घाटी में भयंकर तबाही, अमित शाह ने किया दौरा, जाना पीड़ितों का हाल, मंगुचक्क का भी निरीक्षण

Amit Shah: अमित शाह ने जम्मू के बाढ़ प्रभावित इलाकों और मंगुचक्क का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।

Harsh Srivastava
Published on: 1 Sept 2025 3:38 PM IST
घाटी में भयंकर तबाही, अमित शाह ने किया दौरा, जाना पीड़ितों का हाल, मंगुचक्क का भी निरीक्षण
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Amit Shah in Jammu-Kashmir: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को जम्मू के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं, जहां पिछले कुछ दिनों में हुई मूसलाधार बारिश और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। अधिकारियों के मुताबिक, शाह जिले के सबसे ज्यादा प्रभावित गांव मंगुचक्क भी जाएंगे। उनके साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद हैं। उन्होंने बिक्रम चौक के पास तवी पुल पर रुककर नदी के किनारे हुए नुकसान का भी जायजा लिया। शाह रविवार रात को ही जम्मू पहुंच गए थे ताकि बाढ़ की स्थिति और राहत कार्यों की समीक्षा कर सकें। वे आज बाद में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी कर सकते हैं। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब राज्य में बाढ़ से भारी जान-माल का नुकसान हुआ है और सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं।

130 से अधिक की मौत, 33 लोग लापता

जम्मू-कश्मीर में 14 अगस्त से अब तक किश्तवाड़, कठुआ, रियासी और रामबन जैसे जिलों में बादल फटने, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण 130 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 33 लोग अभी भी लापता हैं। 26 और 27 अगस्त को हुई रिकॉर्ड बारिश ने जम्मू और अन्य मैदानी इलाकों में भीषण बाढ़ ला दी, जिससे बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा। मृतकों में 34 श्रद्धालु भी शामिल हैं, जो 26 अगस्त को माता वैष्णो देवी यात्रा के दौरान भूस्खलन की चपेट में आ गए थे। इस त्रासदी के बाद, गृह मंत्री शाह राजभवन में दो अलग-अलग महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता करेंगे। पहली बैठक बाढ़ राहत कार्यों पर होगी और दूसरी बैठक बाढ़ से सीमा सुरक्षा में आई बाधाओं पर केंद्रित होगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कर चुके हैं दौरा

यह पिछले तीन महीनों में शाह का जम्मू का दूसरा दौरा है। इससे पहले वे 29 मई को यहां आए थे, जब भारतीय सेना ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में सीमा पार आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे। 24 अगस्त को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी जम्मू का दौरा किया था। वे किश्तवाड़ जिले के चिसोटी गांव में बादल फटने के बाद की स्थिति का जायजा लेने आए थे। हालांकि, खराब मौसम और भूस्खलन के कारण उनका गांव तक पहुंचना संभव नहीं हो सका था। 14 अगस्त को चिशोटी में बादल फटने के कारण 65 लोगों की मौत हो गई थी, और अधिकांश मृतक श्रद्धालु थे जो मचैल माता की यात्रा पर जा रहे थे। यह घटनाक्रम दिखाता है कि जम्मू-कश्मीर इस समय दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है: एक ओर प्राकृतिक आपदा और दूसरी ओर इससे प्रभावित हुई सुरक्षा व्यवस्था।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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