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Blood sugar: ब्लैक कॉफी और कम नींद लेना कहीं आपका शुगर लेवल तो नहीं बढ़ा रहा
Blood sugar: कुछ स्टडीज में ये भी पाया गया है कि ज्यादा कैफीन इंसुलिन सेंसिटिविटी को घटा देता है, खासकर प्रीडायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में।
How Black Coffee and Lack of Sleep Can harm Your Glucose Levels (social media)
Blood Sugar Risk: एक आम आदमी अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखता है। रोज हेल्दी खाना, रोज एक्सरसाइज करना और अपना वजन कंट्रोल करने में पूरा ध्यान देता है। अपने हेल्थ को लेकर कोई भी लापरवाही नहीं, करने के बावजूद भी कहीं न कहीं कमी रह ही जाती है, जिसका नतीजा ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना होता है। ऐसे में जब आप इसके बारे में किसी डॉक्टर से सलाह लेंगे तो वह इसके बारे में आपको सही जानकारी देगा, जिनमें कम नींद और अत्यधिक ब्लैक कॉफी की आदत शामिल होगी।
नींद और शुगर लेवल का गहरा रिश्ता
जब हम लगातार 6 घंटे से कम सोते हैं, तो हमारा शरीर तनाव की स्थिति में चला जाता है। यह तनाव कॉर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन को बढ़ा देता है। कॉर्टिसोल इंसुलिन की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है, जिससे शरीर ब्लड शुगर को सही तरह से कंट्रोल नहीं कर पाता। नींद की कमी से शरीर इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाता है और लिवर अधिक ग्लूकोज छोड़ता है, जिससे शुगर लेवल बढ़ जाता है तब भी जब अगर आप कोई मीठा न खाएं। इसलिए केवल अच्छी डाइट और एक्सरसाइज ही काफी नहीं है। अगर नींद पूरी नहीं हो रही, तो ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं आएगा।
ब्लैक कॉफी सीमित मात्रा में फायदेमंद
कई लोग मानते हैं कि ब्लैक कॉफी डायबिटीज के लिए अच्छी होती है और यह सच भी है, लेकिन मॉडरेशन में। दिन में एक या दो कप ब्लैक कॉफी आमतौर पर नुकसान नहीं करती, लेकिन जब कैफीन की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तो यह समस्या बन सकती है। कैफीन शरीर में वही स्ट्रेस हार्मोन बढ़ाता है, जो नींद की कमी के कारण बढ़ते हैं कॉर्टिसोल और एड्रेनालिन। जब दोनों एक साथ काम करते हैं, तो शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करना और मुश्किल हो जाता है।
रिसर्च क्या कहती है?
कई रिसर्च से यह साबित हुआ है कि ज्यादा कैफीन लेने से इंसुलिन सेंसिटिविटी घटती है, खासकर उन लोगों में जिन्हें प्रीडायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज है। इस स्थिति में शरीर को ज्यादा इंसुलिन बनाना पड़ता है, ताकि ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सके, जिससे पैंक्रियास पर दबाव बढ़ता है।
सही तरीका क्या है?
- रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेना शुरू करें।
- ब्लैक कॉफी की मात्रा घटाकर दो कप तक करें और कोशिश करें कि शाम के बाद कैफीन न लें।
- ब्लड शुगर लेवल की निगरानी करते रहें और हर बदलाव को नोट करें।
इन छोटे-छोटे बदलावों से शरीर को राहत मिलेगी। नींद और कैफीन जैसी छोटी बातों का सीधा असर हमारे ब्लड शुगर लेवल पर पड़ता है, जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। बता दें कि हेल्दी लाइफस्टाइल का मतलब केवल खाना और एक्सरसाइज नहीं होता है, बल्कि पूरी नींद और बैलेंस्ड कैफीन इनटेक भी उतना ही जरूरी है।
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