मैट्रिक फेल नेताओं का जलवा बरकरार! 8% उम्मीदवार ऐसे जो केवल साक्षर, फिर भी पॉलिटिक्स में क्यों है इनका 'दबदबा'?

Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव: इस बार उम्मीदवारों में शिक्षा का स्तर बढ़ा है, लेकिन करीब 8% ऐसे हैं जिन्होंने मैट्रिक भी नहीं किया। फिर भी, इनका जनाधार मजबूत है। कुछ साक्षर हैं, तो कुछ ने सातवीं-नौवीं तक पढ़ाई की है। जानें इन उम्मीदवारों का चुनावों पर असर।

Harsh Sharma
Published on: 22 Oct 2025 2:03 PM IST (Updated on: 22 Oct 2025 2:03 PM IST)
मैट्रिक फेल नेताओं का जलवा बरकरार! 8% उम्मीदवार ऐसे जो केवल साक्षर, फिर भी पॉलिटिक्स में क्यों है इनका दबदबा?
X

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में इस बार राजनीति का चेहरा थोड़ा अलग नजर आ रहा है। अब सिर्फ जाति या जनाधार ही नहीं, बल्कि उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता भी अहम मापदंड बन गई है। चुनाव आयोग को दिए गए नामांकन शपथपत्रों से यह सामने आया है कि एनडीए और महागठबंधन के करीब 62 फीसदी प्रत्याशी ग्रेजुएट या उससे अधिक शिक्षा प्राप्त हैं। यह आंकड़ा यह दिखाता है कि बिहार की राजनीति में अब ‘शिक्षित उम्मीदवार’ एक नई दिशा तय कर रहे हैं।

कुल मिलाकर, दो दर्जन से अधिक उम्मीदवारों के पास इंजीनियरिंग या पीएचडी की डिग्री है। इसके अलावा, तीन उम्मीदवारों के पास डी-लिट जैसी उच्च शिक्षा की डिग्री है। 17 उम्मीदवार एलएलबी, 12 इंजीनियरिंग, 12 पीएचडी, 5 एमबीबीएस, 3 एमबीए और 2 एमफिल डिग्रीधारी हैं। वहीं, लगभग 8% उम्मीदवार नॉन-मैट्रिक हैं, जिनमें सात साक्षर हैं और एक दर्जन ऐसे हैं जिन्होंने सातवीं से नौवीं कक्षा तक की पढ़ाई की है।

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार शैक्षिक योग्यता को लेकर उम्मीदवारों का प्रोफाइल काफी दिलचस्प है। कुल 28 उम्मीदवार पोस्ट-ग्रेजुएट हैं, जबकि 66 उम्मीदवार ग्रेजुएट हैं। इसके अलावा, 47 उम्मीदवार इंटरमीडिएट तक शिक्षा प्राप्त हैं, और 24 उम्मीदवार मैट्रिक पास हैं। लगभग 8% उम्मीदवार नॉन-मैट्रिक हैं। इनमें से 17 प्रत्याशी ऐसे हैं, जिन्होंने कानून की पढ़ाई की है (LLB) और वे कानून, शासन और प्रशासन की बारीकियों को समझने की क्षमता रखते हैं।

इसके अलावा, 12 उम्मीदवारों के पास इंजीनियरिंग की डिग्री है, जिनमें लखीसराय से विजय कुमार सिन्हा (भा.ज.पा.), राजगीर से विश्वनाथ चौधरी (CPI), इस्लामपुर से रूहेल रंजन (जदयू), कांटी से अजीत कुमार (जदयू), साहेबगंज से राजू कुमार सिंह (भा.ज.पा.), वैशाली से संजीव सिंह (कांग्रेस), महनार से रवींद्र कुमार सिंह (राजद), वारिसनगर से मांजरिक मृणाल (जदयू), उजियारपुर से प्रशांत कुमार (रालोमो), राजद से आलोक कुमार मेहता, और दो निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं।

इसके अलावा, 5 उम्मीदवारों के पास एमबीबीएस की डिग्री है, जिनमें डॉ. सुनील कुमार (भा.ज.पा.), सियाराम सिंह (भा.ज.पा.), डॉ. करिश्मा (राजद), डॉ. संजीव कुमार (राजद), और मुकेश रौशन (राजद) शामिल हैं। तीन उम्मीदवारों के पास एमबीए की डिग्री है, जिनमें अमर पासवान (राजद), कोमल सिंह (जदयू), और संजय सरावगी (भा.ज.पा.) शामिल हैं। इसके अलावा, दो उम्मीदवार एमफिल डिग्रीधारी हैं, जिनमें धनंजय (भोरे, माले) और सुजीत कुमार (गौरा बौराम, भा.ज.पा.) शामिल हैं।

कुछ उम्मीदवारों के पास उच्चतम शैक्षिक डिग्रियां भी हैं। सम्राट चौधरी (तारापुर, भा.ज.पा.), मुरारी मोहन झा (केवटी, भा.ज.पा.), और रामानुज कुमार (सोनपुर, राजद) के पास डी-लिट डिग्री है। जबकि पीएचडी धारक उम्मीदवारों में डॉ. संजीव चौरसिया (भा.ज.पा.), डॉ. रामानंद यादव (राजद), डॉ. इंद्रदीप चंद्रवंशी (कांग्रेस), शतानंद (साहेबपुर कमाल, राजद), चंदन कुमार (खगड़िया, कांग्रेस), रेणु कुमारी (बिहारीगंज, राजद), रमेश ऋषिदेव (सिंहेश्वरस्थान, जदयू), जिवेश कुमार (जाले, भा.ज.पा.), रामचंद्र प्रसाद (हायाघाट, भा.ज.पा.), अरुण कुमार सिंह (बरूराज, भा.ज.पा.), और विनय चौधरी (बेनीपुर, जदयू) शामिल हैं। जहां एक तरफ इस बार चुनाव में शिक्षित उम्मीदवारों की संख्या बढ़ी है, वहीं राजनीति के पुराने समीकरण अब भी कायम हैं। करीब 8% उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने मैट्रिक भी नहीं किया है, लेकिन उनका जनाधार बहुत मजबूत है। इनमें से कुछ केवल साक्षर हैं, जबकि कुछ ने सातवीं या आठवीं तक ही पढ़ाई की है।

1 / 4
Your Score0/ 4
Harsh Sharma

Harsh Sharma

Mail ID - [email protected]

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!