नीतीश कुमार के खिलाफ मैदान में उतरेंगे प्रशांत किशोर? बिहार में होगा अब असली चुनावी घमासान

बिहार चुनाव 2025 में पीके की सीट पर सस्पेंस, नीतीश या तेजस्वी के मैदान में उतरने पर लेंगे फैसला

Harsh Sharma
Published on: 3 Sept 2025 3:55 PM IST
नीतीश कुमार के खिलाफ मैदान में उतरेंगे प्रशांत किशोर? बिहार में होगा अब असली चुनावी घमासान
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Bihar election 2025: दो साल तक बिहार की सियासत में लगातार सक्रिय रहने के बाद जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इशारों-इशारों में साफ कर दिया है कि वो चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव लड़ते हैं, तो वह भी जरूर मैदान में ताल ठोकेंगे। बिहार तक कॉन्क्लेव में पीके ने यह भी कहा कि अगर वे चुनाव लड़ेंगे, तो अपनी जन्मभूमि या कर्मभूमि से ही उतरेंगे। यानी सीट को लेकर उन्होंने सीधा नाम तो नहीं बताया, लेकिन संकेत जरूर दे दिए। प्रशांत किशोर पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि उनकी पार्टी सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। लेकिन उनकी खुद की सीट को लेकर अब तक सस्पेंस बना हुआ है।

2025 में प्रशांत किशोर की चुनावी रणनीति पर सबकी निगाहें

सवाल यही है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में पीके सिर्फ अपनी पार्टी का चेहरा रहेंगे या फिर खुद भी चुनावी जंग में उतरेंगे। उन्होंने यह साफ किया है कि सबकुछ नीतीश कुमार के फैसले पर निर्भर करेगा। अगर नीतीश चुनाव लड़ते हैं तो पीके भी जरूर मैदान में होंगे। अब देखना यह है कि वह नीतीश के सामने उतरेंगे या किसी दूसरी सीट से किस्मत आजमाएंगे।

प्रशांत किशोर की सीट को लेकर बना सस्पेंस

प्रशांत किशोर किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है। जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चेहरे माने जाने वाले पीके ने साफ किया है कि यह फैसला पार्टी ही करेगी। उनका कहना है, "हम पार्टी से बड़े नहीं हैं। अगर नीतीश कुमार चुनाव लड़ते हैं तो मैं भी मैदान में जरूर उतरूंगा। पीके ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार पिछले करीब 20 साल से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। वहीं अगर पार्टी तय करती है कि उन्हें तेजस्वी यादव के खिलाफ उतरना है, तो वे इसके लिए भी तैयार हैं। लेकिन उन्होंने साफ कहा कि दूसरों के खिलाफ लड़ने का कोई खास मतलब नहीं है।

अपनी संभावित सीट पर उन्होंने कहा कि दो जगहों से चुनाव लड़ना सही रहता है। अगर उन्हें चुनाव लड़ना होगा तो या तो जन्मभूमि से उतरेंगे या फिर कर्मभूमि से। जन्मभूमि की बात करें तो सासाराम या करगहर उनकी पसंद हो सकती है। वहीं कर्मभूमि की दृष्टि से राघोपुर अहम सीट मानी जाएगी। जो भी सीट पीके चुनेंगे, वह विधानसभा चुनाव में चर्चा की सबसे बड़ी वीआईपी सीट बन जाएगी।

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