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बिहार में पहले चरण में रेकॉर्डतोड़ मतदान, सामने आए आंकड़ों ने उड़ाए होश, महिलाओं ने रचा इतिहास
Bihar first phase voting: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में रिकॉर्ड तोड़ मतदान हुआ, महिलाओं की भागीदारी ने इतिहास रचा, शांतिपूर्ण वातावरण और बेहतर सुरक्षा व्यवस्थाओं के बीच जनता ने लोकतंत्र का जश्न मनाया।
Bihar first phase voting percentage: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान जबरदस्त उत्साह और शांतिपूर्ण माहौल के बीच संपन्न हुआ। गुरुवार शाम पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग ने चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए, जो यह बताते हैं कि इस बार बिहार की जनता ने अपने मताधिकार का प्रयोग करने में पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, पहले चरण में 64 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ है, जो पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में मतदाताओं की बढ़ी हुई सक्रियता को दर्शाता है। यह आंकड़ा बताता है कि लोकतंत्र के महापर्व में भाग लेने के लिए बिहार के लोग किस कदर उत्साहित थे।
फाइनल आँकड़ा 64.64 फीसदी: रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी
बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने जानकारी दी कि देर शाम तक 45,341 बूथों में से 41,943 बूथों से प्राप्त सूचना के अनुसार मतदान का प्रतिशत 64.64 फीसदी रहा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जल्द ही सभी बूथों से सूचना आने के बाद फाइनल आंकड़ा जारी कर दिया जाएगा, जिसके और भी अधिक होने की संभावना है। गुंजियाल ने संतोष व्यक्त किया कि कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान प्रक्रिया पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई। इस मौके पर मौजूद एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव के दौरान 1415 व्यक्तियों को एहतियातन हिरासत में लिया गया, जिससे चुनाव में किसी भी तरह की बाधा को रोका जा सके। यह दर्शाता है कि प्रशासन किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरी तरह मुस्तैद था।
महिलाओं ने दिखाया दम, EVM बदलने की संख्या घटी
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने एक और महत्वपूर्ण जानकारी साझा की कि पहले चरण में महिलाओं ने बड़ी संख्या में मतदान किया है, जो राज्य के चुनावी परिदृश्य में उनकी बढ़ती हुई भागीदारी और जागरूकता को रेखांकित करता है। तकनीकी मोर्चे पर भी चुनाव आयोग ने बेहतर प्रदर्शन किया। मतदान के दौरान 165 बैलेट यूनिट, 169 कंट्रोल यूनिट और 480 वीवीपैट को बदलना पड़ा। गुंजियाल ने बताया कि पहले चरण में केवल 1.21 प्रतिशत बैलेट यूनिट बदलने पड़े, जबकि 2020 के विधानसभा चुनावों में यह आंकड़ा 1.87 प्रतिशत ईवीएम का था। यानी, पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार कम ईवीएम बदलने पड़े, जो मतदान मशीनों की बेहतर तैयारी और रखरखाव को दर्शाता है।
शिकायतें और बहिष्कार: लोकतंत्र के छोटे अवरोध
चुनाव आयोग ने बताया कि पहले चरण की वोटिंग खत्म होने तक उन्हें कुल 143 शिकायतें मिलीं। आयोग ने कहा कि इन सभी का समय पर और तत्परता से निपटारा कर दिया गया। इसके अलावा, फोन पर सीधे मिली सभी शिकायतों का भी तुरंत समाधान किया गया, जिससे मतदाताओं को सुविधा हुई। हालांकि, कुछ जगहों पर मतदान बहिष्कार की सूचना भी मिली। इसमें बक्सर जिले के ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 56, फतुहा विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 165 और 166, तथा लखीसराय के सूर्यगढ़ा में मतदान केंद्र संख्या 1, 2 और 5 सहित कुछ अन्य बूथ शामिल थे। यह बहिष्कार अक्सर स्थानीय मुद्दों या विकास की कमी को लेकर होता है। चुनाव आयोग ने अंत में दोहराया कि पहले चरण के मतदान के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली और सभी जगहों पर मतदान शांतिपूर्ण और सुचारु रूप से संपन्न हुआ, जो बिहार में चुनाव आयोग की तैयारियों और सुरक्षा बलों की मुस्तैदी की सफलता है।
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