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बिहार CM नीतीश कुमार को बड़ा झटका! भागलपुर सांसद अजय मंडल का इस्तीफा, JDU में बगावत से मचा हड़कंप
Ajay Mandal resignation JDU: बिहार चुनाव से ठीक पहले JDU सांसद अजय मंडल ने पार्टी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है।
Ajay Mandal resignation JDU: बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच सत्ताधारी जनता दल (यूनाइटेड) यानी JDU को एक बड़ा अंदरूनी झटका लगा है। भागलपुर लोकसभा सीट से पार्टी के कद्दावर सांसद अजय मंडल ने अपनी ही पार्टी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा देने की पेशकश कर दी है। सांसद ने आरोप लगाया है कि विधानसभा टिकट बंटवारे में उनकी और स्थानीय नेतृत्व की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है, जिससे उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है।
सांसद की पीड़ा
अजय मंडल ने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि मौजूदा सांसद होने के बावजूद, विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे में उनसे किसी प्रकार की कोई सलाह या चर्चा नहीं की गई। उनकी सबसे बड़ी आपत्ति यह है कि भागलपुर की विधानसभा सीटों पर उन लोगों को टिकट दिए जा रहे हैं, जिन्होंने कभी पार्टी संगठन के लिए काम नहीं किया।
मुख्यमंत्री और पार्टी के मुखिया नीतीश कुमार को लिखी अपनी लंबी चिट्ठी में अजय मंडल ने अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने लिखा, "माननीय नीतीश जी, आपके आशीर्वाद से मैं पिछले 20-25 वर्षों से भागलपुर क्षेत्र में विधायक और सांसद के रूप में जनता की सेवा करता आ रहा हूं। मैंने हमेशा पार्टी की मजबूती के लिए काम किया है।" लेकिन उन्होंने आगे आरोप लगाया कि पिछले कुछ महीनों से संगठन में ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं जो पार्टी और उसके भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।
संगठन की अनदेखी और 'बाहरी' को प्राथमिकता
अजय मंडल ने अपनी चिट्ठी में साफ़ तौर पर कहा कि ज़िला अध्यक्ष और स्थानीय नेतृत्व की राय को पूरी तरह से अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने अपनी निष्ठा याद दिलाते हुए लिखा कि 2019 में जब वह सांसद बने थे, तब पूरे बिहार में हुए उपचुनावों में, जहां भी JDU ने चुनाव लड़ा था, सिर्फ़ उनकी ही सीट पर और उनके नेतृत्व में जीत मिली थी। इसे उन्होंने JDU के प्रति अपनी सच्ची निष्ठा और जनता के विश्वास का प्रतीक बताया।
लेकिन अब जब पार्टी के कुछ लोग उनके ही लोकसभा क्षेत्र में टिकट बांटने का काम कर रहे हैं और संगठन को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं, तो यह स्थिति उन्हें बेहद दुखद लगी है। उनका सीधा आरोप है कि पार्टी में 'बाहरी लोगों' को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे पार्टी की ज़ड़ें कमज़ोर होंगी।
आत्मसम्मान का सवाल
अजय मंडल ने अपनी चिट्ठी में सबसे गंभीर आरोप यह लगाया है कि उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने का समय भी नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने लिखा, "मुझे आपसे मिलने नहीं दिया जा रहा है, ऐसे में अपने आत्मसम्मान और पार्टी के भविष्य की चिंता करते हुए सांसद पद पर बने रहने का क्या औचित्य है।"
अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए अजय मंडल ने आत्मसम्मान और संगठन के प्रति अपनी सच्ची निष्ठा के साथ मुख्यमंत्री से विनम्र अनुरोध किया है कि उन्हें उनके सांसद पद से इस्तीफ़ा देने की अनुमति प्रदान की जाए। अजय मंडल का यह कदम चुनावी माहौल के बीच JDU के अंदरूनी कलह को उजागर करता है और यह सवाल उठाता है कि क्या टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के भीतर बड़े स्तर पर असंतोष फैल रहा है।
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