चीन की इकनॉमिक डेटा कमजोर रहा, लेकिन सरकार के राहत पैकेज की उम्मीदों ने बाजार को संभाला।

• जापान में येन में कमजोरी जारी है, जिससे निर्यातक कंपनियों के शेयर मजबूत हैं।

ईरान-इज़राइल युद्धविराम का असर

पिछले सप्ताह सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय खबर रही – ईरान और इज़राइल के बीच युद्धविराम। महीने भर से चल रही तनाव की स्थिति ने तेल के दामों को अस्थिर रखा था।

असर भारतीय बाजार पर:

• तेल की कीमतों में नरमी: युद्धविराम की खबर से ब्रेंट क्रूड करीब 5% गिरकर $80-82 प्रति बैरल पर आ गया। यह भारत के लिए सकारात्मक है क्योंकि भारत तेल आयातक देश है।

• रुपये में स्थिरता: डॉलर के मुकाबले रुपया 85.50 के पास स्थिर नजर आया। युद्धविराम से करंसी पर दबाव कम हुआ।

• इंफ्लेशन का डर घटा: कच्चे तेल के गिरते दामों से महंगाई पर भी राहत मिलने की संभावना है, जिससे ब्याज दरें स्थिर रह सकती हैं।

निवेशकों के लिए मतलब: ईरान-इज़राइल तनाव में नरमी भारत के इक्विटी बाजार के लिए राहत का काम करेगी। इससे सेंटीमेंट मजबूत रहेगा।

भारत की बड़ी वित्तीय खबरें :

1. GST कलेक्शन में रिकॉर्ड :

• जून के महीने में GST कलेक्शन ₹1.74 लाख करोड़ पहुंच गया, जो पिछले साल के मुकाबले 10% ज्यादा है।

• यह संकेत देता है कि भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर गति से बढ़ रही है।

2. मानसून अपडेट :

• IMD ने कहा कि मानसून सामान्य रहने की संभावना है।

• FMCG और ग्रामीण इकॉनमी पर इसका सकारात्मक असर पड़ सकता है।

3. IIP और CPI डेटा :

• IIP (औद्योगिक उत्पादन) में सुधार दिखा है।

• CPI (महंगाई) पिछले महीने की तुलना में थोड़ा घटा है, जिससे ब्याज दरों पर दबाव कम हुआ है।

4. SEBI के नए नियम :

• SEBI ने म्यूचुअल फंड्स के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।

• निवेशक पहले से ज्यादा सुरक्षित रहेंगे।

अगले सप्ताह की रणनीति :

आने वाला सप्ताह बेहद दिलचस्प रहने वाला है क्योंकि:

• US Non-Farm Payroll डेटा आने वाला है।

• FOMC मिनट्स जारी होंगे, जिससे ब्याज दरों पर और संकेत मिलेंगे।

• भारत में ऑटो बिक्री के आंकड़े आ रहे हैं।

• मानसून की प्रगति पर नजर रखना जरूरी होगा।

सारांश :

निफ्टी ने इस सप्ताह दमदार प्रदर्शन किया। संकेत दे रहा है कि बाजार मजबूत हाथों में है। फिलहाल ट्रेंड पॉजिटिव बना हुआ है, लेकिन 25,700 – 25,750 के आसपास थोड़ी मुनाफावसूली देखी जा सकती है। ग्लोबल फ्रंट पर ईरान-इज़राइल युद्धविराम और कच्चे तेल में नरमी से भारतीय बाजारों को राहत मिली है।

निवेशकों के लिए सलाह:

• लंबी अवधि का दृष्टिकोण पॉजिटिव है।

• नई खरीदारी में तेजी दिखाते वक्त जल्दबाजी न करें, बल्कि चरणबद्ध निवेश पर जोर दें।

• गिरावट को खरीदारी का मौका मानें।

यदि आने वाले सप्ताह में कोई नेगेटिव ग्लोबल इवेंट नहीं होता, तो निफ्टी 26,000 के लेवल को छू सकता है। लेकिन सतर्कता जरूरी है क्योंकि बाजार ऊँचाई पर ट्रेड कर रहा है और कभी भी वोलाटिलिटी लौट सकती है।

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