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OTT प्लेटफार्म ख़त्म कर रहा सिनेमा हाल का Craze? यहां हुआ चौंकाने वाला खुलासा !
OTT Vs Cinema: एक वक़्त था जब नई फिल्म बड़े पर्दे पर रिलीज़ होती थी, तो लोगों की भीड़ सिनेमा हाल के बाहर लम्बी कतारों में खड़ी रहती थी। तालियों की गड़गड़ाहट, सीटीयों की आवाज़ और बड़े पर्दे का भरपूर एन्जॉयमेंट सब कुछ बस वहीं मिलता था।
OTT Vs Cinema
OTT Vs Cinema: क्या भविष्य में ख़त्म हो जायेगा बड़े पर्दे का जादू ? हम उसी बड़े पर्दे की बात कर रहे जहां आप हर हफ्ते करीब 1000 रुपए देकर एन्जॉय करते हैं। एक वक़्त था जब नई फिल्म बड़े पर्दे पर रिलीज़ होती थी, तो लोगों की भीड़ सिनेमा हाल के बाहर लम्बी कतारों में खड़ी रहती थी। तालियों की गड़गड़ाहट, सीटीयों की आवाज़ और बड़े पर्दे का भरपूर एन्जॉयमेंट सब कुछ बस वहीं मिलता था। लेकिन अब लगता है कि जल्द ही बड़े परदे का जादू फीका पड़ने वाला है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि, एक ताज़ा रिसर्च यही कहती है। MoMAGIC Survey 2020 के मुताबिक, भारत में करीब 75% लोग अब बड़े पर्दे से OTT प्लेटफॉर्म्स की तरफ रुख कर लिए हैं। वो फिल्मों को OTT प्लेटफार्म पर देखना ज्यादा पसंद करने लगे हैं, जबकि बड़े परदे का क्रेज़ केवल 25% लोगों में ही रह गया है।
क्या लोग घर बैठे फिल्में देखना पसंद कर रहे हैं ?
भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का जादू दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। 2024 Ormax Media की रिसर्च के मुताबिक, भारत में ओटीटी दर्शकों की संख्या अब 547.3 मिलियन तक हो चुकी है, जो पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 13.8% ज्यादा है। यह आंकड़ा देश की कुल आबादी का लगभग 38.4% हिस्सा है। यानी अब हर चार में से तीन लोग अपना फिल्मों का भरपूर मज़ा घर बैठे लेना चाहते हैं।
भारत में OTT की शुरुआत
भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म की शुरुआत 2008 में हुई थी। जिसका पूरा क्रेडिट रिलायंस एंटरटेनमेंट को जाता है। उसके ठीक दो साल बाद, 2010 में, डिजिवाइव ने 'नेक्सजीटीवी' नाम से पहला ओटीटी मोबाइल ऐप लॉन्च किया था। और इसके बाद धीरे-धीरे और कई ott app लांच हुए। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि भारत में OTT प्लेटफार्म का क्रेज़ कोरोना महामारी के बाद बढ़ा। जी हाँ, साल 2024 में भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म का मार्केट 500 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं के साथ, 275.30 बिलियन डॉलर का था। और अब ये भी दावा किया जा रहा है की साल 2029 तक भारत के ओटीटी बाजार के 5.92 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। Axis My India Consumer Sentiment Index (2022) ने भी कुछ ऐसा ही दावा किया गया है की लगभग 30% लोग नई फिल्में OTT पर ही देखना चाहते हैं, जबकि सिर्फ 24% ने थिएटर जाना पसंद करते हैं।
भारत में OTT का बढ़ता क्रेज़
अब सवाल ये उठता है कि OTT का क्रेज़ लोगों में क्यों और कैसे बढ़ा ? तो आपको बता दे, YouGov Survey 2022 में सामने आया कि 69% शहरी भारतीयों ने सिनेमाघर जाना पहले से कम कर दिया है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि अब लोग घर पर बैठकर आराम से अपने कम्फर्ट जोन में रहकर OTT पर फिल्में देखना चाहते हैं। घर पर बैठ कर ott पर फ़िल्में एन्जॉय करने के लिए लोगों को कोई एक्स्ट्रा पेमेंट नहीं करना पड़ता। देखा जाए तो सिनेमाघरों से बहुत कम बजट में लोग ott प्लेटफार्म पर फ़िल्में देख रहे हैं। और तो और इसका मुख्य कारण इंटरनेट की आसान उपलब्धता, मोबाइल उपकरणों का बढ़ता उपयोग और ऑन-डिमांड कंटेंट की बढ़ती मांग है।
सिनेमा हॉल में घाटे की बड़ी वजह...
जिसके कारण PVR Inox जो भारत की सबसे बड़ी मल्टीप्लेक्स कंपनी है, उसने लगातार तीन तिमाही से घाटा झेलना पड़ रहा है। PVR ने माना कि कम भीड़ और OTT प्लेटफॉर्म्स की बढ़ती लोकप्रियता से उनका बिजनेस प्रभावित हो रहा है। सोचने वाली बात ज़रूर है कि वो जगहें जहाँ कभी तालियों की गूंज, सिटी आवाज़ें होती थी वहां अब ज्यादातर खाली कुर्सियाँ दिखती हैं। लेकिन इसका मुख्या कारण OTT नहीं बल्कि खुद सिनेमा हाल की सर्विसेज हैं, जहां लोगों को एक फिल्म देखने के लिए करीब 1000 रूपए भुगतान करना पड़ता है तो वहीँ लोग इससे कम बजट में साल भर का सब्स्क्रिप्शन लेकर OTT प्लेटफॉर्म पर 1000 फिल्में देख सकते हैं।
क्या सच में ख़त्म हो रहा सिनेमा हाल का जादू ?
फिलहाल सिनेमा हाल का जादू पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। सिनेमा हाल का जादू अब भी दर्शकों के सिर चढ़कर बोलता है। BookMyShow की रिपोर्ट 'The CineFiles' के मुताबिक, अब भी करीब 74% लोग थिएटर का लुत्फ़ उठाना चाहते हैं। खासकर IMAX और 4DX जैसे प्रीमियम फॉर्मेट्स में फिल्में देखने का क्रेज अब भी बना हुआ है। यानि, OTT ने लोगों के बीच अपनी दुनिया बना तो ली है, लेकिन सिनेमा हॉल का जादू अब भी दिलों में ज़िंदा है। लेकिन अंत में पसंद आपकी होगी- बड़ा पर्दा या छोटा स्क्रीन....
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