सितंबर में ग्रामीण महंगाई में गिरावट, मजदूरों को बड़ी राहत

श्रम ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2025 में खाद्य कीमतों में आई तेज गिरावट से राहत मिली

Ramkrishna Vajpei
Published on: 18 Oct 2025 3:36 PM IST
Rural Inflation Falls
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Rural Inflation Falls (image from Social Media)

New Delhi: श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत आने वाले श्रम ब्यूरो द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 में कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए महंगाई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में आई कमी के कारण हुई, जो ग्रामीण परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है।

सूचकांक में आई गिरावट

सितंबर 2025 के लिए आधार वर्ष 2019=100 के साथ जारी किए गए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के अनुसार:

सूचकांक अगस्त 2025 (स्तर) सितंबर 2025 (स्तर) बदलाव

कृषि श्रमिक (सामान्य) 136.34 136.23 0.11 अंक घटा

ग्रामीण श्रमिक (सामान्य) 136.60 136.42 0.18 अंक घटा

कृषि श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय खाद्य सूचकांक में 0.47 अंक और ग्रामीण श्रमिकों के लिए 0.58 अंक की अच्छी खासी कमी आई है।

महंगाई दर (मुद्रास्फीति) में बड़ा बदलाव

वार्षिक आधार पर देखें तो महंगाई दर में महत्वपूर्ण बदलाव आया है:

मुद्रास्फीति (%) अगस्त 2025 सितंबर 2025

कृषि श्रमिक (सामान्य) 1.07% -0.07% (घटी)

ग्रामीण श्रमिक (सामान्य) 1.26% 0.31%

कृषि श्रमिक (खाद्य) -0.55% -2.35% (तेज़ गिरावट)

ग्रामीण श्रमिक (खाद्य) -0.28% -1.81% (तेज़ गिरावट)

सितंबर 2025 में कृषि श्रमिकों के लिए सामान्य महंगाई दर नकारात्मक (-0.07%) हो गई है, यानी पिछले साल सितंबर की तुलना में इन श्रमिकों के लिए जीवन यापन लागत औसतन कम हुई है। वहीं, खाद्य पदार्थों की कीमतों में बड़ी गिरावट (2.35% तक) ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए राहत लेकर आई है।

अलग-अलग समूहों के सूचकांक

सितंबर में जहाँ 'खाद्य और गैर मादक पेय' के सूचकांक में गिरावट आई, वहीं अन्य समूहों, जैसे ईंधन और प्रकाश, कपड़े और जूते, तथा विविध में मामूली वृद्धि दर्ज की गई। इसका मतलब है कि भोजन सस्ता होने के बावजूद, ऊर्जा और रोजमर्रा की अन्य वस्तुओं पर खर्च हल्का-सा बढ़ा है।

किस राज्य में क्या हाल?

राज्यों के स्तर पर, जम्मू और कश्मीर में कृषि और ग्रामीण श्रमिकों दोनों के लिए सूचकांक सबसे ऊँचे स्तर पर रहा, जबकि गोवा में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

यह सूचकांक 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 787 गाँवों से जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित है, जो ग्रामीण भारत में जीवन यापन की लागत का सटीक माप प्रस्तुत करता है। खाद्य कीमतों में कमी, विशेष रूप से ग्रामीण भारत में, यह संकेत देती है कि सरकार के प्रयासों और अच्छी फसल के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की जेब पर बोझ कुछ हद तक कम हुआ है।

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