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जहर है तनाव लेना... दिख रहे हैं ऐसे लक्षण तो हैं जानलेवा! आज से ही करें बदलाव
Stress and Stroke: आज की दौड़ती-भागती दुनिया में हम अपनी भावनाओं और मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह नजरअंदाजी हमारे शरीर पर बहुत भारी पड़ सकती है।
Stress and Stroke symptoms (social media)
Stress and Stroke: आज के समय में हम सब किसी न किसी तरह के तनाव में जी रहे हैं। कभी नौकरी की चिंता, कभी पैसों की टेंशन, तो कभी पारिवारिक जिम्मेदारियों का बोझ। यह तनाव धीरे-धीरे हमारे शरीर पर असर डालता है, जिसके कारण हम बीमार रहते हैं। अब डॉक्टरों ने साफ-साफ कह दिया है कि लंबे समय तक बना रहने वाला तनाव, यानी क्रॉनिक स्ट्रेस, हमारे दिमाग पर इतना गहरा असर डाल सकता है कि हमें स्ट्रोक यानी लकवा तक हो सकता है।
तनाव क्या होता है?
तनाव एक मानसिक और शारीरिक स्थिति है, जो तब होती है जब हम किसी मुश्किल या दबाव वाली स्थिति में होते हैं। जब कोई समस्या बार-बार परेशान करती है, समय पर काम पूरा न हो, या परिवार व पैसे की चिंता हो, तो मन में घबराहट, चिड़चिड़ापन और बेचैनी महसूस होती है। यही तनाव कहलाता है। यह हमारे सोचने, महसूस करने और काम करने के तरीके को प्रभावित करता है। थोड़ी मात्रा में तनाव ठीक हो सकता है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बना रहे, तो शरीर और दिमाग दोनों पर बुरा असर डालता है।
क्या होता है स्ट्रोक?
स्ट्रोक तब होता है जब हमारे दिमाग तक खून का बहाव रुक जाता है या बहुत कम हो जाता है। इससे दिमाग की कोशिकाएं (cells) मरने लगती हैं और शरीर का कोई हिस्सा काम करना बंद कर सकता है। इससे बोलने, चलने, सोचने और याद रखने की शक्ति पर असर पड़ता है। कई बार ये असर जीवनभर के लिए होता है।
नई रिसर्च में क्या पता चला?
हाल ही में एक नई रिसर्च सामने आई है, जिसके मुताबिक, जो लोग लंबे समय से मानसिक तनाव में रहते हैं, उन्हें स्ट्रोक का खतरा उन लोगों की तुलना में कहीं ज्यादा होता है जो तनाव से दूर रहते हैं। यह रिसर्च बताती है कि मानसिक तनाव हमारे शरीर में ऐसे बदलाव लाता है जो धीरे-धीरे हमारे दिमाग की नसों को कमजोर कर देता है।
स्ट्रोक के डरावने आंकड़े
- हर साल लगभग 1.2 करोड़ लोग स्ट्रोक का शिकार हो रहे हैं।
- 25 साल से ज्यादा उम्र के हर 4 में से 1 व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी स्ट्रोक आ सकता है।
- अभी करीब 9.4 करोड़ लोग दुनिया भर में स्ट्रोक झेल चुके हैं और उनमें से बहुत से लोग चल नहीं पाते, ठीक से बोल नहीं पाते या दूसरों पर निर्भर हो गए हैं।
तनाव कैसे बढ़ाता है स्ट्रोक का खतरा?
जब हम लगातार तनाव में रहते हैं, तो शरीर में कई तरह के हॉर्मोन बदल जाते हैं। जैसे कि ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, दिल की धड़कन तेज हो जाती है, ब्लड वेसेल्स पर दबाव बढ़ जाता है, शरीर में इंफ्लेमेशन (सूजन) बढ़ जाती है, ये सारे बदलाव मिलकर स्ट्रोक का खतरा बढ़ा देते हैं।
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह रिसर्च एक चेतावनी है। हमें मानसिक स्वास्थ्य को हल्के में नहीं लेना चाहिए। जब आप अपने मन की चिंता और तनाव को नजरअंदाज करते हैं, तो आप अपनी सेहत को खतरे में डालते हैं।
क्या आप भी हैं खतरे में?
अगर आपको यह लक्षण नजर आते हैं, तो सतर्क हो जाइए।
- लगातार सिरदर्द या थकान
- गुस्सा जल्दी आना
- रात को नींद न आना
- भूख में बदलाव
- छोटी-छोटी बातों पर रोना या चिड़चिड़ापन
ये सभी संकेत बताते हैं कि आप मानसिक तनाव में हैं और इससे आपकी शारीरिक सेहत भी प्रभावित हो सकती है।
क्या करें तनाव कम करने के लिए?
हर दिन थोड़ी देर टहलें या एक्सरसाइज करें, यह दिमाग को शांत करता है और शरीर को एक्टिव बनाता है। इसके अलावा आप अच्छी नींद लें आपकी नींद 7–8 घंटे की होनी चाहिए, किसी दोस्त या परिवार वाले से खुलकर बात करें, योग और मेडिटेशन करें, बहुत ज्यादा काम न करें, समय पर ब्रेक लें और संगीत, पेंटिंग, बागवानी या जो भी आपको अच्छा लगे, उसके लिए समय निकालें।
आज की दौड़ती-भागती दुनिया में हम अपनी भावनाओं और मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह नजरअंदाजी हमारे शरीर पर बहुत भारी पड़ सकती है। स्ट्रोक जैसी खतरनाक बीमारी मानसिक तनाव से जुड़ी हुई है। इसलिए आज से ही मानसिक सेहत को भी उतनी ही प्राथमिकता दें, जितनी अपने शरीर को देते हैं। अगर आपको भी ऐसे लक्षण दिखते हैं तो अपने फैमिली डॉक्टर से जरूर संपर्क करें और डॉक्टर की देखरेख में दवाएं
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