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ज़ुकरबर्ग का 100 मिलियन डॉलर का जॉब ऑफर: सुपरइंटेलिजेंस पर आधिपत्य की साहसी कोशिश

Zuckerberg's 100 Million Dollar Job Offer: इस सप्ताह Meta में कम से कम 11 नए टॉप AI टैलेंट शामिल हुए हैं, जो यह संकेत देता है कि Meta सुपरइंटेलिजेंस विकसित करने की दिशा में प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ने का पक्का इरादा रखता है।

Newstrack Network
Published on: 10 July 2025 6:18 PM IST
Zuckerbergs 100 Million Dollar Job Offer
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Zuckerberg's 100 Million Dollar Job Offer (Image Credit-Social Media)

नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की supremacy की दौड़ में वर्चस्व स्थापित करने के उद्देश्य से, Meta के सीईओ मार्क ज़ुकरबर्ग ने खुद कमान संभालते हुए एक अभूतपूर्व टैलेंट हंट शुरू किया है। ज़ुकरबर्ग की यह मुहिम AI इंडस्ट्री को पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखती है। वे OpenAI, Google और DeepMind जैसे प्रतिस्पर्धियों से शीर्ष AI शोधकर्ताओं को लुभाने के लिए 4 वर्षों में $300 मिलियन (लगभग ₹2,500 करोड़) तक के पैकेज की पेशकश कर रहे हैं — जिनमें पहले वर्ष में ही $100 मिलियन (₹857 करोड़) से अधिक की राशि दी जा रही है। Meta की इस आक्रामक रणनीति के केंद्र में है उसका नया ‘Superintelligence Labs’, जिसने तकनीकी जगत में टैलेंट वॉर की चिंगारी भड़का दी है।

प्रमुख शोधकर्ताओं का Meta की ओर रुख

ज़ुकरबर्ग के इस टैलेंट अभियान में अब तक कई हाई-प्रोफाइल शोधकर्ता शामिल हो चुके हैं — जिनमें OpenAI के विज़न ट्रांसफॉर्मर को को-डेवलप करने वाले लुकास बेयर और Apple में फाउंडेशन मॉडल्स की टीम का नेतृत्व करने वाले रुओमिंग पेंग प्रमुख हैं। इस सप्ताह Meta में कम से कम 11 नए टॉप AI टैलेंट शामिल हुए हैं, जो यह संकेत देता है कि Meta सुपरइंटेलिजेंस विकसित करने की दिशा में प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ने का पक्का इरादा रखता है।

सूत्रों के अनुसार, ज़ुकरबर्ग खुद इन उम्मीदवारों से संपर्क कर रहे हैं — उन्हें Palo Alto और Lake Tahoe स्थित अपने घरों में आमंत्रित कर रहे हैं और Meta के Menlo Park हेडक्वार्टर में नए AI डिवीजन को अपने दफ्तर के पास स्थानांतरित कर रहे हैं।

चकित करने वाले वेतन पैकेज

Meta के इन ऑफर्स ने पूरी इंडस्ट्री को स्तब्ध कर दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने OpenAI के कम से कम 10 शोधकर्ताओं को ऐसे ऑफर दिए हैं जिनमें तुरंत स्टॉक वेस्टिंग और भारी इक्विटी शामिल है — जिससे पहले वर्ष में ही वेतन $100 मिलियन से ऊपर पहुंच जाता है। चार वर्षों में कुल भुगतान $300 मिलियन तक हो सकता है।

Bank of America के अनुमानों के अनुसार, Meta अपने टॉप 50 AI कर्मचारियों पर सालाना $1 बिलियन (₹8,500 करोड़ से अधिक) तक खर्च कर सकता है — यानी हर कर्मचारी पर औसतन $20 मिलियन (₹170 करोड़), जो टेक इंडस्ट्री में अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है।

कड़ी आलोचना और जवाबी रणनीति

Meta की इस ‘poaching’ रणनीति की कड़ी आलोचना भी हो रही है। OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने एक पॉडकास्ट में Meta के ऑफर्स को “crazy” करार दिया और दावा किया कि इनमें $100 मिलियन तक के साइनिंग बोनस शामिल हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अब तक उनके कोई टॉप टैलेंट Meta में नहीं गए हैं, लेकिन दबाव साफ महसूस हो रहा है।

OpenAI के चीफ रिसर्च ऑफिसर मार्क चेन ने इस टैलेंट ड्रेन की तुलना “home invasion” से की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, OpenAI अब अपने रिसर्चर्स को रोकने के लिए बड़े रिटेंशन पैकेज की तैयारी में है।

हालांकि सभी आंकड़े सटीक नहीं माने जा रहे। लुकास बेयर ने X (पूर्व ट्विटर) पर जाकर $100 मिलियन बोनस को “फेक न्यूज़” बताया। Meta के CTO एंड्रयू बॉस्वर्थ ने भी कहा, “मार्केट गर्म है, पर इतना नहीं।” फिर भी इंडस्ट्री सूत्रों की मानें, तो ये ऑफर्स नकद, स्टॉक और तत्काल वेस्टिंग का ऐसा मिश्रण हैं, जिससे कुल राशि बहुत ऊंची लगती है।

सिर्फ टैलेंट नहीं, टेक्नोलॉजी में भी निवेश

ज़ुकरबर्ग की रणनीति सिर्फ लोगों को लुभाने तक सीमित नहीं है। Meta ने Scale AI में 14.3 अरब डॉलर (₹1.2 लाख करोड़) निवेश कर 49% हिस्सेदारी हासिल की है, और उसके 28 वर्षीय सीईओ अलेक्ज़ांडर वांग को Meta का नया चीफ AI ऑफिसर बनाया है।

इसके अलावा कंपनी 2025 में AI इन्फ्रास्ट्रक्चर पर $72 बिलियन (₹6 लाख करोड़ से अधिक) खर्च कर रही है — जिसमें 13 लाख GPU शामिल हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनके रिसर्चर्स के पास दुनियाभर में सबसे ताकतवर कंप्यूटेशनल संसाधन हों।

सुपरइंटेलिजेंस का ज़ुकरबर्ग विजन

एक इंटरनल मेमो में ज़ुकरबर्ग ने अपनी महत्वाकांक्षा जताई कि Meta एक “मानवता के नए युग” की शुरुआत करना चाहता है — और इसके लिए दुनिया के सबसे तेज दिमागों की जरूरत है।

वैश्विक टैलेंट और भविष्य की चिंताएं

Meta के 13 में से 12 नए शोधकर्ता प्रवासी या प्रवासियों के बच्चे हैं — जिससे यह संकेत मिलता है कि अमेरिका का तकनीकी नेतृत्व अब वैश्विक प्रतिभा पर अत्यधिक निर्भर हो गया है। लेकिन इस रेसिंग वेतन ढांचे ने अमेरिका सरकार की अपने लिए AI टैलेंट खोजने की संभावना को कमजोर किया है।

वहीं दूसरी ओर, OpenAI और Google जैसे प्रतिस्पर्धी अब Meta की फाइनेंशियल ताकत से मुकाबला करने की तैयारी में हैं — जिससे पूरी AI इंडस्ट्री में वेतन स्तर और भी ऊपर जा सकता है।

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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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