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NACH 3.0: अब सैलरी, पेंशन, EMI और SIP जैसे भुगतान होंगे और भी तेज और सुरक्षित

NACH 3.0: नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने नया सिस्टम NACH 3.0 जुलाई 2025 से पहले लॉन्च करने जा रहा है।

Sonal Girhepunje
Published on: 23 Jun 2025 7:39 PM IST
NACH 3.0
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NACH 3.0 (Image Credit-Social Media)

NACH 3.0: नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) जुलाई 2025 से पहले नया सिस्टम NACH 3.0 लॉन्च करने जा रहा है। यह नया वर्जन मौजूदा नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस (NACH) सिस्टम का अपग्रेडेड रूप होगा। इसके आने से सैलरी, पेंशन, EMI और SIP जैसे रेगुलर बैंकिंग ट्रांजेक्शन पहले से तेज़, सुरक्षित और तकनीकी रूप से बेहतर हो जाएंगे।

क्या है NACH सिस्टम?

NACH यानी नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस एक सेंट्रलाइज्ड सिस्टम है, जो बैंकों को सैलरी, सब्सिडी, लोन की EMI, बीमा प्रीमियम और SIP जैसे रेगुलर ट्रांजेक्शन ऑटोमैटिक तरीके से प्रोसेस करने की सुविधा देता है। हर दिन करोड़ों ट्रांजेक्शन इसी सिस्टम से होते हैं। इसकी मदद से कंपनियां या सरकारी संस्थाएं एक बार की अनुमति से यूज़र्स के बैंक अकाउंट से हर महीने पैसा काट सकती हैं, जैसे सैलरी का ट्रांसफर या बिजली के बिल का पेमेंट।

NACH 3.0 में क्या होगा नया?

NPCI के अनुसार, नया वर्जन पूरी तरह से री-डिज़ाइन किया गया होगा। इसमें ग्राफिकल इंटरफेस बेहतर होगा और बैंकिंग ऑपरेशन को आसान और सुरक्षित बनाया जाएगा। इसमें ये प्रमुख सुधार किए गए हैं:

• सैलरी और सब्सिडी ट्रांजेक्शन का प्रोसेसिंग टाइम और तेज होगा।

• EMI और SIP जैसे पेमेंट्स की क्लियरिंग पहले से जल्दी होगी।

• बैंकों को मिलेगा नया रियल-टाइम मॉनिटरिंग डैशबोर्ड।

• यूज़र खुद अपना पासवर्ड रिसेट कर सकेंगे; एडमिन की ज़रूरत नहीं होगी।

• क्लेम प्रोसेस होगा और आसान और तेज।

साइबर सुरक्षा को लेकर खास उपाय :

NACH 3.0 में डेटा सुरक्षा को लेकर भी कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं:

• GUI और H2H दोनों चैनल पर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन होगा।

• हर यूज़र के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन अनिवार्य होगा।

• रोल-बेस्ड एक्सेस कंट्रोल से अनाधिकृत एक्सेस रोका जाएगा।

• Plain Text डाउनलोड पर रोक और केवल PGP एन्क्रिप्टेड फाइल डाउनलोड की अनुमति।

• रियल-टाइम ऑडिट और मॉनिटरिंग टूल्स, ताकि गड़बड़ी तुरंत पकड़ी जा सके।

NPCI का कहना है कि इस अपग्रेड का उद्देश्य डेटा की गोपनीयता और ऑपरेशनल सुरक्षा को और मज़बूत बनाना है।

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की राय :

Freo के को-फाउंडर कुणाल वर्मा का मानना है कि नया सिस्टम रेगुलर पेमेंट्स को और फास्ट और भरोसेमंद बनाएगा। उन्होंने कहा, “NACH 3.0 से सैलरी, EMI और SIP जैसे ऑटो डेबिट ट्रांजेक्शन में तेज़ी आएगी और बैंक ग्राहक इसे ज़्यादा भरोसे से इस्तेमाल करेंगे। यह पूरे डिजिटल पेमेंट सिस्टम को मजबूती देगा।”

सारांश :

NACH 3.0 न केवल पेमेंट प्रोसेस को तेज और आसान बनाएगा, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को तकनीकी रूप से अधिक सक्षम और सुरक्षित बनाएगा। यह भारत के डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम को एक नया मुकाम देगा।

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