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बस्तर में शांति और विकास का नया अध्याय, समर्पण के बाद नई नीति
सीएम विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम शर्मा ने 210 नक्सलियों के पुनर्वास हेतु योजनाओं का ऐलान किया
Bastar Peace Plan: CM Sai and Dy CM Sharma Announce Rehabilitation (image from Social Media)
Chhattisgarh News: राज्य में 210 नक्सलियों के ऐतिहासिक समर्पण के बाद, छत्तीसगढ़ सरकार ने अब इन आत्मसमर्पित लोगों के पुनर्वास और बस्तर में शांति को स्थायी बनाने के लिए अपनी व्यापक योजना पर ध्यान केंद्रित कर दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने संयुक्त रूप से ऐलान किया कि सरकार की पुनर्वास नीति इन लोगों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करेगी, साथ ही पिछड़े बस्तर क्षेत्र के विकास को रफ्तार देगी।
पुनर्वास के माध्यम से नई ज़िंदगी का भरोसा
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस कदम को "ऐतिहासिक" बताते हुए कहा कि यह सब इसलिए संभव हुआ क्योंकि माओवादियों ने संविधान और पुनर्वास नीति पर विश्वास जताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य के सहयोग से बनाई गई इस नीति का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि जो लोग मुख्यधारा में लौटे हैं, उन्हें समाज में उचित स्थान मिले।
सीएम साय द्वारा घोषित मुख्य सरकारी योजनाएं:
आर्थिक स्थिरता: समर्पण करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को लगातार तीन साल तक आर्थिक सहायता दी जाएगी, ताकि वे स्वावलंबी बन सकें।
आवास एवं भूमि: शहरी क्षेत्रों में 4 डिसमिल और ग्रामीण क्षेत्रों में 1 एकड़ कृषि भूमि प्रदान की जाएगी।
आवास योजना: केंद्र सरकार की मदद से 15,000 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं, जो जल्द ही बनकर तैयार होंगे।
उद्योग और रोज़गार: राज्य की उद्योग नीति में विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिसके तहत इन लोगों को सस्ते दामों पर ज़मीन उपलब्ध कराकर रोज़गार के अवसर पैदा किए जाएँगे।
विकास ही समाधान: सीएम ने जोर देकर कहा कि सरकार बस्तर के अछूते क्षेत्रों में तेज़ी से विकास कार्य कर रही है—सड़कें बन रही हैं, बिजली पहुँच रही है और राशन आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है—यही चीजें माओवादियों को शांति की राह पर आने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
डिप्टी सीएम शर्मा: शांति का रोडमैप और सशर्त समाप्ति का लक्ष्य
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस सफलता को बस्तर की जनता की शांति की इच्छा का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि माओवादी संगठन के कारण दशकों से जो दहशत और खून-खराबा था, उसे पुनर्वास के माध्यम से समाप्त किया जाएगा।
डिप्टी सीएम के एजेंडे में शामिल महत्वपूर्ण बातें:
माओवाद समाप्ति का लक्ष्य: डिप्टी सीएम ने आत्मविश्वास जताया कि सरकार की इस नीति से 2026 के नियत समय तक माओवाद सशर्त समाप्त हो जाएगा।
सामाजिक पुनर्वास: उन्होंने कहा कि समाज के समक्ष इनका पुनर्वास किया गया है, क्योंकि "सरकार से बड़ा समाज होता है।" यह पहल समाज को साथ लेकर चलने की सरकारी मंशा को दर्शाती है।
माड़ डिविजन पर फोकस: उन्होंने बताया कि माड़ डिवीजन की पूरी कमेटी का समर्पण एक बड़ी सफलता है। अब केवल उत्तर बस्तर में केशकाल और कंपनी 05 में कुछ साथी बचे हैं, जिनसे संपर्क किया जा रहा है।
जेल में बंद साथियों की मांग: जेलों में बंद माओवादियों को वापस लाने की मांग पर भी विचार किया जा रहा है। यदि वे गिरफ्तारी की जगह पुनर्वास चाहते हैं, तो यह विकल्प भी दिया जाएगा।
कुल मिलाकर, सरकार ने साफ कर दिया है कि समर्पण केवल शुरुआत है, असली काम अब पुनर्वास और विकास के एजेंडे को ज़मीन पर उतारना है, ताकि बस्तर में शांति और भरोसे का एक नया दौर शुरू हो सके।
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