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क्या आप भी करते हैं ये EMI और लोन की गलतियाँ? जानिए कैसे बचें वित्तीय जाल से!
EMI और लोन लेने की समझदारी ही बनाए आपकी वित्तीय स्थिति मजबूत। जानिए पाँच आसान फॉर्मूले जो बचाएंगे आपको बैंकों के कर्ज़ के जाल से।
5 Simple Formulas For Loan Success: आज की दुनिया में, ज़्यादातर लोग फाइनेंशियल परेशानी में इसलिए फँस जाते हैं क्योंकि वे बिना सोच-समझ के लोन ले लेते हैं। लोग सोचते हैं कि सिर्फ ज्यादा खर्च करना ही समस्या है, लेकिन असलियत यह है कि लोन और EMI का सही प्लान न होना सबसे बड़ी वजह है। आज के समय में EMI और लोन लेना आम बात बन गई है। लोग कार, मोबाइल, पर्सनल लोन या घर खरीदने के लिए आसानी से कर्ज़ लेते हैं, लेकिन उसे चुकाने की कोई ठोस योजना नहीं बनाते। इससे कर्ज़ का बोझ बढ़ता है और फाइनेंशियल स्ट्रेस पैदा होता है।
20-4-1 नियम - कार खरीदते समय स्मार्ट बनें
कार खरीदते समय हमेशा सोच-समझ कर निर्णय लें। सबसे पहले, कार की कीमत का कम से कम 20% डाउन पेमेंट करें। इससे आपका लोन कम होगा और ब्याज का बोझ घटेगा। दूसरी बात, लोन की अवधि 4 साल से ज्यादा न रखें, क्योंकि लंबी अवधि में ब्याज ज्यादा बढ़ जाता है। और सबसे जरूरी, आपकी EMI आपकी मासिक आय का 10% या उससे कम होनी चाहिए, ताकि खर्चा आसान और manageable रहे। इस नियम को अपनाने से आपका कार लोन जल्दी खत्म होगा और आप पैसे की बचत भी कर पाएंगे।
2-6-10 नियम - मोबाइल खरीदने की सीमा तय करें
मोबाइल या कोई भी गैजेट खरीदते समय हमेशा अपनी इनकम के हिसाब से ही निर्णय लें। मोबाइल की कीमत आपकी दो महीने की सैलरी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, ताकि लोन का बोझ कम रहे। अगर आप लोन लेते हैं, तो कोशिश करें कि EMI सिर्फ 6 महीनों के अंदर खत्म हो जाए, इससे आप जल्दी कर्ज़ मुक्त हो जाएंगे। साथ ही, आपकी EMI आपकी मासिक आय का 10% या उससे कम होनी चाहिए। इस नियम को अपनाने से आप इमोशन के बजाय अपने बजट के अनुसार स्मार्ट गैजेट खरीद पाएंगे और फाइनेंशियल स्ट्रेस से बचेंगे।
3-6-9 नियम - इमरजेंसी फंड बनाएँ
हर किसी को अपने इमरजेंसी फंड का ध्यान रखना चाहिए। अगर आप सैलरीड कर्मचारी हैं, तो आपके पास कम से कम 3 महीने का फंड होना चाहिए। अगर आप फ्रीलांसर हैं, तो 6 महीने का फंड रखना सही रहेगा। और जिनकी नौकरी रिस्की या अनिश्चित है, उनके पास 9 महीने का फंड होना चाहिए। याद रखें, जॉब जितनी अनिश्चित, बफर उतना ही ज्यादा होना चाहिए। इससे अचानक आने वाले खर्चों का डर कम होता है और आप फाइनेंशियल रूप से सुरक्षित रहते हैं।
5-15-25 नियम - पर्सनल लोन में अनुशासन
पर्सनल लोन लेते समय हमेशा अनुशासन बनाए रखना बहुत जरूरी है। सबसे पहले, लोन की अवधि 5 साल से ज्यादा न रखें, इससे ब्याज का बोझ कम रहेगा। दूसरी बात, ब्याज दर 15% से ऊपर न जाए, ताकि आपका खर्च manageable रहे। साथ ही, EMI आपकी मासिक आय का 25% से ज्यादा न होनी चाहिए, ताकि आपके बाकी खर्चों पर असर न पड़े। इस नियम को अपनाने से आपका कैश फ्लो और क्रेडिट हेल्थ दोनों सही रहते हैं और आप फाइनेंशियल रूप से मजबूत बने रहते हैं।
72 का नियम - निवेश में डबलिंग की गणना
अगर आप निवेश करते हैं, तो यह जानना जरूरी है कि आपका पैसा कितने साल में दोगुना होगा। इसे जानने के लिए बहुत आसान तरीका है - 72 को सालाना रिटर्न (%) से भाग दें। अगर आपकी निवेश पर सालाना रिटर्न 12% है, तो 72 ÷ 12 = 6 साल में आपका पैसा दोगुना हो जाएगा। इस नियम को अपनाकर आप निवेश की सही योजना बना सकते हैं और अपने पैसे को जल्दी बढ़ा सकते हैं।
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