कोरोना फिर दे रहा है दस्तक! हांगकांग-सिंगापुर में मची तबाही, भारत में भी बढ़ सकती है चिंता...

Latest Update On COVID-19 cases: हाल ही में सिंगापुर में कोविड-19 की मरीजों की संख्या में लगभग 28 फीसदी की बढ़ोतरी होने की खबर सामने आयी है जबकि हांगकांग में मात्र एक हफ्ते के अंदर कोरोना से गंभीर रूप से पीड़ित तकरीबन 31 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

Priya Singh Bisen
Published on: 19 May 2025 7:23 PM IST
COVID-19 cases
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COVID-19 cases (photo credit: social media)

Latest Update On COVID-19 cases: साल 2019 के अंत में जब विश्वभर में लोग नए साल के जश्न की तैयारी में जुटे हुए थे, तब चीन के वुहान शहर से एक अनजान वायरस की खबर सामने आई। यही वायरस आगे चलकर कोविड-19 या कोरोना वायरस के नाम से दुनियाभर में जाना गया। जिसने करोड़ो लोगों की जान ली। देखते ही देखते यह संक्रमण चीन से निकलकर विश्व के हर कोने में फैल तेजी से गया और एक वैश्विक महामारी (pandemic) बन गया।

दुनिया में कोरोना की शुरुआत


कोरोना वायरस की शुरुआत साल 2019 दिसंबर में चीन के वुहान शहर के एक सीफूड मार्केट की वजह सामने आती है। पहले इसे केवल है ज़ूनोटिक बीमारी (zoonotic disease) समझा गया । लेकिन जल्द ही यह इंसानों से इंसानों में फैल गयी। साल 2020 जनवरी में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल (international health emergency) घोषित किया और मार्च 2020 में इसे वैश्विक महामारी का दर्जा दिया।

क्या होती है ज़ूनोटिक बीमारी

जूनोटिक रोग (zoonotic disease) ऐसा संक्रामक रोग होता है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। ये रोग वायरस, बैक्टीरिया, कवक या परजीवी जैसे जीवों की वजह से होते हैं जैसे कि रेबीज। इन रोगों को आमतौर पर जूनोसिस (Zoonosis) भी कहा जा सकता है। इन रोगों का संचरण (transmission) जानवरों के काटने, खरोंच, या सीधे संपर्क में आने से होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे, कुछ जूनोटिक रोग खतरनाक होते हैं जिससे आपकी जान को खतरा हो सकते हैं, जबकि कुछ हल्के होते हैं और अपने आप ठीक हो जाते हैं।

उदाहरण के लिए- रेबीज, लाइम रोग, ब्रुसेलोसिस, साल्मोनेला, और कोरोना वायरस जैसे कुछ उभरते कोरोनावायरस जूनोटिक रोगों के बड़े उदाहरण हैं।

सिंगापुर और हांगकांग में कोरोना वायरस की उछाल

हाल ही में सिंगापुर में कोविड-19 की मरीजों की संख्या में लगभग 28 फीसदी की बढ़ोतरी होने की खबर सामने आयी है जबकि हांगकांग में मात्र एक हफ्ते के अंदर कोरोना से गंभीर रूप से पीड़ित तकरीबन 31 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। सिंगापुर में कोरोना वायरस को लेकर सख्त चेतावनी जारी की गई है क्योंकि 3 मई से कोविड-19 मामलों की अनुमानित संख्या एक हफ्ते पहले 11,100 से बढ़कर लगभग 14,200 हो गई। रोजाना अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में भी तकरीबन 30 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।


हांगकांग में कोरोना वायरस बहुत ही उच्च स्तर पर पहुंच गया है। 3 मई को करीब 31 मौतें दर्ज की गई जो एक साल का उच्चतम स्तर है। कोविड-19 मामलों में इस अचानक इतनी बड़ी संख्या में बढ़ोतरी ने आशंकाओं को जन्म दे दिया है। वहीं, सिंगापुर में कोविड-19 के मामलों में भी बड़ी वृद्धि देखी गई। सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, एलएफ.7 और एनबी.1.8, दोनों ही जेएन.1 वैरिएंट के वंशज हैं, जिनका उपयोग नए कोविड-19 टीकों में किया जाता है और ये देश में तेजी से फैल रहे हैं। रोजाना अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या लगभग 102 से बढ़कर 133 हो गई लेकिन हर्व दिन इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या तीन से घटकर दो हो गई।

हांगकांग में कोविड-19 के मरीजों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गयी है, चार हफ्ते पहले 6.21 फीसदी नमूने परीक्षण में पॉजिटिव पाए गए जो 10 मई से पहले के हफ्ते में 13.66 फीसदी हो गए। हांगकांग में लगभग 81 गंभीर मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 30 मौतें हुई हैं और ये सभी लगभग बुजुर्ग लोग हैं जिनकी स्वास्थ्य स्थिति खराब होने की जानकारी सामने आयी है।

हांगकांग में एक साल की सबसे अधिक मौतें दर्ज

यहां कोविड-19 टेस्ट में पॉजिटिविटी रेट में भी बहुत तेजी से वृद्धि हुई है। चार हफ्ते पहले जहां 6.21 प्रतिशत लोग पॉजिटिव पाए गए थे, वहीं 10 मई से पहले के हफ्ते में यह दर लगभग 13.66 प्रतिशत हो गई। यह स्थिति साफ दर्शाता है कि संक्रमण का प्रसार तेजी से फ़ैल रहा है।

हांगकांग की स्वास्थ्य एजेंसियाँ (स्वास्थ्य एजेंसियों) इस स्थिति एक चेतावनी के रूप में देख रही हैं और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। विशेषकर बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग कोविड-19 के इस नए स्ट्रेन से अधिक प्रभावित हो रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सख्त चेतावनी दी है कि अगर कोरोना के मामलों में इसी प्रकार वृद्धि होती रही, तो कुछ प्रतिबंधात्मक तरीके फिर से अपनाए जा सकते हैं। नागरिकों को भीड़भाड़ से बचने और मास्क पहनने जैसे प्रोटोकॉल का पालन करने की सिफारिश की गई है।

थाईलैंड में त्योहारों के बाद मामलों में आयी तेजी

थाईलैंड के रोग नियंत्रण विभाग ने इस साल दो प्रमुख क्लस्टर प्रकोपों (cluster outbreaks) की जानकारी दी है। अप्रैल महीने में मनाए गए पारंपरिक सोनकरन त्यौहार के बाद ही कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों में रफ़्तार देखा गया। देश के बड़े अस्पतालों में कोविड-19 से जुड़े लक्षणों वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है लेकिन गंभीर मामलों की संख्या अभी नियंत्रण में है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, आगे कोई भी सामाजिक आयोजन करते वक़्त मास्क पहनना और सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करना आवश्यक है।

चीन में संक्रमण फिर चरम पर

चीन में भी कोरोना वायरस संक्रमण फिर से रफ़्तार पकड़ लिया है। चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, हाल ही के हफ्तों में परीक्षण पॉजिटिव दर दोगुनी से ज्यादा हो गई है। हालांकि सटीक संख्या फिलहाल जारी नहीं की गई है, लेकिन यह बताया गया है कि यह दर पिछले साल की लहर के चरम स्तर के करीब पहुंच चुकी है।


विशेषज्ञों का मानना है कि चीन में मामलों में बढ़ोतरी का बड़ा कारण सामाजिक मेल-जोल में तेजी और टीकाकरण के बाद लोगों में आत्मसंतोष है। कुछ क्षेत्रों में लोकल लॉकडाउन भी लगा दिए गए हैं और परीक्षण की गति बढ़ा दी गई है।

कोविड-19 के नए स्ट्रेन के लक्षण ?

संयुक्त राष्ट्र कोविड-19 टास्क फोर्स की सलाहकार और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, सिंगापुर और हांगकांग में तेजी से फैल रहे कोविड-19 के नए स्ट्रेन में लक्षण बुखार, खांसी और थकान महसूस होना हैं। लेकिन अब जो नए लक्षण भी सामने आ रहे हैं, उसके लक्षण हैं -

* मतली आना

* दस्त की समस्या

* मस्तिष्क से जुड़ी समस्याएं (जैसे चक्कर आना)

ये लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि संक्रमित व्यक्ति की प्रतिरक्षा (Immunity) प्रणाली कितनी मजबूत है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में संक्रमण अधिक गंभीर हो सकता है।

भारत में कोरोना की पहली दस्तक


साल 2020 के जनवरी महीने में भारत में कोरोना का पहला मामला केरल में सामने आया था। जिसके बाद धीरे-धीरे यह वायरस पूरे देश में आग की तरह फैल गया। मार्च 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान का दिया। उस समय में यह एक अभूतपूर्व कदम था जिसने भारत की सड़कों, रेलों और हवाई यात्राओं को पूरी तरह से रोक दिया।

भारत में कोरोना से मौत का आंकड़ा

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस से अब तक 5.3 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हालांकि कई विशेषज्ञ और स्वतंत्र अध्ययन का मानना है कि वास्तविक मौत का आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा हो सकता है। भारत में कोरोना की तीसरी लहर ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण आई, जो अत्यधिक संक्रामक (highly contagious) था लेकिन पहले कोरोना संक्रमण से इसके लक्षण तुलनात्मक हल्के थे। देशभर में पहली और दूसरी कोरोना वायरस की लहर के दौरान हजारों लोग ऑक्सीजन, बेड और दवाओं की कमी से भी जान गवां बैठे थे।

भारत में स्थिति फिलहाल स्थिर


भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड-19 बुलेटिन के मुताबिक, भारत में आज भी लगभग 93 सक्रिय मामले हैं लेकिन कोरोनावायरस की लहर के फिर से उभरने की फिलहाल कोई रिपोर्ट नहीं है। जानकारी के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस के गंभीर लहर के आसार कम हैं लेकिन सतर्क रहना ज़रूरी है। हालांकि हल्के संक्रमण अभी भी हो सकते हैं जो अक्सर सामान्य सर्दी या फ्लू के लक्षणों से मिलते जुलते हैं।

हालांकि मंत्रालय ने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है जैसे कि:

- भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क अवश्य लगाए

- हाथों की सफाई अनिवार्य है

- हल्के लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं

- बुजुर्ग और बीमार लोगों के प्रति खास सावधानी बरतें

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में गंभीर लहर की आशंका फिलहाल कम है क्योंकि यहां की ज्यादातर आबादी या तो वैक्सीनेटेड है या प्राकृतिक संक्रमण से इम्युनिटी प्राप्त कर चुकी है। हालांकि, हल्के संक्रमण अभी भी हो सकते हैं जो सामान्यतः सर्दी-जुकाम या फ्लू जैसे ही लक्षण उत्पन्न करते हैं।

कोरोना से बचने का बड़ा समाधान

साल 2023 मई महीने में WHO ने आधिकारिक रूप से घोषणा की कि कोरोना अब वैश्विक आपातकाल नहीं रहा, लेकिन यह अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। समय-समय पर नए वेरिएंट सामने आते रहते हैं और टीकाकरण व सतर्कता (vaccination and vigilance) ही इससे बचने के बड़ा समाधान हो सकता है। आज विश्व के कुछ जगहों में कोरोना के मामले एक बार फिर रफ्तार पकड़ने लगे हैं, विशेषकर हांगकांग और सिंगापुर में।

चीन में कोरोना वायरस के बढ़ते नए मामले

चीन में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर रफ़्तार पकड़ते दिखने लगे हैं जो पिछले साल संक्रामक लहर के दौरान सामने आये चरम स्तर के बहुत करीब है। चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के हफ्तों में कोरोना के परीक्षण हुए जिसमें पॉजिटिव दर दोगुनी से ज्यादा हो गई है। वहीं, थाईलैंड में रोग नियंत्रण विभाग ने इस साल दो क्लस्टर प्रकोपों का खुलासा किया है और स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर अपनी पैनी नजर रख रहे हैं। बता दे, अप्रैल महीने में सोनकरन त्यौहार के बाद मामलों में उछाल देखा गया।

फिर दिख रही कोरोना वायरस की झलक


हांगकांग, सिंगापुर, चीन और थाईलैंड जैसे देशों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले इस बात का बड़ा संकेत हैं कि यह वायरस पूर्ण रूप से खत्म नहीं हुआ है। वैरिएंट्स का बदलता स्वरूप इसे बार-बार उभरने का अवसर दे रहा है। देशवासियों से अपील है कि वे बुनियादी सावधानियों का पालन करें और खुद के साथ-साथ अपने परिवार और अपने समाज को सुरक्षित रखें। कोरोना ने दुनिया को यह बता दिया है कि एक अदृश्य वायरस पूरी मानवता को घुटनों पर ला सकता है। फिलहाल भारत में कोरोना वायरस की स्थिति नियंत्रित है लेकिन अतीत का अनुभव हमें ये बताता है कि सतर्कता ही बचाव का एकमात्र उपाय है।

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Content Writer

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